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गोरखपुर के भालोटिया मार्केट से 36 लाख रुपये की नकली दवा फर्जी फर्म के नाम से मंगाने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यह फर्म पिछले तीन महीने से दवाएं मंगाकर बेच रहा था। लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक इसकी जांच भी विभाग ने शुरू कर दी है।
इसके बाद से भालोटिया के दवा व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों की माने तो विभाग को यह जानकारी मिल चुकी है नकली दवाओं की खेप कहां से आई थी। अब विभाग यह पता लगाने की कोशिश में जुटा हुआ है कि वहां से दवा लाने वाले व्यापारी कौन था और उसके फर्म का नाम क्या है?
जानकारी के मुताबिक गोरखपुर के एक व्यापारी ने करीब 36 लाख रुपये की ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं मंगाईं। इनमें से करीब 18 लाख की दवाएं एक बड़ी पार्टी ने लेकर लखनऊ भेज दिया। दिखाए गए सैंपल से बैच नंबर नहीं मैच होने पर जांच की गई तो पता चला कि दवाएं नकली हैं।
इसके बाद लखनऊ के व्यापारी ने सात जनवरी को सभी दवाएं वापस भेज दीं। फिर गोरखपुर के दो दवा दुकानदारों (दवा मंगाने वाले व उससे दवा खरीदने वाले) के बीच रुपयों को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद मामले की जानकारी ड्रग विभाग के पास पहुंच गई। विभाग ने मामले में जांच शुरू कर दी है। लेकिन जांच से पहले दवाएं भालोटिया से गायब कर दी गई है।
नकली दवाओं को मांगने और उसे बेचने के मामले में दो सगे भाईयों समेत सात दवा व्यापारी विभाग की रडार पर हैं। विभाग उनके दस्तावेजों को खंगालने में जुट गया है। विभाग की माने तो चार से पांच दिनों के अंदर मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। इस खुलासे में कई व्यापारियों के नाम आने के संकेत भी मिले हैं।
ट्रैक किया जा रहा है दवाएं कहां-कहां गई
36 लाख की नकली दवाओं में 18 लाख की दवाएं बिक भी गई है। ऐसे में अब विभाग बिकी हुई दवाओं को ट्रैक करने में जुट गया है, जिससे की समय रहते दवाओं की खेप को आम आदमी तक पहुंचने से रोका जा सके। क्योंकि बताया जा रहा है कि कई मेडिकल स्टोरों पर यह दवाएं पहुंच चुकी है। ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह दवाएं आम आदमी तक न पहुंची हों।
गोरखपुर के भालोटिया मार्केट से 36 लाख रुपये की नकली दवा फर्जी फर्म के नाम से मंगाने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यह फर्म पिछले तीन महीने से दवाएं मंगाकर बेच रहा था। लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक इसकी जांच भी विभाग ने शुरू कर दी है।
इसके बाद से भालोटिया के दवा व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों की माने तो विभाग को यह जानकारी मिल चुकी है नकली दवाओं की खेप कहां से आई थी। अब विभाग यह पता लगाने की कोशिश में जुटा हुआ है कि वहां से दवा लाने वाले व्यापारी कौन था और उसके फर्म का नाम क्या है?
जानकारी के मुताबिक गोरखपुर के एक व्यापारी ने करीब 36 लाख रुपये की ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं मंगाईं। इनमें से करीब 18 लाख की दवाएं एक बड़ी पार्टी ने लेकर लखनऊ भेज दिया। दिखाए गए सैंपल से बैच नंबर नहीं मैच होने पर जांच की गई तो पता चला कि दवाएं नकली हैं।
दो सगे भाईयों समेत सात व्यापारी रडार पर
इसके बाद लखनऊ के व्यापारी ने सात जनवरी को सभी दवाएं वापस भेज दीं। फिर गोरखपुर के दो दवा दुकानदारों (दवा मंगाने वाले व उससे दवा खरीदने वाले) के बीच रुपयों को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद मामले की जानकारी ड्रग विभाग के पास पहुंच गई। विभाग ने मामले में जांच शुरू कर दी है। लेकिन जांच से पहले दवाएं भालोटिया से गायब कर दी गई है।
नकली दवाओं को मांगने और उसे बेचने के मामले में दो सगे भाईयों समेत सात दवा व्यापारी विभाग की रडार पर हैं। विभाग उनके दस्तावेजों को खंगालने में जुट गया है। विभाग की माने तो चार से पांच दिनों के अंदर मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। इस खुलासे में कई व्यापारियों के नाम आने के संकेत भी मिले हैं।
ट्रैक किया जा रहा है दवाएं कहां-कहां गई
36 लाख की नकली दवाओं में 18 लाख की दवाएं बिक भी गई है। ऐसे में अब विभाग बिकी हुई दवाओं को ट्रैक करने में जुट गया है, जिससे की समय रहते दवाओं की खेप को आम आदमी तक पहुंचने से रोका जा सके। क्योंकि बताया जा रहा है कि कई मेडिकल स्टोरों पर यह दवाएं पहुंच चुकी है। ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह दवाएं आम आदमी तक न पहुंची हों।