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जंगल कौड़िया-सोनौली राजमार्ग मामला: मुआवजे को लेकर नहीं बनी सहमति, किसानों ने अफसरों को फिर लौटाया

संवाद न्यूज एजेंसी पीपीगंज। Published by: vivek shukla Updated Wed, 07 Jun 2023 02:29 PM IST
सार

डीएम कृष्णा करूणेश ने कहा कि वर्ष 2006 के बाद सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। लेकिन, प्रशासन बाजार रेट निकालने को भी तैयार है। इसके लिए उस इलाके में छह महीने की हुई रजिस्ट्री में लगे स्टैंप ड्यूटी का औसत निकालने का नियम है।

Compensation case of Goliganj Bypass Highway connected with Jangal Kauria Sonauli Highway
मांगों को लेकर प्रदर्शन करते किसान। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
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जंगल कौड़िया-सोनौली राजमार्ग से जुड़े गोलीगंज बाईपास हाईवे के मुआवजे में पेच का मामला गरमाता जा रहा है। मंगलवार को गोलीगंज गांव पहुंचे अफसरों को एक बार फिर किसानों ने यह कहते हुए लौटा दिया कि जब तक बाजार दर पर मुआवजा नहीं मिलेगा, बाईपास हाईवे का काम रुका रहेगा। किसानों ने यह भी निर्णय लिया है कि बुधवार को वे गोरखपुर में भूमि अध्याप्ति अधिकारी से मिलकर अपनी समस्या बताएंगे।



इसके पूर्व एक जून को भी किसानों ने बाईपास हाईवे का काम रुकवा दिया था। तब अधिकारियों ने उन्हें मनाने की काफी कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी। मंगलवार को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई), राजस्व विभाग व कार्यदायी संस्था पीएनसी के अधिकारी किसानों से बातचीत के लिए एक बार फिर गोलीगंज गांव पहुंचे। नायब तहसीलदार विजय यादव से किसानों ने कहा कि जब उनकी भूमि 2023 में अधिगृहित की जा रही है तो मुआवजा 2016 के सर्किल रेट से क्यों दिया जा रहा है। इस पर नायब तहसीलदार ने बताया कि 2016 के बाद से ही सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


इस पर आक्रोशित किसानों ने कहा कि यदि सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया तो इसका जिम्मेदार कौन है। किसानों ने यह भी कहा कि कई लोगों को मुआवजे की रकम अभी मिली नही है, फिर भी उनकी भूमि अधिगृहित की जा रही है। किसानों ने कहा कि जिस भूमि की खरीद पर 3 से 4 लाख रुपये प्रति डिसमिल की दर से स्टांप शुल्क दिया गया है, एनएचएआई उसी भूमि की काफी कम रकम दे रही है। किसान जेपी गुप्ता, गीता देवी, रजत गुप्ता ने एकबार फिर बंद खातों का मामला उठाया।

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उन्होंने कहा कि पहले उन्हें एनएचएआई की ओर जारी गजट के आधार पर रकम दी गई थी। बाद में कहा गया कि गलती से खातों में चार गुनी रकम चली गई है और बैंक खातों पर रोक लगा दी गई। तकरीबन दो घंटे की गहमागहमी के बाद किसानों ने यह निर्णय लिया कि बुधवार को भूमि अध्याप्ति अधिकारी से मिलकर समस्या के समाधान की मांग करेंगे। नायब तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि मामले को सुलझा कर ही बाईपास हाईवे का निर्माण कार्य कराया जाएगा। इस दौरान रामानंद मद्धेशिया, विमल जायसवाल, रजत गुप्ता, कमलेश, राकेश समेत कई किसान मौजूद रहे।

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डीएम कृष्णा करूणेश ने कहा कि वर्ष 2006 के बाद सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। लेकिन, प्रशासन बाजार रेट निकालने को भी तैयार है। इसके लिए उस इलाके में छह महीने की हुई रजिस्ट्री में लगे स्टैंप ड्यूटी का औसत निकालने का नियम है। हम किसानों को आमंत्रित कर रहे हैं कि उनके पास जो दस्तावेज हैं तो ले आएं। बैठकर बातचीत हो जाएगी। जहां तक जमीन के अधिग्रहण की बात है तो वह तो जरूर होगा।

एनएचएआई परियोजना के प्रबंधक भवेश अग्रवाल ने कहा कि समस्या के समाधान का रास्ता बातचीत से ही निकल पाएगा। अभी मैं प्रदेश से बाहर हूं। आते ही इस मसले को हल कराने की कोशिश करूंगा। किसानों से भी बात करके कोई न कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा।
 

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कहा-नहीं चाहिए चकबंदी

कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम बुढेली में मंगलवार को पहुंचे चकबंदी अधिकारी धीरेंद्र सिंह को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने गांव के प्राथमिक विद्यालय पर प्रदर्शन कर कहा कि जब हम चकबंदी नहीं चाहते, तो इसे जबरन क्यों थोपा जा रहा है। चकबंदी अधिकारी ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में उन्हें चकबंदी स्वीकार्य नहीं है।

गांव के प्राथमिक विद्यालय पर पहुंचे चकबंदी अधिकारी ने बातचीत शुरू की तो वहां पर मौजूद ग्राम प्रधान प्रतिनिधि एवं ग्रामीणों ने चकबंदी के विरोध में जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने कहा कि चकबंदी की कोई जरूरत नहीं है। कुछ लोग गांव में चकबंदी प्रक्रिया लागू कराकर साजिश रचने में लगे हैं। ग्रामीण रामचंद्र शर्मा, वृंदावन यादव, दीपचंद, वीरेंद्र यादव आदि ने बताया कि चकबंदी, किसानों के हित में नहीं है। इस प्रक्रिया को तत्काल निरस्त किया जाए।

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ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरविंद कुमार ने बताया कि चकबंदी प्रक्रिया की आड़ में कुछ लोग गांव में माहौल बिगाड़ रहे हैं। ग्रामीणों को चकबंदी अधिकारी ने समझाने की कोशिश की, लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं थे। चकबंदी अधिकारी ने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने चकबंदी को लेकर शिकायत की थी। इसी की जांच करने वह गांव में पहुंचे थे। जल्द ही ग्रामीणों से फिर से बातचीत कर मामले का समाधान निकाल लिया जाएगा।

डीएम कृष्णा करूणेश ने कहा कि बिना ग्राम सभा के प्रस्ताव दिए चकबंदी नहीं कराएंगे। अगर, ग्राम सभा की ओर से चकबंदी के लिए प्रस्ताव नहीं आया है और किसान खुद चकबंदी नहीं चाहते हैं तो नहीं कराएंगे।


 

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