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न्यू बोर्न बेबी है गोरखपुर एम्स, इस पर अधिक काम करने की जरूरत: बघेल

Gorakhpur Bureau गोरखपुर ब्यूरो
Updated Fri, 09 Jun 2023 01:20 AM IST
Gorakhpur AIIMS is new born baby, more work needs to be done on it: Baghel

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने एम्स का निरीक्षण किया
बोले, लगातार बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले, वैज्ञानिक कर रहे काम जल्द टीका आने की उम्मीद
एम्स में मिल रही सुविधाओं की ली जानकारी, स्किल लैब का उद्घाटन किया
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा भवन बहुत सुंदर बना है। यहां आने पर लू नहीं लगेगी, गर्मी और बारिश से बचाव होगा, लेकिन एम्स खोलने का उद्देश्य यह नहीं है। फैकल्टी नहीं होगी तो पढ़ाई, इलाज और शोध कैसे होगा। इसके लिए शिक्षक सबसे जरूरी हैं। क्योंकि, एम्स पर लोग आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। इस भरोसे को बनाए रखना होगा। इन सबके बीच उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स न्यू बोर्न बेबी है, इस पर अभी और काम करने की जरूरत है।
वह बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे थे। उन्होंने एम्स में पहुंचकर परिसर में स्थित मेडिकल काॅलेज का निरीक्षण किया और स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। कहा कि वर्षों की मेहनत के बाद एम्स की साख बनी है, इसे बनाए रखना है। कहा कि कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस पर भारत के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कैंसर का भी कोई टीका आ जाए। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 1998 पहली बार सांसद बना था तो एक कैंसर का मरीज आया था। दूसरी बार सांसद बना तो माह में कैंसर का एक मरीज मेरे पास आता था और एम्स में दिखाने के लिए पत्र लिखवाता था। इसके बाद सप्ताह में एक, फिर रोज एक और जब छठीं बार मैं सांसद बना हूं तो रोज 20 कैंसर के मरीज एम्स में इलाज करवाने के लिए पत्र लिखवाने आते हैं। इसलिए इलाज के साथ एम्स को शोध पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। अंत में जाते-तो चौथे मंजिल पर बनी स्किल लैब का उद्घाटन किया और बोले कि जल्द ही एम्स में समय लेकर आऊंगा। इस मौके पर राज्य सभा सदस्य डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, कम्युनिटी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. हरिशंकर जोशी, डॉ. रवि कुमार आदि मौजूद रहे।

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एम्स निदेशक से समस्या पूछी, निदेशक बोलीं-डॉक्टर नहीं हैं
मंत्री ने कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर से समस्याओं के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि 183 फैकल्टी की जगह केवल 100 फैकल्टी हैं। इसकी वजह से दिक्कतें हैं। बताया कि पहले चरण में ओपीडी और अंतरंग रोगी विभाग (आईपीडी) की शुरुआत कर दी गई है। दूसरे चरण में जल्द ही सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं शुरू की जाएंगी। इसकी तैयारी चल रही है। जुलाई माह से पीजी की भी पढ़ाई शुरू होगी।
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66 वर्षों में जो नहीं हुए, उससे कही अधिक नौ वर्षों में हो गए
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि जो काम 66 वर्षों में हुए हैं। उससे कहीं अधिक काम नाै वर्षों में हो गए हैं। कोरोना महामारी में सरकार ने केवल आठ से 10 माह तक वैक्सीन तैयार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना प्रबंधन की प्रशंसा डब्लूएचओ ने भी की। कालाजार और इंसेफेलाइटिस जैसी बीमरियों पर पूरी तरह से काबू पाया गया है।
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