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बदल रहा गोरखपुर: कच्ची के लिए बदनाम खोराबार, अब बीमारी नहीं, देगा सेहत-विकास

अरुण चन्द, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Tue, 28 Mar 2023 01:46 PM IST
सार

जीडीए की ओर से बसाई जाने वाली मेडिसिटी उच्च स्तरीय सुविधाओं वाली होगी। मेडिसिटी में 8 बड़े भूखंड, बड़े अस्पतालों/ नर्सिंग होम्स के लिए होंगे। इसके अलावा 16 भूखंड मध्यम आकार के नर्सिंग होम्स के लिए, 48 भूखंड छोटे आकार के नर्सिंग होम्स के लिए आवंटित किए जाएंगे।

GDA Khorabar Township and Medicity scheme will become driver of economic development
यही से शुरुआत होगा खोराबार टाउनशिप व मेडिसिटी का। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार

गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की खोराबार टाउनशिप और मेडिसिटी योजना, खोराबार व उसके आस-पास के क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक विकास की वाहक बनेगी। लंबे समय से कच्ची शराब के लिए बदनाम इस क्षेत्र में ऊंची-ऊंची इमारतें, चौड़ी सड़कें, स्कूल, होटल, रेस्त्रां के साथ ही हॉस्पिटल, डाग्नोस्टिक सेंटर आदि की भी सुविधा विकसित होगी।



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंगलवार को इस योजना की आधारशिला रखेंगे। नींव पड़ते ही बदलाव का क्रम शुरू हो जाएगा, जिसे क्षेत्र के लोग भी महसूस कर रहे हैं। सभी में जश्न का माहौल है। किसी को लैंड मार्क मिल जाने की खुशी है तो कोई यह सोचकर खुश है कि अब उन्हें जरूरी सुविधाओं के लिए शहर की तरफ जाने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा।


महिलाएं ज्यादा खुश हैं। उनका मानना है कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉलोनी बसेगी, तो सुरक्षा भी बढ़ेगी। शाम होते ही कच्ची शराब पीकर सड़क पर माहौल खराब करने वालों पर लगाम लगेगा। चोरी की घटनाएं रुकेंगी। जिनके घर के व्यक्ति शराब की लत में पड़ गए हैं, उनके परिवार वाले भी खुश हैं।

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उनका मानना है कि क्षेत्र में ही पुलिस स्टेशन बन जाने और माहौल बदल जाने से कच्ची का धंधा ही खत्म हो जाएगा तो लोग इस जहर को पीना भी बंद कर देंगे। पढ़ाई के लिए बच्चों को लंबी दूरी तय कर शहर के स्कूलों में नहीं जाना पड़ेगा। यहीं पर स्कूल खुल जाएंगे। मेडिसिटी विकसित हो जाने से बेहतर इलाज की भी सुविधा मिलने लगेगी।
 

184 एकड़ में विकसित होगी खोराबार योजना

खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना 184 एकड़ में विकसित होगी। इसमें 109.25 एकड़ में टाउनशिप और 74.25 एकड़ में मेडिसिटी का विकास किया जाएगा। खोराबार टाउनशिप में विभिन्न श्रेणी के 692 प्लॉट, बहुमंजिला भवन के लिए ग्रुप हाउसिंग के 7 प्लाट, निम्न आय वर्ग (ईडब्लूएस) व अल्प आय वर्ग (एलआईजी) के लिए एक प्लॉट की डिजाइनिंग की गई है। बहुमंजिला भवनों में अलग-अलग श्रेणी के कुल 2080 फ्लैट बनाए जाएंगे। इसके अलावा टाउनशिप में व्यावसायिक भूखंड, दुकानों, विद्यालयों, क्रीड़ास्थल व पार्कों का भी प्रस्ताव है।

उच्च स्तरीय सुविधाओं वाली होगी मेडिसिटी
जीडीए की ओर से बसाई जाने वाली मेडिसिटी उच्च स्तरीय सुविधाओं वाली होगी। मेडिसिटी में 8 बड़े भूखंड, बड़े अस्पतालों/ नर्सिंग होम्स के लिए होंगे। इसके अलावा 16 भूखंड मध्यम आकार के नर्सिंग होम्स के लिए, 48 भूखंड छोटे आकार के नर्सिंग होम्स के लिए आवंटित किए जाएंगे। इसी तरह आयुष चिकित्सा तथा आवासीय क्लिनिक के लिए भी एक-एक भूखंड की व्यवस्था बनाई गई है। मेडिसिटी में होटल, व्यावसायिक, मल्टीलेवल पार्किंग, पुलिस चौकी, फायर स्टेशन के लिए भूखंड व पार्क का भी प्रावधान किया गया है।

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दो दशक पहले अधिगृहीत की गई थी जमीन, परवान नहीं चढ़ पा रहीं थी योजनाएं
जीडीए ने खोराबार में करीब दो दशक पहले 184.17 एकड़ जमीन अधिगृहीत की थी। मगर, प्राधिकरण समय से कब्जा नहीं ले सका। नतीजा यह हुआ कि कई लोगों ने जमीन ही नहीं छोड़ी, तो कुछ ने जमीन का मुआवजा लेने के बाद भी दूसरों को जमीनें बेंच दीं। मौके पर कुछ कच्चे-पक्के निर्माण अब भी हैं। इन दो दशकों में कब्जा लेने पहुंची जीडीए की टीम को वहां कई बार विरोध झेलने के बाद वापस लौटना पड़ा।

कई बार योजनाएं बनीं लेकिन कब्जा नहीं मिल पाने की वजह से परवान नहीं चढ़ पाईं। अब भी कुछ लोगों ने मुआवजा नहीं उठाया है, तो कुछ मामले कोर्ट में चल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद जीडीए ने यहां योजनाबद्ध तरीके से कब्जा लेने का प्रयास शुरू किया। कुछ भूंखडों को लेकर चल रहा विवाद भी सुलझाया गया। कुछ बाकी हैं। प्राधिकरण ने फिलहाल इन्हें छोड़कर बाकी बड़े हिस्से के विकास का निर्णय लिया। छह महीने की मेहनत के बाद योजना बनी और मंगलवार को मुख्यमंत्री इसका शिलान्यास करेंगे। बाद में मामला सुलझने के बाद मौके पर हुआ बाकी निर्माण भी हटाया जाएगा।

खुशी के बोल

GDA Khorabar Township and Medicity scheme will become driver of economic development
अभी पगड़ंडी के सहारे चलते हैं लोग खोराबार में। - फोटो : अमर उजाला।
सोचा नहीं था, इतनी जल्दी होगा विकास
खोराबार कालिंदी मिश्रा ने कहा कि तीन साल पहले जब जमीन लेकर मकान बनवाया गया था, तो सोचा नहीं था कि कभी इस क्षेत्र का भी इतना विकास होगा। जिस तरह की जीडीए की योजना है, लगता है हमें भी दो से तीन साल में शहर के मोहल्लों में रहने का अनुभव होने लगेगा।

नई पहचान मिलेगी
खोराबार निवासी सरिता मिश्रा ने कहा कि दो साल से अधिक समय से यहां रह रहे हैं। अभी तक कॉलोनी का कोई नाम ही नहीं पड़ पाया। खोराबार आवासीय व मेडिसिटी योजना लांच होने से हमें पहचान मिल जाएगी। किसी को भी पता बताना आसान होगा। पहले जो जानने वाले घर आते थे, वे भटक जाते थे।

सड़क, नाली की समस्या से मिलेगी निजात
खोराबार निवासी केशव प्रसाद ने कहा कि छह साल पहले जब घर बनवाया था तो अगल-बगल कोई आबादी ही नहीं थी। सड़क, नाली की समस्या से जूझना पड़ा। मुख्य सड़क तक जाने वाले मार्ग का हाल भी बहुत खराब है। अब जीडीए की परियोजना शुरू होने से यहां की सड़कें भी दुरुस्त हो जाएंगी।

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शाम होते ही माहौल हो जाता है खराब
खोराबार लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि शाम होते ही क्षेत्र का माहौल खराब हो जाता है। सड़क पर सुरक्षित चलना मुश्किल होता है। रात को बहुत जरूरी काम न पड़े तो हर कोई बाहर निकलने से बचता है। अब माहौल तो बदल ही जाएगा, इस क्षेत्र का भी विकास हो जाएगा। शहर जैसी सभी सुविधाएं मिलेंगी।

बदलाव दिखाई देने लगा
विश्वास पासवान ने कहा कि जीडीए का प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही क्षेत्र में बदलाव दिखाई पड़ने लगा है। सड़कें बन रही हैं। बिजली, पानी की व्यवस्था भी सही हो जाएगी। पुलिस चौकी खुलने पर सुरक्षा बढ़ जाएगी। इलाज कराना भी आसान होगा। शहर की तरह आधी रात में यहां भी रौनक बनी रहेगी।

क्षेत्र की भी सूरत बदल जाएगी
सूबा बाजार निवासी अभिजीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शहर में निरंतर विकास कार्य हो रहे हैं। जो इलाके पिछड़े थे वे भी आज चमक रहे हैं। लंबे समय से खोराबार क्षेत्र के विकास की तरफ व्यवस्था का ध्यान नहीं जा रहा था लेकिन अब यहां की भी सूरत बदल जाएगी। जीडीए की आवासीय एवं मेडिसिटी योजना से क्षेत्र में अमूलचूल विकास होगा। यहां की बड़ी आबादी को सभी तरह की जरूरी सुविधाएं मिलने लगेंगी।

इन्हें राहत की दरकार

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जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर। - फोटो : अमर उजाला।
खोराबार निवासी मोहन लाल ने कहा कि विकास के हम पक्षधर है। मैनें अपनी जमीन दे दी लेकिन मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि मुआवजे की राशि बढ़ाने पर विचार करें। क्षेत्र के लोगों को बहुत कम मुआवजा मिला है। वर्तमान दर बहुत अधिक है। मुख्यमंत्री जी की कृपा हुई तो हम लोगों की सभी समस्याओं का हल निकल जाएगा।

खोराबार निवासी जीवधन पासवान ने कहा कि जीडीए ने जबरन हमारी जमीन अधिगृहीत की थी। हमारे पास और कहीं जमीन नहीं हैं। पिछले दो दशक से घर का हर सदस्य यह सोचकर डरा रहता है कि हमें उजाड़ा गया तो कहां जाएंगे। इसके पहले जब भी जीडीए और प्रशासन हमें हटाने आता था, सांसद रहते हुए मुख्यमंत्री ही ढाल बनकर खड़े रहते थे। अब भी उन्हीं का सहारा है।

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खोराबार निवासी आशा देवी ने कहा कि कुल 24 डिसमिल जमीन है। तीन हिस्सेदार हैं। मेरे चार लड़के हैं। यदि जमीन दे दी तो सभी सड़क पर आ जाएंगे। जीडीए से बार-बार अनुरोध किया जा रहा है, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही। अधिकारी बोलते हैं कि पुलिस लगाकर जमीन छीन लेंगे। हमने मुआवजा भी नहीं लिया है। मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि वे हम लोगों के बारे में सोचें।

दयानंद पासवान ने कहा कि जबरन अधिग्रहण किया गया। जीडीए और प्रशासन ने यह नहीं सोचा कि हम जमीन दे देंगे तो जाएंगे कहां। मुआवजा भी आज से दो दशक पहले की दर पर दिया गया। वर्तमान में जमीन की दर कई गुना अधिक बढ़ गई है। जमीन हाथ से गई तो पूरा परिवार सड़क पर आ जाएगा। कल तक मुख्यमंत्री ही हम लोगों की लड़ाई लड़ते थे, अब तो उनसे मुलाकात ही नहीं हो पाती।

जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना की तैयारियां पूरी हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योजना की आधारशिला रखेंगे। जल्द ही फ्लैट, और भूखंड के लिए पंजीकरण भी शुरू हो जाएगा। यह योजना पूरी तरह से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है, जहां लोगों को सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर हर तरह की सुविधाएं मिलेंगी।  



 
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