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NCERT: 10वीं से पीरियोडिक टेबल और लोकतंत्र पर अध्याय हटाया, छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए बदलाव

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: देवेश शर्मा Updated Thu, 01 Jun 2023 06:01 PM IST
सार

NCERT Books Controversy: हाल ही के दिनों में एनसीईआरटी लगातार इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। इस बीच, एनसीईआरटी ने कक्षा 10 की नई किताबों से पीरियोडिक टेबल (आवर्त सारिणी) पर पूरा अध्याय, लोकतंत्र और विविधता पर पूरा अध्याय, लोकतंत्र की चुनौतियों पर पूरा अध्याय और राजनीतिक दलों पर पूरा पेज हटा दिया है।

NCERT drops full chapters of Periodic Classification of Element, Democracy, Political Parties from class 10th
एनसीईआरटी - फोटो : Social Media

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NCERT Books Controversy :  एनसीईआरटी की कक्षा 10वीं की किताबें पढ़ने वाले छात्र अब लोकतंत्र का पाठ नहीं पढ़ सकेंगे। एनसीईआरटी यानी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने कोरोना काल के दौरान हुई पाठ्यक्रम समीक्षा में इससे जुड़ा पूरा पाठ हटा दिया है। एनसीईआरटी का कहना है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए फैसला किया गया है।

एनसीईआरटी ने गुरुवार, एक जून को जारी बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों पर सामग्री का बोझ कम करने के लिए कक्षा 10वीं की पाठ्यपुस्तक से तत्वों, लोकतंत्र, राजनीतिक दलों (पूर्ण पृष्ठ) और लोकतंत्र की चुनौतियों के आवधिक वर्गीकरण के पूर्ण अध्यायों को हटा दिया है। 
 


 

हाल ही के दिनों में एनसीईआरटी की किताबों को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। बीते महीने से लगातार इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। इसी सप्ताह एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 12वीं राजनीति विज्ञान की किताब में उन विवादित अंशों को हटाने की जानकारी दी गई थी, जिनमें श्रीआनंदपुर साहिब प्रस्ताव को कथित तौर पर खालिस्तान की मांग से जोड़ा गया था। उधर, विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर के जीवन से संबंधित चैप्टर पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर, उनके प्रपौत्र रंजीत सावरकर ने खुशी जाहिर की है।  

विज्ञान की किताब से हटाए गए विषयों में पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा के स्रोत का अध्याय भी है। एनसीईआरटी ने इन अध्यायों को हटाने को जरूरी बताते हुए कहा, इससे छात्रों पर बोझ नहीं पड़ेगा। हालांकि, छात्र इन अध्यायों को आगे पढ़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कक्षा 11 और कक्षा 12 में इन विषयों को चुनना होगा। इससे पहले, एनसीईआरटी ने 12वीं में श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को कथित तौर पर खालिस्तान की मांग से जोड़ने वाले अंश को हटा दिया था। 

पढ़ाई का भार होगा कम

एनसीईआरटी के अनुसार, शिक्षा नीति पढ़ाई के भार को कम करने और रचनात्मक मानसिकता के साथ सीखने पर जोर देती है। इसी के चलते, सभी कक्षाओं में किताबों को युक्तिसंगत बनाने की कवायद शुरू की गई है।
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