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Naya Gorakhpur: नया गोरखपुर के लिए दूसरी बार किसानों से संवाद शुरू करेगा GDA, दावा; मान जाएंगे लोग

अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Wed, 31 May 2023 04:05 PM IST
सार

जीडीए सचिव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि नया गोरखपुर के लिए फिर से संबंधित गांवों के किसानों से संवाद शुरू किया जाएगा। जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कई किसान, जमीन देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सहमति पत्र पर दस्तखत भी कर दिए हैं। जल्द ही उनके जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।

GDA will start dialogue with farmers for second time for Naya Gorakhpur
गोरखपुर विकास प्राधिकरण - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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नया गोरखपुर परियोजना के मद्देनजर जमीन के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए), एक बार और किसानों से संवाद शुरू करने जा रहा है। पहले चरण में किसानों के तैयार नहीं होने ने निराश जीडीए दूसरी बार फिर उन्हें मनाएगा। पहले चरण की नाकामी के बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से वार्ता की थी।



उन्होंने जोर जबरदस्ती के बजाए किसानों को योजना का लाभ समझाते हुए उन्हें तैयार करने को कहा था। प्राधिकरण दूसरे चरण में फिर प्रयास शुरू ही करता कि निकाय चुनाव का बिगुल बज गया। चुनावी व्यस्तता में यह कवायद सुस्त पड़ गई थी। प्राधिकरण अब फिर इसे शुरू करने जा रहा है।


जीडीए अधिकारियों का दावा है कि कई किसान जमीन देने को राजी भी हो गए हैं। जल्द ही उनकी रजिस्ट्री प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। जो रुठे हैं, उन्हें भी मना लिया जाएगा। हालांकि प्राधिकरण, जमीन देने के लिए तैयार किसानों की संख्या नहीं बता पा रहा। उधर अभी भी कई किसानों का कहना है कि जबतक वर्तमान दर पर मुआवजा नहीं दिया जाएगा, वे जमीन नहीं देंगे।

 

छह हजार एकड़ क्षेत्रफल में नया गोरखपुर विकसित करने का प्रस्ताव है। प्राधिकरण ने शहर के उत्तर दिशा में बालापार-महराजगंज मार्ग के गांवों एवं कुसम्ही क्षेत्र में कुशीनगर रोड के गांवों में जमीन अधिग्रहण की कार्ययोजना बनाई है। पहले 60 गांवों से जमीन अधिगृहीत करने की तैयारी थी लेकिन विस्तृत सर्वे के बाद पता चला कि 24 गांवों से ही छह हजार एकड़ भूमि की जरूरत पूरी हो जाएगी।

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने सचिव, प्रभारी मुख्य अभियंता और अभियंताओं आदि की टीम गठित की थी और हर गांव के किसानों से दो-दो बार संवाद कराया था। मगर किसान माने नहीं। केवल एक गांव दौलतपुर के नौ किसान ही जमीन देने पर सहमत हुए।

जबकि, अन्य गांवों के किसानों ने यह कहते हुए जमीन देने से इन्कार कर दिया कि प्रशासन सात साल पहले तय सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दे रहा है जो वर्तमान बाजार दर का आधा भी नहीं है। कुछ किसान जमीन देना ही नहीं चाहते। उनका कहना है कि यहां खेती कर ही वह घर का खर्च चलाते हैं। वहीं प्राधिकरण सर्किल रेट के चार गुणा के बराबर मुआवजे की राशि को पर्याप्त बता रहा है।

जीडीए सचिव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि नया गोरखपुर के लिए फिर से संबंधित गांवों के किसानों से संवाद शुरू किया जाएगा। जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कई किसान, जमीन देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सहमति पत्र पर दस्तखत भी कर दिए हैं। जल्द ही उनके जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। जो बाकी बचे हैं, उन्हें भी मना लिया जाएगा। योजना आएगी तो उनके भी क्षेत्र का विकास होगा।

 
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