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अंडरग्राउंड क्राइम: गोरखपुर में माफियाओं की कुंडली तैयार, अब बुलडोजर चलने की बारी
अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Sat, 10 Jun 2023 12:58 PM IST
जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे अंडरग्राउंड क्राइम में सक्रिय सभी माफिया अपने सिर्फ 10 नजदीकियों से ही मिल सकते हैं। मुलाकातियों के नाम को उन्हें पहले ही बताना होगा और फिर सत्यापन के बाद ही मुलाकात की अनुमति दी जाएगी।
बाएं से गोरखपुर के माफिया अजीत शाही, राकेश यादव, सुधीर सिंह और विनोद उपाध्याय।
- फोटो : अमर उजाला।
सत्ता बदलने के साथ ही अंडरग्राउंड होकर अपराध करने और पुलिस के सामने शराफत को चोला पहने बदमाशों की हकीकत सामने आने लगी है। गोरखपुर जिले के टॉप टेन की सूची में शामिल माफिया अजीत शाही, विनोद उपाध्याय हो या फिर सुधीर सिंह, राकेश यादव सभी ने अंडरग्राउंड क्राइम की राह पकड़ ली और काले धंधे से बड़ा अंपायर खड़ा कर लिया। इन माफिया के धंधे और संपत्ति की जानकारी पुलिस ने जुटा ली है और अब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू भी हो गई है।
पता चला है कि राकेश यादव के मकान का ध्वस्तीकरण संबंधी डीएम के आदेश का मामला कमिश्नर कोर्ट में चल रहा है। पुलिस उस केस में पैरवी कर ध्वस्तीकरण का आदेश लेने की फिराक में है। आदेश मिलते ही माफिया राकेश यादव के घर पर पुलिस का बुलडोजर चलेगा। जेल में बंद माफिया चंदन सिंह की वसूली पर भी पुलिस जांच कर रही है।
चिलुआताल उसके एक-एक करीबी की गतिविधियों पर नजर बनाए है, ताकि सुराग हाथ लगे और आगे की कार्रवाई की जा सके। इसी तरह माफिया अजीत शाही के बैंक और प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के रिकवरी के काम के अलावा इस अवैध कमाई से खरीदी गई नोएडा और लखनऊ के प्रापर्टी पर भी नजर पड़ गई है। पुलिस उनके कागजात को भी जुटा रही है। पुलिस ने मकान, जमीन संबंधी दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। पुराने केसों में सजा कराने के साथ ही जमीन और मकान को जब्त करने की भी पुलिस की तैयारी है।
जेल में सिर्फ 10 नजदीकियों से मिल पाएंगे माफिया
जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे अंडरग्राउंड क्राइम में सक्रिय सभी माफिया अपने सिर्फ 10 नजदीकियों से ही मिल सकते हैं। मुलाकातियों के नाम को उन्हें पहले ही बताना होगा और फिर सत्यापन के बाद ही मुलाकात की अनुमति दी जाएगी। सभी मुलाकातियों के नाम रजिस्टर में दर्ज होंगे और एलआईयू की मौजूदगी में ही मुलाकात कराई जाएगी।
पुलिस ने माफिया पर शिकंजा कसने के लिए जेल प्रशासन से वार्ता की थी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने सभी माफिया के मुलाकात के नियमों को सख्त कर दिया है। खबर है कि इसके नियम के बाद माफिया से मिलने को अपने करीबी भी तैयार नहीं हो रहे हैं।
जेल में बंद माफिया अजीत शाही और राकेश यादव के मुलाकातियों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। आलम यह है कि पुलिस अफसरों ने अब अपने ही पुलिस वालों पर भी भरोसा कम कर दिया है। इसकी वजह माफिया से उनकी सांठगांठ है। अब अगर विवेचक को भी माफिया से मिलना होता है तो उसे भी इस रजिस्टर में अपना नाम और उद्देश्य दर्ज कराना पड़ता है। जेल अधीक्षक ओपी कटियार बताते हैं, जेल में सीसी टीवी कैमरे लगे हैं। जेल प्रशासन की बदमाशों पर नजर होती है। किसी को भी मनमानी करने का मौका जेल प्रशासन नहीं देता है।
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