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CBSE student studying basic maths in class 10th will be able to take maths in class 11th for this session
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सीबीएसई: 10वीं में बेसिक गणित पढ़ने वाले 11वीं में भी ले सकेंगे मैथ, इसी सत्र के लिए लागू
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: सौरभ पांडेय
Updated Sat, 27 May 2023 03:27 PM IST
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ग्यारहवीं में गणित की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए बड़ी राहत दी है। यदि किसी छात्र ने दसवीं में गणित भी पढ़ा है तो ऐसे छात्र ग्यारहवीं में गणित ले सकेंगे। यह व्यवस्था केवल इसी सत्र के लिए है।
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने ग्यारहवीं में गणित की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए बड़ी राहत दी है। यदि किसी छात्र ने दसवीं में गणित भी पढ़ा है तो ऐसे छात्र ग्यारहवीं में गणित ले सकेंगे। यह व्यवस्था केवल इसी सत्र के लिए है।
ग्यारवीं में गणित लेने की अनुमति देने से पहले स्कूल प्रमुख छात्र की गणित पढ़ने की योग्यता व क्षमता को देखेंगे। अगले सत्र 2024-25 से दसवीं में स्टैंडर्ड गणित पढ़ा होने पर ही ग्यारहवीं में गणित की पढ़ाई की जा सकेगी। सीबीएसई की ओर से सभी स्कूल प्रमुखों को पत्र भेजकर छात्रों और शिक्षकों को इस संबंध में जानकारी देने को कहा है।
सीबीएसई ने कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020 में बेसिक गणित पढ़ा होने पर भी ग्यारवीं में गणित की पढ़ाई करने की व्यवस्था लागू की थी। बीते दो सालों से यह व्यवस्था चालू थी। सीबीएसई ने इस व्यवस्था को शैक्षणिक सत्र 2023-24 में भी जारी रखने का फैसला किया है।
सीबीएसई ने स्पष्ट कर दिया है कि यह छूट केवल इसी सत्र के लिए है। अगले सत्र से जिन छात्रों ने दसवीं में स्टैंडर्ड गणित की पढ़ाई की होगी, उन्हें ही ग्यारहवीं में गणित लेने की अनुमति मिलेगी। दसवीं में बेसिक गणित की पढ़ाई करने वाले छात्रों को एप्लॉयड गणित लेने की अनुमति होगी।
कोरोना काल से पहले दसवीं में स्टैंडर्ड गणित की पढ़ाई करने वाले छात्र ही ग्यारहवीं में गणित की पढ़ई कर सकते थे। मालूम हो कि दसवीं में छात्रों को बेसिक मैथमेटिक्स व स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स में से किसी एक का चयन करना होता है। कोरोना काल से पहले बोर्ड की व्यवस्था के अनुसार जो छात्र दसवीं के बाद गणित की पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं, उन्हें बेसिक मैथमेटिक्स का चयन करना होता है, जबकि जिन्हें ग्यारवीं-बारहवीं में गणित की पढ़ाई जारी रखनी होती है उन्हें स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स का विकल्प चुनना होता है।
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