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Reservation in IIM: पीएचडी दाखिलों में आरक्षण की मांग पर आईआईएम ने जताया विरोध, बताया स्वायत्ता के खिलाफ

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: देवेश शर्मा Updated Tue, 17 Jan 2023 05:15 PM IST
सार

Indian Institute of Management Ahmedabad: ग्लोबल आईआईएम एलुमनी नेटवर्क द्वारा दायर एक जनहित याचिका में आईआईएम अहमदाबाद के पीएचडी कार्यक्रम में दाखिले के लिए आरक्षण नहीं दिए जाने को लेकर चुनौती दी गई है। पीएचडी कार्यक्रम को पहले फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम) पाठ्यक्रम के रूप में जाना जाता था। 

Indian Institute of Management, Ahmedabad
Indian Institute of Management, Ahmedabad - फोटो : Social Media

विस्तार

Reservation in PhD course of IIM: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद (IIM-A) ने पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिलों के लिए आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका (PIL) का विरोध किया है। शीर्ष प्रबंधन संस्थान की ओर से जवाब में कहा गया है कि यह उसके संचालन की स्वायत्ता के खिलाफ है।


संस्थान के संचालन संबंधी नियमों के निर्माण की स्वतंत्रता संस्थान के डीएनए का एक अभिन्न अंग है। इससे समझौता नहीं कर सकते। ग्लोबल आईआईएम एलुमनी नेटवर्क द्वारा दायर एक जनहित याचिका में आईआईएम अहमदाबाद के पीएचडी कार्यक्रम में दाखिले के लिए आरक्षण नहीं दिए जाने को लेकर चुनौती दी गई है। पीएचडी कार्यक्रम को पहले फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम) पाठ्यक्रम के रूप में जाना जाता था।  

संस्थान की ओर से जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि आईआईएम अधिनियम, 2017 के तहत एक वैधानिक निकाय होने के बावजूद, आईआईएम अहमदाबाद एक स्वायत्त और स्वतंत्र संस्थान बना हुआ है, जिसे सरकार से कोई धन नहीं मिलता। इस मामले की सुनवाई गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ कर रही है। संस्थान ने अपने पीएचडी कार्यक्रम के लिए आरक्षण का विरोध करते हुए कहा कि यह एक सुपर-स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम है, और न तो भारत का संविधान और न ही कोई अन्य कानून विशेषज्ञता के उच्च स्तर पर पाठ्यक्रमों/कार्यक्रमों के लिए आरक्षण की परिकल्पना करता है। 
 

आईआईएम, अहमदाबाद को एक संस्था के रूप में स्थापित किया गया था जिसका प्रबंधन सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत बनाई गई आईआईएम अहमदाबाद सोसाइटी द्वारा किया जाएगा। इसलिए आईआईएम-ए को एक बोर्ड-प्रबंधित संस्थान के रूप में माना गया था, जो किसी एक निर्वाचन क्षेत्र के विशेष नियंत्रण से मुक्त था। इस प्रकार, परिचालन स्वतंत्रता आईआईएमए के डीएनए का एक अभिन्न अंग है। 
 

आईआईएम, अहमदाबाद लगातार भारत में प्रमुख प्रबंधन स्कूल के रूप में शीर्ष पर रहा है, और इसके कार्यक्रमों को कई अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में भी उच्च स्थान दिया जाता रहा है। 2008 में, आईआईएमए ईएफएमडी (यूरोपियन फाउंडेशन फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट) द्वारा एक्यूआईएस मान्यता प्राप्त करने वाला देश का पहला प्रबंधन स्कूल बन गया था। इसके अलावा 11 जनवरी, 2018 को अधिसूचित आईआईएम अधिनियम 2017 के तहत IIM-A और अन्य IIM को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में घोषित किया गया है और प्रत्येक IIM को अलग, स्वतंत्र और स्वायत्त निकाय घोषित किया गया है। 
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