नई दिल्ली। तिहाड़ जेल से जबरन वसूली (एक्सटार्शन रैकेट) का रैकेट चलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जेल में बंद गैंगस्टर अमित शुक्ला फोन कर कारोबारियों और अन्य लोगों से रंगदारी वसूलने में लगा था। जेल का कंपाउंडर रंगदारी की रकम लेने जाता था। एक सूचना पर पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपी कंपाउंडर अरुण कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, जांच की जा रही है कि जेल में अमित को मोबाइल कैसे मिलता था। तिहाड़ से इस तरह का रैकेट चलने की घटना शायद पहली बार सामने आई है। पुलिस अब तिहाड़ के पास स्थित टावरों पर नजर रखने जा रही है। स्पेशल सेल के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त संजीव यादव के अनुसार, सेल में तैनात इंस्पेक्टर ललित मोहन नेगी को सूचना मिली थी कि तिहाड़ में बंद गैंगस्टर अमित जेल से अपने साथियों के साथ लोगों को धमकाकर जबरन वसूली करने में लगा हुआ है। जांच में पता लगा कि हाल ही में अमित ने वैशाली के व्यवसायी को फोन कर 50 हजार की रंगदारी मांगी है। रंगदारी नहीं देने पर उसे फर्जी आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी दी गई। व्यवसायी के मैनेजर राजेंद्र सराफ ने इसकी शिकायत पुलिस की अपराध शाखा में की। बाद में मामले की जांच स्पेशल सेल को सौंप दी गई। इसके बाद 26 जनवरी को राजेंद्र को जान से मारने की धमकी दी गई। इस पर राजेंद्र ने अरुण को 50 हजार रुपये दे दिए। इस दौरान स्पेशल सेल की टीम ने अरुण कुमार को मुकुंद विहार इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को आरोपी के घर से 44 हजार रुपये मिले हैं।
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तिहाड़ की डिस्पेंसरी में काम करता था अरुण
स्पेशल सेल अधिकारियों के अनुसार, पिछले चार साल से अनुबंध के आधार पर अरुण तिहाड़ की डिस्पेंसरी में काम कर रहा है। इस दौरान ही वह अमित के संपर्क में आया। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि जेल में अरुण ही अमित के लिए मोबाइल और सिम कार्ड की व्यवस्था करता था।
नई दिल्ली। तिहाड़ जेल से जबरन वसूली (एक्सटार्शन रैकेट) का रैकेट चलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जेल में बंद गैंगस्टर अमित शुक्ला फोन कर कारोबारियों और अन्य लोगों से रंगदारी वसूलने में लगा था। जेल का कंपाउंडर रंगदारी की रकम लेने जाता था। एक सूचना पर पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपी कंपाउंडर अरुण कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, जांच की जा रही है कि जेल में अमित को मोबाइल कैसे मिलता था। तिहाड़ से इस तरह का रैकेट चलने की घटना शायद पहली बार सामने आई है। पुलिस अब तिहाड़ के पास स्थित टावरों पर नजर रखने जा रही है। स्पेशल सेल के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त संजीव यादव के अनुसार, सेल में तैनात इंस्पेक्टर ललित मोहन नेगी को सूचना मिली थी कि तिहाड़ में बंद गैंगस्टर अमित जेल से अपने साथियों के साथ लोगों को धमकाकर जबरन वसूली करने में लगा हुआ है। जांच में पता लगा कि हाल ही में अमित ने वैशाली के व्यवसायी को फोन कर 50 हजार की रंगदारी मांगी है। रंगदारी नहीं देने पर उसे फर्जी आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी दी गई। व्यवसायी के मैनेजर राजेंद्र सराफ ने इसकी शिकायत पुलिस की अपराध शाखा में की। बाद में मामले की जांच स्पेशल सेल को सौंप दी गई। इसके बाद 26 जनवरी को राजेंद्र को जान से मारने की धमकी दी गई। इस पर राजेंद्र ने अरुण को 50 हजार रुपये दे दिए। इस दौरान स्पेशल सेल की टीम ने अरुण कुमार को मुकुंद विहार इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को आरोपी के घर से 44 हजार रुपये मिले हैं।
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तिहाड़ की डिस्पेंसरी में काम करता था अरुण
स्पेशल सेल अधिकारियों के अनुसार, पिछले चार साल से अनुबंध के आधार पर अरुण तिहाड़ की डिस्पेंसरी में काम कर रहा है। इस दौरान ही वह अमित के संपर्क में आया। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि जेल में अरुण ही अमित के लिए मोबाइल और सिम कार्ड की व्यवस्था करता था।