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Gorakhpur News: छात्रों की मांगों को मानने के लिए एम्स तैयार नहीं, जांच के लिए बनाई दो कमेटी

अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 01 Apr 2023 02:25 PM IST
सार

एम्स प्रशासन ने छात्रों की शिकायत के निस्तारण के लिए एक हाईपावर कमेटी गठित की है। इसके अलावा घटना की जांच और दोषियों की पहचान के लिए भी एक कमेटी बनाई है। यह भी फैसला लिया है कि हॉस्टल के तीन मुख्य गेट को रात 10 बजे बंद कर दिया जाएगा।

AIIMS not ready for demand of opening hostel gate
गोरखपुर एम्स। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आधी रात तक हॉस्टल गेट खुलवाने की मांग का मुद्दा गरमा गया है। एम्स प्रशासन छात्रों की मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी जगहों के एम्स का हवाला देकर वह खुद को सही बता रहा है। वहीं, मामले में आगे की कार्रवाई के लिए दो जांच कमेटियां बना दी हैं, जो 10 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट देंगी। छात्रों के अभिभावकों से भी राय ली जा रही है। अभिभावकों से शपथपत्र भी भरवाया जाएगा।



एम्स प्रशासन ने छात्रों की शिकायत के निस्तारण के लिए एक हाईपावर कमेटी गठित की है। इसके अलावा घटना की जांच और दोषियों की पहचान के लिए भी एक कमेटी बनाई है। यह भी फैसला लिया है कि हॉस्टल के तीन मुख्य गेट को रात 10 बजे बंद कर दिया जाएगा। छात्राओं के हॉस्टल के गेट 10:30 बजे और छात्रों के हॉस्टल के गेट रात 11:30 बजे बंद हो जाएंगे। छात्रों की मांगों को एम्स प्रशासन उनके अभिभावकों को भेजेगा। अभिभावकों से इस मामले में शपथपत्र के साथ सुझाव भी मांगे हैं।


एम्स के प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ. अमित रंजन ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि भुवनेश्वर के एम्स में छात्राओं के हॉस्टल रात 7:30 बजे बंद हो जाते हैं। छात्रों के हॉस्टल के गेट रात 8:30 बजे बंद हो जाते हैं। इसी तरह एम्स रायपुर, गुवाहाटी और जोधपुर के हॉस्टल के नियम भी मंगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर एम्स के हॉस्टल के गेट अधिकतम रात 10:30 बजे तक बंद हो जाते हैं। इस लिहाज से छात्र तार्किक और नैतिक मांग नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा है।

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आंदोलन कर रहे छात्रों ने नर्सिंग की छात्राओं को बाहर निकाला

रजिस्ट्रार ने बताया कि आंदोलन के दौरान छात्रों ने अनुशासनहीनता की हदें पार कर दी हैं। सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों को गाली दी है। उनके साथ अभद्रता की है। शिक्षकों और कर्मचारियों के आवास परिसर में प्रदर्शन किया है। छात्राओं के नर्सिंग हॉस्टल पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को मारपीट कर भगा दिया। इसमें एमबीबीएस के छात्र शामिल रहे। उन्होंने नर्सिंग हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को बाहर निकालने के लिए मजबूर किया।

10 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी
रजिस्ट्रार ने बताया कि छात्रों की गतिविधियों की जानकारी के लिए जांच कमेटी बनाई गई है। कमेटी मामले की रिपोर्ट दस अप्रैल को सौंपेगी। घटनाओं के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज भी एम्स प्रशासन के पास हैं। इस संबंध में एक हाई पाॅवर कमेटी ने शुक्रवार को बैठक भी की है। इसमें कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज सौरभ, सभी विभागाध्यक्ष, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य, वार्डन, यूजी व नर्सिंग हॉस्टल के प्रभारी व सिक्योरिटी इंचार्ज मौजूद रहे। सभी कमेटियां 10 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट देंगी। इसके बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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यह था मामला

एम्स के हॉस्टल में रहने वाले एमबीबीएस छात्र बृहस्पतिवार को आधी रात तक प्रदर्शन किए। उनकी मांग थी कि हॉस्टल का गेट देर रात तक खुला रहना चाहिए। एम्स प्रशासन ने काफी देर तक छात्रों को मानने की कोशिश की, लेकिन छात्र नहीं माने। एसओ कैंट और प्रशासन की टीम पहुंची, तब छात्र माने।

छात्रों की मांगें

  • लाइब्रेरी का टाइम बढ़ाया जाए, छात्र डबल शेयरिंग या ट्रिपल शेयरिंग में रहते हैं। फिलहाल लाइब्रेरी टाइम आठ बजे तक है।
  • मेस में चार टाइम के भोजन का पैसा लिया जा रहा है। जबकि तीन टाइम खाना खिलाया जा रहा है। मेस में कूपन सिस्टम किया जाए, यानी जितना खाएंगे उतना पैसा देंगे।
  • हॉस्टल में पांच मिनट की देरी पर प्रवेश करने पर 5000 की फाइन लगाई जा रही है, इसे खत्म किया जाए।
  • ओपीडी और आईपीडी में छात्रों का इलाज मुफ्त में किया जाए। स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी को बदला जाए।
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