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UGC: केंद्रीय विवि में आगामी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होगी, यूजी और पीजी में मल्टीपल एंट्री-एग्जिट

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: वीरेंद्र शर्मा Updated Mon, 05 Jun 2023 06:41 AM IST
सार

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आगामी शैक्षणिक सत्र से एनईपी अनिवार्य रूप से लागू हो रही है।

National Education Policy will be implemented in all Central Universities from the upcoming session
UGC - फोटो : Amar Ujala

विस्तार
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देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू होगी। एनईपी की सिफारिशों के तहत स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम की पढ़ाई, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई और वोकेशनल कोर्स करने का मौका मिलेगा।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आगामी शैक्षणिक सत्र से एनईपी अनिवार्य रूप से लागू हो रही है। इसी के तहत स्नातक प्रोग्राम के पहले वर्ष में दाखिला सीयूईटी यूजी-2023 की मेरिट स्कोर के आधार पर हो रहा है। इसके अलावा इसी सत्र से चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, एक साथ दो डिग्री की पढ़ाई, इंटर्नशिप, रिसर्च, छात्रों को सामाजिक सरोकार, भारतीय परंपरा व संस्कृति से जोड़ने, वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई और विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर ड्यूल व एकल डिग्री शुरू करनी होगी।


सभी विश्वविद्यालयों को अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी)के लिए पंजीकरण करना जरूरी होगा और छात्रों को भी इसकी जानकारी देनी होगी। विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट पर एबीसी की जानकारी अपलोड भी करनी पड़ेगी। स्नातक, स्नातकोत्तर प्रोग्राम में छात्रों को उनकी सुविधा के अनुसार मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की सुविधा के साथ अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का लाभ भी देना होगा, ताकि उनकी डिग्री में कोर्स और ज्ञान में बढ़ोतरी हो सके। ऑनलाइन कोर्स भी जरूरी : छात्रों को डिग्री प्रोग्राम में कोर्स, माध्यम चुनने की आजादी होगी। इसमें डिस्टेंस लर्निंग मोड, ऑनलाइन डिग्री शामिल है। विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन काेर्स में छात्रों को जोड़ने के लिए स्वयं पर काम करना होगा।

इंटर्नशिप में रिसर्च, कम्युनिटी आउटरीच जरूरी
स्नातक प्रोग्राम के छात्रों को अब इंटर्नशिप अनिवार्य होगी। इसमें छात्रों को किताबी और मार्केट डिमांड के आधार पर कौशल विकास के साथ प्रशिक्षण मिलेगा। इसके अलावा छात्रों को फील्ड में जाकर कम्यूनिटी आउटरीच और प्रोजेक्ट पर काम करना होगा। उद्योगों के साथ मिलकर इंटर्नशिप प्रोग्राम चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा रिसर्च क्षेत्र में इंटर्नशिप शुरू की जाएगी। यह दो शिक्षण संस्थान मिलकर कर सकते हैं। इसके लिए एडवांस रिसर्च सेंटर खोले जाएंगे। तनाव दूर करने, योग, ध्यान, पर्सनल डेवलेपमेंट आदि पर काम होगा। 

शिक्षकों की कमी न बनें बाधा
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को सभी खाली पद जल्द से जल्द भरने का निर्देश दिया है। इसके अलावा प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस को लागू करने और इस योजना के तहत अपने -अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भर्ती कर सकते हैं। पूर्व छात्रों का सहयोग लिया जा सकता है।

बहुविकल्पीय, कौशल मानवीय मूल्य, समाज से जोड़ने पर काम
यूजी,पीजी प्रोग्राम के छात्रों को बहुविकल्पीय पढ़ाई का मौका, मार्केट डिमांड के आधार पर कौशल विकास, मानवीय मूल्य, समाज व देश के प्रति जिम्मेदारियों के आधार पर पढ़ाई करवानी होगी। अधिक सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स शुरू करने होंगे, ताकि छात्रों के पास अधिक मौके उपलब्ध हों। छात्रों के संपूर्ण विकास पर काम करना होगा।
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