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NCERT Controversy: किताबों में बदलाव से सुहास और योगेंद्र यादव शर्मिंदा; एनसीईआरटी से की नाम हटाने की अपील

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: देवेश शर्मा Updated Fri, 09 Jun 2023 09:08 PM IST
सार

NCERT Controversy: एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में कथित मनमानीपूर्ण और तर्कहीन कटौती से शर्मिंदा होकर सुहास पलशिकर और योगेंद्र यादव ने सलाहकार पद छोड़ने का फैसला किया है।

Embarrassed! Suhas Palshikar and Yogendra Yadav ask NCERT to drop their names as textbook advisors
एनसीईआरटी - फोटो : Social Media

विस्तार
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एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में कथित मनमानीपूर्ण और तर्कहीन कटौती से शर्मिंदा होकर सुहास पलशिकर और योगेंद्र यादव ने सलाहकार पद छोड़ने का फैसला किया है। सुहास पलशिकर और योगेंद्र यादव दोनों एनसीईआरटी की कक्षा नौ से 12वीं के लिए मूल राजनीति विज्ञान की किताबों के मुख्य सलाहकार हैं।

उन्होंने एनसीईआरटी को लिखा है कि युक्तिकरण अभ्यास ने किताबों को बेकार कर दिया है और उन्हें अकादमिक रूप से निष्क्रिय बना दिया। दोनों ने नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) से सभी राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से मुख्य सलाहकार के रूप में उनका नाम हटाने के लिए कहा है।

पूर्व में प्रकाशित पुस्तकें राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) के 2005 के संस्करण के आधार पर 2006-07 में प्रकाशित हुई थी। इसमें प्रत्येक पुस्तक की शुरुआत में पाठ्यपुस्तक विकास दल की सूची उनके नामों का उल्लेख किया गया है।

एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश सकलानी को भेजे गए पत्र में उन्होंने लिखा कि नई पाठ्यपुस्तकों में किए गए परिवर्तन के बारे में हमसे कभी सलाह नहीं ली गई या यहां तक कि सूचित भी नहीं किया गया। अगर एनसीईआरटी ने इन कटौती और विलोपन पर निर्णय लेने के लिए अन्य विशेषज्ञों से परामर्श किया, तो हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि हम इस संबंध में उनसे पूरी तरह असहमत हैं। 

 

पिछले महीने से ही एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से कई विषयों और अंशों को हटाने से विवाद जारी है। विपक्ष ने केंद्र पर गुप-चुप "बदले की भावना के साथ कटौती" का आरोप लगाया है। वहीं, एनसीईआरटी का कहना है कि "छोटे बदलावों को अधिसूचित करने की आवश्यकता नहीं होती है।"  
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