{"_id":"64242af87a67ec30d500502c","slug":"dozen-buildings-of-indiranagar-in-danger-due-to-pit-dug-for-goraksh-enclave-basement-in-gorakhpur-2023-03-29","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"अमर उजाला लाइव: गोरखपुर आफत में जान, गोरक्ष एन्क्लेव की नींव से दरक रहीं आसपास के घरों की दीवारें","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
अमर उजाला लाइव: गोरखपुर आफत में जान, गोरक्ष एन्क्लेव की नींव से दरक रहीं आसपास के घरों की दीवारें
अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Wed, 29 Mar 2023 05:55 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
जीडीए प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है। ठेकेदार की ओर से एक दिन पहले ही जानकारी दी गई है कि कुछ लोगों ने अपना निजी निर्माण प्रभावित होने की शिकायत की है। मौके का निरीक्षण कर पूरी जानकारी लूंगा और उसी मुताबिक आगे जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
गोरक्ष एन्क्लेव के लिए खोदे गए गड्ढे के बाद पास के मकान की दीवार में पड़ी दरारे।
- फोटो : अमर उजाला।
गोरखपुर में नियमों की अनदेखी कर रामगढ़ताल के सामने स्थित चंपा देवी पार्क के पास बन रहे गोरक्ष एन्क्लेव की वजह से आसपास के लोगों की जान आफत में फंस गई है। सात तल की इस ग्रुप हाउसिंग इमारत की पाइलिंग एवं बेसमेंट के लिए खोदे गए करीब 20 फीट गहरे गड्ढे से आसपास के आधा दर्जन से अधिक घरों की, दीवारें, छत और चहारदीवारी में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं जो लगातार बढ़ती जा रही हैं।
क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि इस संबंध में उन्होंने ठेकेदार और जीडीए के अधिकारियों को कई बार सूचना और प्रार्थनापत्र दिया, मगर कोई सुनवाई ही नहीं हुई और माैके पर काम जारी है। उधर, जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी ही नही है। जांच कराएंगे।
तारामंडल स्थित लेक व्यू आवासीय परियोजना के बाद जीडीए ने पिछले साल अपनी दूसरी सबसे ऊंची इमारत वाली ग्रुप हाउसिंग परियोजना गोरक्ष एन्क्लेव शुरू की। सात तल वाली इस परियोजना में दो टॉवर होंगे जिनमें टू बीएचके और थ्री बीएचके के 90 फ्लैट बनाए जा रहे हैं। इमारत ऊंची होने की वजह से इसके पिलर के लिए काफी गहराई तक गड्ढा खोदा गया है। वर्तमान में बेसमेंट बनाने का काम चल रहा है।
परियोजना के दक्षिण कोई निर्माण नहीं है, लेकिन उत्तर की तरफ इंदिरा नगर कॉलोनी के आधा दर्जन से अधिक घर हैं। काम कराने वाले ठेकेदार ने इन घरों से सटे गड्ढा खोद दिया और प्राधिकरण के जिम्मेदारों ने भी आंखें मूंदे रखीं। करीब 20 फीट तक गहरे गड्ढे की वजह से इन सभी मकानों में पिछले साल अगस्त महीने के बाद से ही दरारें पड़ने लगी। पहले यह दरारे छोटी और हल्की थीं तो स्थानीय लोगों ने भी बहुत ध्यान नहीं दिया, लेकिन धीरे-धीरे यह बड़ी और गहरी होने लगी तो उनकी चिंता बढ़ गई।
कुछ लोगों ने सीमेंट-बालू के मसाले से इसे भरने की कोशिश की तो किसी ने एहतियातन संबंधित कमरे की तरफ आना-जाना ही बंद कर दिया। कुछ लोगों की छत भी दरक गई है। एक व्यक्ति के घर की नौ इंच चौड़ी दीवार के आर-पार दिखाई पड़ने लगा, उसकी मरम्मत करवाने के बाद अब दूसरी जगहों पर दरारें पड़ने लगी हैं। यहां रह रहे लोग डर में जी रहे हैं। उनका कहना है कि कहीं कोई अनहोनी हुई तो घर के सदस्यों की जान भी जा सकती है।
विज्ञापन
लोगों ने बताई अपनी पीड़ा
गोरक्ष एन्क्लेव के लिए खोदे गए गड्ढे के बाद पास के कच्ची सड़क भी धंस गई।
- फोटो : अमर उजाला।
घर के सभी लोग दहशत में हैं। जिंदगी भर पाई-पाई जुटाकर किसी तरह हम लोगों ने घर बनाया और अब जीडीए की लापरवाही से इसकी दीवारें और छत कमजोर हो गई हैं। जगह-जगह पड़ी दरारें डरा रही हैं। परियोजना के लिए जहां गड्ढा खोदा गया है, वहां से सटी चहारदीवारी तो कभी भी गिर सकती है। कई बार पति ने जीडीए में शिकायत की, लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया। - प्रीति सिंह, इंदिरानगर
पूरी तरह मनमाने तरीके से काम किया जा रहा है। एक आम आदमी भी देखकर यह जान सकता है कि किसी भी निर्माण से सटे इतना बड़ा गड्ढा खोदा जाएगा तो उसका क्या असर पड़ेगा, मगर जीडीए के अभियंताओं और ऊंची-ऊंची इमारतों का निर्माण कराने वाली फर्म के लोगों को यहां क्यों नहीं खतरा दिखा, यह अपने आप में आश्चर्य से कम नहीं है। - स्वयंप्रभा सिंह, इंदिरानगर
सेवानिवृत्त हो चुका हूं। जिंदगी भर की कड़ी मेहनत के बाद कैसे मकान बना, यह मैं ही जानता हूं। जीडीए की लापरवाही की वजह से पूरा घर टूट रहा है। दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं जो बढ़ती जा रही हैं। घर से मुख्य मार्ग पर जाने के लिए एक कच्चा रास्ता है, यह भी निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे की वजह से धंस गया है। शिकायत पर कोई सुनने वाला नहीं है। - हरि नारायण सिंह, इंदिरानगर
पीछे के कमरे की नौ इंच की दीवार पर इतना बडी दरार थी कि आर-पार दिखाई पड़ने लगा था। मरम्मत कराई मगर फिर दरार पड़ गई। छत भी दरक रही है। डर की वजह से कमरा ही खाली कर दिया। हर वक्त यह भय सताता है कि कोई अनहोनी न हो जाए। जीडीए के जिम्मेदारों को निर्माण शुरू कराने के पहले देखना चाहिए था कि अगल-बगल के निर्माण को नुकसान न हो। - राजकुमार चौरसिया, इंदिरानगर
बिल्कुल सटाकर बड़े क्षेत्रफल में गड्ढा खोदे जाने की वजह से काॅलोनी के आधा दर्जन से अधिक घरों की दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं। हम लोगों ने कई बार जीडीए में इसकी शिकायत दर्ज कराई लेकिन किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ा। ऐसा लग रहा है जैसे जिम्मेदार किसी घटना का इंतजार कर रहे हैं या उन्हें आम आदमी की पीड़ा से कोई वास्ता ही नहीं। ऐसे तो घर ही टूट जाएगा।- बीएन सिंह, इंदिरानगर
कॉलोनी के ज्यादातर लोग परेशान है। तमाम मुश्किलें झेलकर लोगों ने घर बनवाया। अब जीडीए की परियोजना के निर्माण में हो रही लापरवाही की वजह से घरों की दीवारें कमजोर हो गई हैं। घर की चहारदीवारी से लेकर भीतर की दीवारों तक पर दरारें पड़ गई हैं। - उर्मिला शुक्ला, इंदिरानगर
बोले एक्सपर्ट
गोरक्ष एन्क्लेव के लिए खोदे गए गड्ढे के बाद पास के मकान की दीवार में पड़ी दरारे।
- फोटो : अमर उजाला।
अभियंताओं का कहना है कि ऊंची इमारतों के पिलर की मजबूती के लिए मानक के मुताबिक गहराई तक गड्ढा खोदा जाता है। ऐसे में यह ध्यान रखा जाता है कि यदि आस-पास कोई निर्माण है तो उससे दूरी बनाकर ही खुदाई की जाए। प्राधिकरण के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह का भी कहना है कि सेट बैक छोड़कर ही गड्ढा खोदना चाहिए।
जीडीए प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है। ठेकेदार की ओर से एक दिन पहले ही जानकारी दी गई है कि कुछ लोगों ने अपना निजी निर्माण प्रभावित होने की शिकायत की है। मौके का निरीक्षण कर पूरी जानकारी लूंगा और उसी मुताबिक आगे जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।