बलिया/नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप की शिकार छात्रा के बाबा ने कहा कि बिटिया का जीवन तबाह करने वाला नाबालिग ही है। उसे सबसे कठोर सजा दी जाए। मंगलवार को बिटिया के बाबा, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य समेत गांव के दर्जनों लोगों ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड) के निर्णय को गलत बताया। कहा, छठे आरोपी का बचाव किया जाता है तो हम इसकी लड़ाई आगे भी लडे़ंगे।
बाबा ने कहा कि नाबालिग यदि जघन्य अपराध कर सकता है, तो उसे कड़ी सजा देने का भी प्रावधान होना चाहिए। गांव के प्रधान ने कहा कि बहादुर बिटिया के साथ दरिंदगी करने वाला नाबालिग होकर भी जघन्य घटना को अंजाम देने में नहीं हिचका। उसे नाबालिग होने का लाभ दिया जाना न्याय संगत नहीं है। जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि सभ्य समाज में ऐसी वीभत्स घटना को अंजाम देने वाला आरोपी नाबालिग नहीं वह फांसी का पात्र है। क्षेत्र पंचायत सदस्य जेजे बोर्ड के निर्णय से सहमत नहीं है। उन्हाेंने कहा कि आज के परिवेश में ऐसे ही नाबालिग कोई भी घटना को अंजाम देने में हिचक नहीं रहे हैं। ऐसे में अपराध के क्षेत्र में नाबालिग की उम्र कम की जानी चाहिए। जिससे अपराध पर अंकुश लग सके। उधर नई दिल्ली से पीड़िता के पिता ने कहा कि यदि छठा आरोपी नाबालिग है तो उसकी हड्डी की जांच करवाई जाए। इसी से साफ होगा कि उसकी वय क्या है। उन्होंने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के छठे आरोपी को किशोर बताने वाले फैसले को चुनौती दी है। एक चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उनका परिवार इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देगा। गौरतलब है कि जुवेनाइल कानून के मुताबिक यदि आरोपी नाबालिग साबित होता है तो उसे केवल तीन साल के लिए सुधार गृह भेजा जा सकता है। जबकि इस मामले में पांच अन्य अभियुक्तों को अधिकतम मौत की सजा तक हो सकती है। एजेंसी
बलिया/नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप की शिकार छात्रा के बाबा ने कहा कि बिटिया का जीवन तबाह करने वाला नाबालिग ही है। उसे सबसे कठोर सजा दी जाए। मंगलवार को बिटिया के बाबा, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य समेत गांव के दर्जनों लोगों ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड) के निर्णय को गलत बताया। कहा, छठे आरोपी का बचाव किया जाता है तो हम इसकी लड़ाई आगे भी लडे़ंगे।
बाबा ने कहा कि नाबालिग यदि जघन्य अपराध कर सकता है, तो उसे कड़ी सजा देने का भी प्रावधान होना चाहिए। गांव के प्रधान ने कहा कि बहादुर बिटिया के साथ दरिंदगी करने वाला नाबालिग होकर भी जघन्य घटना को अंजाम देने में नहीं हिचका। उसे नाबालिग होने का लाभ दिया जाना न्याय संगत नहीं है। जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि सभ्य समाज में ऐसी वीभत्स घटना को अंजाम देने वाला आरोपी नाबालिग नहीं वह फांसी का पात्र है। क्षेत्र पंचायत सदस्य जेजे बोर्ड के निर्णय से सहमत नहीं है। उन्हाेंने कहा कि आज के परिवेश में ऐसे ही नाबालिग कोई भी घटना को अंजाम देने में हिचक नहीं रहे हैं। ऐसे में अपराध के क्षेत्र में नाबालिग की उम्र कम की जानी चाहिए। जिससे अपराध पर अंकुश लग सके। उधर नई दिल्ली से पीड़िता के पिता ने कहा कि यदि छठा आरोपी नाबालिग है तो उसकी हड्डी की जांच करवाई जाए। इसी से साफ होगा कि उसकी वय क्या है। उन्होंने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के छठे आरोपी को किशोर बताने वाले फैसले को चुनौती दी है। एक चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उनका परिवार इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देगा। गौरतलब है कि जुवेनाइल कानून के मुताबिक यदि आरोपी नाबालिग साबित होता है तो उसे केवल तीन साल के लिए सुधार गृह भेजा जा सकता है। जबकि इस मामले में पांच अन्य अभियुक्तों को अधिकतम मौत की सजा तक हो सकती है। एजेंसी