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गोरखपुर नगर निगम: इस बार घूंघट के दम पर मूछों पर ताव देंगे कई निवर्तमान पार्षद
अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Sat, 01 Apr 2023 03:35 PM IST
सार
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संत झूलेलाल नगर से निवर्तमान पार्षद एहतराम हुसैन ओबीसी के लिए आरक्षित होने से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। सपा नेता एवं इलाबाहीबाग वार्ड से निवर्तमान पार्षद असमत खातून की सीट इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई।
गोरखपुर नगर निगम वार्डों के आरक्षण की स्थिति साफ होने के बाद कई निवर्तमान पार्षदों को मायूसी हाथ लगी है। बिना लड़े ही वे चुनावी दौड़ से बाहर हो गए हैं। ऐसे में अब ये घूंघट के दम पर चुनाव में अपनी मूछों पर ताव देने की कोशिश में जुट गए हैं। हालांकि कई दिग्गजों के लिए यह सूची राहत भरा संदेश लेकर भी आई है।
नगर निगम चुनाव के लिए मेयर के अलावा वार्डों के आरक्षण की तस्वीर साफ होने के बाद भाजपा के कई निवर्तमान पार्षदों झटका लगा है। शाहपुर वार्ड से निवर्तमान पार्षद चंद्रशेखर सिंह, शक्तिनगर से आलोक सिंह विशेन, बशारतपुर से राजेश तिवारी और राप्तीनगर से बृजेश सिंह छोटू महिला सीट होने के कारण चुनाव की दौड़ से बाहर हो गए।
ऐसे में आलोक सिंह विशेन अपनी पत्नी रिम्मी सिंह विशेन और चंद्रशेखर सिंह अपनी मां ज्ञानती देवी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। ज्ञानती देवी पहले भी पार्षद का चुनाव जीत चुकी हैं। राजेश तिवारी अपनी पत्नी सुमन तिवारी और बृजेश सिंह छोटू अपनी पत्नी पूनम सिंह को चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं। वहीं, मंतालाल यादव को एक बार फिर इंतजार करना पड़ेगा। इस बार भी वह अपनी पत्नी को पार्षद का चुनाव लड़ाने को तैयार हैं।
वहीं, चरगावां सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित होने से निवर्तमान पार्षद संतराज शर्मा चुनावी मैदान से बाहर हो गए हैं। नकहा से निवर्तमान पार्षद राजेश यादव सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से बाहर हो गए, तो माधवनगर से निवर्तमान पार्षद महेश पासवान एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद नगर से रिंकी देवी भी पिछड़ा वर्ग के लिए सीट आरक्षित होने से चुनावी रेस से बाहर हो गई हैं।
संत झूलेलाल नगर से निवर्तमान पार्षद एहतराम हुसैन ओबीसी के लिए आरक्षित होने से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। सपा नेता एवं इलाबाहीबाग वार्ड से निवर्तमान पार्षद असमत खातून की सीट इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई।
वीर सिंह सोनकर के लिए राहत, लच्छीपुर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
वार्डों के आरक्षण की सूची वीर सिंह सोनकर के लिए राहत भरा संदेश लेकर आई है। यह वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है । हालांकि बृहस्पतिवार को देर रात तक ऊहापोह की स्थिति बनी रही। पहले जारी सूची में लच्छीपुर वार्ड महिला के लिए सुरक्षित किया गया। लेकिन शुक्रवार की भोर में जारी सूची में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए घोषित हुई है। ऐसे में निवर्तमान पार्षद वीर सिंह सोनकर के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है।
दो अन्य मनोनीत पार्षदों को भी नई सूची से राहत मिली है। गिरधरगंज से पार्षद रहे रणंजय सिंह जुगनू ने पिछली बार आरक्षण के पेच के बाद अपनी मां को चुनाव में उतारा था। लेकिन उन्हें निर्दल ममता सिंह ने 1000 वोटों से अधिक के अंतर से हरा दिया था।
अब सीट अनारक्षित हो गई है। जिससे रणंजय सिंह जुगनू खुद दावेदारी कर सकते हैं। वहीं, पिछली बार राजेन्द्र नगर पश्चिमी का आरक्षण अनुसूचित महिला था, जिससे भाजपा के धर्मदेव चौहान चुनाव नहीं लड़ सके थे। इस बार नवगठित वार्ड डॉ.राजेन्द्र प्रसाद नगर का आरक्षण पिछड़ा वर्ग है। ऐसे में धर्मदेव चौहान के चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है।
वार्डों की आरक्षण सूची कई के चेहरे पर मुस्कान लेकर भी आई है। भाजपा नेता और निवर्तमान उपसभापति ऋषिमोहन वर्मा इस बार चौथी बार निगम पार्षद के लिए ताल ठोकेंगे। उनका वार्ड पिछड़ा वर्ग से अनारक्षित हो गया है। सिविल लाइन प्रथम से निवर्तमान पार्षद अजय राय तीसरी बार ताल ठोकेंगे। नगर निगम के पूर्व उपसभापति सपा नेता जिलाउल इस्लाम एवं देवेंद्र गौड़ पिंटू पांचवीं बार ताल ठोक सकेंगे।
जियाउल वार्ड संख्या 76 घंटाघर से तो देवेंद्र गौड़ पिंटू सिविल लाइंस वार्ड दो से निवर्तमान पार्षद हैं। वहीं, बेतियाहाता वार्ड से सपा नेता विश्वजीत त्रिपाठी दूसरी बार तो मानसरोवर नगर से निवर्तमान पार्षद रमेश यादव चौथी बार चुनाव लड़ सकेंगे। सपा के बैनर तले 2006 में संजय की मां, दाउदपुर वार्ड से चुनाव जीती थीं। उसके बाद सपा के बैनर तले संजय यादव लगातार दो बार पार्षद रहे हैं।
मेयर की सीट सामान्य होने से बढ़ी दावेदारों की फौज
गोरखपुर के मेयर की सीट सामान्य घोषित होने के बाद दावेदारों की फौज बढ़ गई है। बैनर-पोस्टर से लेकर सोशल मीडिया पर सभी दावेदार अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगे हैं। भाजपा की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में ये सभी शक्ति प्रदर्शन कर अपनी-अपनी दावेदारी जताने में जुटे हैं। शुक्रवार को क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय के स्वागत में महापौर के आधा दर्जन दावेदार शक्ति प्रदर्शन करते नजर आए। वहीं कई दावेदार विभिन्न जातिगत वाट्सएप ग्रुपों और संगठन के जरिए अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं।
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