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Javed Akhtar: '17 साल की उम्र में लड़कियां देती थीं बच्चों को जन्म' गुजरात HC की टिप्पणी पर बिफरे जावेद अख्तर
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: प्रियंका नेगी
Updated Fri, 09 Jun 2023 06:30 PM IST
गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में दुष्कर्म पीड़िता की प्रेग्नेंसी को खत्म करने की अनुमति के लिए याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पहले के जमाने में लड़कियों के लिए कम उम्र में शादी करना और 17 साल की उम्र से पहले अपने पहले बच्चे को जन्म देना सामान्य बात थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में दुष्कर्म पीड़िता की प्रेग्नेंसी को खत्म करने की अनुमति के लिए याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पहले के जमाने में लड़कियों के लिए कम उम्र में शादी करना और 17 साल की उम्र से पहले अपने पहले बच्चे को जन्म देना सामान्य बात थी। गुजरात उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने बुधवार को ये टिप्पणी की। इसी के साथ जज ने पीड़िता के वकील को इस सम्बंध में और जानकारी के लिए मनुस्मृति पढ़ने की भी सलाह दी। अब इस मामले में कवि और राइटर जावेद अख्तर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जावेद अख्तर ने ट्विटर पर लिखा, 'गुजरात हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश ने 17 साल से कम उम्र की बलात्कार पीड़िता को ज्ञान दिया है कि मनुस्मृति के अनुसार यह सही है कि एक लड़की 17 साल की उम्र में मां बन जाए। मुझे आश्चर्य है कि क्या राष्ट्रीय महिला आयोग को इसके बारे में कुछ कहना नहीं है।'
A judge in Gujarat high court has given wisdom n knowledge to a below 17 years rape victim that according to Manu smrit it is right that a girl should become a mother by 17 . I wonder if National commision of women has any thing to say about it .
जावेद अख्तर के ट्वीट पर आम लोग भी अपना पक्ष रख रहे हैं। काफी लोग उनके इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं। इस मामले में जज ने राजकोट के सिविल अस्पताल से डॉक्टर्स की भी राय मांगी है कि क्या नाबालिग और बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पीड़िता के सात महीने के बच्चे के साथ गर्भपात करना उचित है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 जून मुकर्रर की है।
यह है मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नाबालिग लड़की की उम्र महज 16 साल 11 महीने हैं। उसके साथ दुष्कर्म हुआ था। जिस वजह से वह गर्भवती हो गई। फिलहाल वह सात महीने की गर्भवती है। उसके पिता का कहना है कि उसे ये बात सात महीने बात पता चली है। इसके बाद उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में गर्भ को गिराने की मांग की है। साथ ही इस पर जल्दी सुनवाई के लिए भी कहा क्योंकि नाबालिग की डिलीवरी संभावित तारीख 18 अगस्त है।
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