हरियाणा सरकार ने राज्य से सहायता प्राप्त कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की लंबित परीक्षाएं सितंबर अंत तक आयोजित करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। राज्य के सरकारी सहायता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और परीक्षा नियंत्रकों की एक बैठक में यह फैसला लिया गया। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला भी इस बैठक में शामिल थे। इसके अलावा अधिकारियों ने बताया कि इन परीक्षाओं में दो लाख छात्रों के हिस्सा लेने का अनुमान है।
राज्य सरकार के एक बयान में परिषद के प्रवक्ता ने बताया कि छात्रों को ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है। परीक्षा के परिणामों की घोषणा भी 31 अक्टूबर तक कर दी जाएगी।
इसे भी पढ़ें-यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा- शिक्षक दिवस के दिन करें राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर वेबिनार का आयोजन
आपको बता दें कि स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में दो लाख छात्रों के हिस्सा लेने का अनुमान है। इन परीक्षाओं में छात्रों की हिस्सेदारी के लिए उपयुक्त इंतजाम किए जाएंगे। कोरोनावायरस की स्थिति को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का सख्ती से पालन करने का निर्णय लिया गया है। जहां पहले एक परीक्षा हॉल में 36 छात्रों को बैठने की अनुमति थी वहीं अब एक हॉल में कुल 20 छात्रों के बैठने का इंतजाम किया गया है। सभी छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग और अपने घरों से पानी की बोतल आदि सभी आवश्यक सामग्री लाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
बैठक के दौरान बताया कि ज्यादातर छात्रों ने ऑफलाइन परीक्षा का विकल्प चुना है। इसके अलावा परिषद् के प्रवक्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय ने परीक्षा के ऑनलाइन प्रारूप में दुर्व्यवहार रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाए हैं। मालूम हो कि कंपार्टमेंट और अंतिम वर्ष की परीक्षा भी एक बार फिर से आयोजित होंगी।