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2030 only four year BEd four year Integrated Teacher Education Program degree holders able to become teachers
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NEP: 2030 से चार वर्षीय बीएड वाले ही बन सकेंगे शिक्षक, एनईपी के तहत 12वीं कक्षा तक के लिए टीचरों की योग्यता तय
सीमा शर्मा, नई दिल्ली
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Sun, 28 May 2023 05:41 AM IST
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया कि एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है।
वर्ष 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) डिग्री धारक ही शिक्षक बन पाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत बाल वाटिका से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय कर दी गई है।
इसमें बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड शामिल हैं। खास बात यह है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 41 विश्वविद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट में चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू हो रहा है। एनटीए राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा के लिए अगले हफ्ते ऑनलाइन आवेदन खिड़की शुरू करेगा।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया कि एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही 2030 से स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय की गई है। इसमें चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) डिग्री धारक शामिल हैं। पहला पायलट प्रोजेक्ट इसी सत्र से 41 विश्वविद्यालयों में शुरू हो रहा है। यह पाठ्यक्रम नई स्कूल संरचना के चार चरणों यानि फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा। आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन), समावेशी शिक्षा और भारत तथा इसके मूल्यों, आचारों, कला, परंपराओं की समझ व अन्य विषयों का आधार भी स्थापित करेगा। पाठ्यक्रम पूरे अध्यापक शिक्षा क्षेत्र के पुनरद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा। भारतीय मूल्यों और परंपराओं पर आधारित एक बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से उत्तीर्ण होने वाले भावी शिक्षकों को 21वीं सदी के वैश्विक मानकों की आवश्यकताओं से परिचित कराया जाएगा और इस प्रकार वे नए भारत के भविष्य को स्वरूप देने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार मकसद
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड पाठ्यक्रम कोर्स शुरू हो रहा है। यह एक दोहरी समग्र स्नातक डिग्री होगी। 12वीं कक्षा के बाद जो छात्र शिक्षक के रूप में अपना भविष्य बनाना चाहते होंगे, वे बीए-बीएड, बीकॉम-बीएड और बीएससी-बीएड प्रोग्राम में से किसी एक में दाखिला ले सकते हैं। हालांकि कुछ समय तक पहले की तरह दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम भी फिलहाल चलता रहेगा। पहले शिक्षक बनने के लिए छात्रों को तीन साल की स्नातक डिग्री और दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम की पढ़ाई करनी होती थी। इसमें पांच वर्ष का समय लगता है, लेकिन नए प्रारूप के तहत चार वर्ष में शिक्षक डिग्री मिल जाएगी।
अगले हफ्ते आवेदन खिड़की खुलेगी
शैक्षणिक सत्र 2023-24 से पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत 41 विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय आईटीईपी शुरू होगा। इसमें दाखिले के लिए एनटीए राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगी। जून या जुलाई में होने वाली राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा के लिए एनटीए अगले हफ्ते ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की खिड़की खोलेगा। इसी की मेरिट से दाखिला मिलेगा। प्रत्येक बैच में 50 छात्र होंगे। कुछ विश्वविद्यालयों को दो-दो बैच में पढ़ाई की अनुमति भी दी गई है।
दूसरा पायलट प्रोजेक्ट 2024 सत्र से
एनसीटीई शैक्षणिक सत्र 2024-25 से चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) का दूसरा पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। इसके लिए एनसीईटीई ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक उच्च शिक्षण संस्थान 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं। दूसरे पायलट प्रोजेक्ट में कॉलेज भी आवेदन कर सकेंगे।
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