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Jagjit singh: 'कहां तुम चले गए'...मखमली आवाज के बादशाह जगजीत सिंह, जिन्होंने घर-घर पहुंचा दी गजल

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: प्रियंका नेगी Updated Wed, 08 Feb 2023 07:50 AM IST
जगजीत सिंह
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अपनी मखमली आवाज से संगीत प्रेमियों के दिलों को जीने वाले गजल सम्राट जगजीत सिंह की आज बर्थ एनिवर्सरी है। जगजीत सिंह ने यूं तो अपने करियर में कई गजलों को अपनी आवाज से और भी खूबसूरत बना दिया था, लेकिन उन्होंने फिल्मी गानों से भी खूब नाम कमाया। तो चलिए आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था। उनका असली नाम जगमोहन सिंह धीमान था। जगजीत का परिवार मूल रूप से पंजाब के रोपड़ जिले से था। उनकी शुरुआती पढ़ाई गंगानगर में हुई और आगे की पढ़ाई के लिए वह जालंधर चले गए। जगजीत सिंह के पिता सरदार अमर सिंह धमानी सरकारी कर्मचारी थे और संगीत में रुचि रखते थे। जगजीत को संगीत उनके पिता से ही विरासत में मिला। साल 1965 में वह मुंबई आ गए, जहां उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पेट पालने के लिए उन्होंने छोटी-छोटी संगीत सभा और कार्यक्रमों में गाने गाए। फिल्मों में ब्रेक पाने की उम्मीद में फिल्मी पार्टियों में भी गाने गाते थे।

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जगजीत सिंह
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1970 और 1980 के दशक में उन्होंने अपनी पत्नी चित्रा सिंह के साथ एक से एक बेहतरीन गजलें गाईं और देश-विदेश में अपनी आवाज का जादू बिखेर दिया। चित्रा सिंह और जगजीत सिंह की मुलाकात एक रेडियो एड की रिकॉर्डिंग के दौरान हुई थी। वहीं से दोनों ने अपने प्यार के सफर की शुरुआत की और जिंदगी भर साथ चलने की ठानी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कम ही लोग जानते हैं कि चित्रा ने जगजीत सिंह से दूसरी शादी की थी। उनकी पहली शादी देबू प्रसाद दत्ता से हुई थी, जिनसे उन्हें बेटी मोना भी है।

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जगजीत ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत 1994 में फिल्म 'अविष्कार' के गाने 'बाबुल मोरा नैहर' से की थी। वहीं, उनकी पहली एलबम 'द अनफॉरगेटेबल्स' साल 1976 में आई थी, जो काफी हिट साबित हुई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने जब फिल्मों के लिए गजल गानी शुरू की तो देखते-देखते वह हर किसी की पहली पसंद बन गए। साल 1990 में जब जगजीत सिंह अपने करियर के चरम पर थे, तब उन्हें अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दौर से गुजरना पड़ा। उस साल कार दुर्घटना में उन्होंने 18 साल के इकलौते बेटे विवेक को खो दिया था। उनकी पत्नी चित्रा सिंह ने इस हादसे के बाद प्रोफेशनल सिंगिंग ही छोड़ दी, जबकि जगजीत को भी अपने पहले प्यार संगीत की दुनिया में वापस आने में कई साल लग गए थे।

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चित्रा सिंह के साथ जगजीत सिंह
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बेटे के अचानक चले जाने के गम ने पिता को भी कई महीनों तक खामोश कर दिया। करीब छह महीने बाद सीने में इस सदमे को दबाए जब जगजीत सिंह वापस गजल गायकी की दुनिया में लौटे तो उनकी आवाज में किसी को खोने का दर्द कई गुना बढ़ा हुआ नजर आया। 10 अक्तूबर 2011 को जगजीत का निधन हो गया।

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