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Pervez Musharraf: कराची से लंदन तक इन संस्थानों में पढ़े थे मुशर्रफ, जंग रहा पसंदीदा विषय

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: देवेश शर्मा Updated Sun, 05 Feb 2023 01:26 PM IST
सार

Pervez Musharraf Education:  पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ का इंतकाल पांच फरवरी, 2023 को दुबई में हो गया। 11 अगस्त, 1943, नई दिल्ली में पैदा हुए मुशर्रफ का परिवार, भारत विभाजन के समय पाकिस्तान जा बसा।

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ

विस्तार

Pervez Musharraf Education School to College : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ का इंतकाल पांच फरवरी, 2023 को दुबई में हो गया। 11 अगस्त, 1943, नई दिल्ली में पैदा हुए मुशर्रफ का परिवार, भारत विभाजन के समय पाकिस्तान जा बसा। मुशर्रफ के पिता राजनयिक थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई पाकिस्तान के कराची के सैंट पैट्रिक हाई स्कूल से हुई।


वे 1949 से 1956 तक तुर्की में रहे। इसके बाद पाकिस्तान लौटने पर मुशर्रफ ने फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर में दाखिला लिया। लेकिन ऐसा लगता है कि मुशर्रफ को सिर्फ सैन्य जीवन और जंग पसंद थी, क्योंकि उनकी पढ़ाई इसी के इर्द-गिर्द सिमटी रही। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान मिलिट्री कॉलेज, काकुल, एबटाबाद; कमांड एंड स्टाफ कॉलेज, क्वेटा, बलोचिस्तान; नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी, इस्लामाबाद; और रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज, लंदन से आगे की पढ़ाई की और सैन्य सेवा क्षेत्र में ही जीवन गुजारा।  

1964 में सेना में शामिल हुए, क्वेटा में आर्मी कमांड और स्टाफ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और  इसके बाद 1990 में ब्रिटेन जाकर लंदन स्थित रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज में स्नातकोत्त की पढ़ाई की। परवेज मुशर्रफ ने क्वेटा के स्टाफ कॉलेज और नेशनल डिफेंस कॉलेज के युद्ध विंग में पढ़ाया भी। 
 
वह भारत के साथ पाकिस्तान के 1965 और 1971 के युद्धों में लड़े। उन्होंने तोपखाने, पैदल सेना और कमांडो इकाइयों में कई नियुक्तियां कीं। बाद में अक्तूबर 1998 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें सशस्त्र बलों का प्रमुख नियुक्त किया था। 

मुशर्रफ ने 1999 की गर्मियों में भारतीय कश्मीर के हिस्से पर आक्रमण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत में मुशर्रफ को करगिल का विलेन कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में, शरीफ ने बाद में सैनिकों को पाकिस्तानी नियंत्रित क्षेत्र में वापस जाने का आदेश दिया, एक ऐसा कदम जिसने सेना को नाराज कर दिया। नवाज सरकार के कदम से मुशर्रफ की अगुवाई वाली सेना में नाराजगी बहुत जयादाबढ़ गई थी। 

इसके बाद 1999 में इस पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट कर सत्ता संभाली थी। सैन्य तानाशाह के तौर पर उन्होंने 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वे पाकिस्तान पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सैन्य तानाशाहों में शुमार रहे।  
 
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