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नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने आयकर विभाग के पूर्व कर्मी को दो साल कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी अधिकारी इनकम टैक्स रिफंड दिलाने के लिए घूस लेते समय रंगे हाथों पकड़ा गया था। सीबीआई ने अधिकारी के खिलाफ जून 2005 में मामला दर्ज किया था। स्पेशल सीबीआई जज मनु राय सेठी की अदालत ने पीतमपुरा निवासी व आयकर विभाग के क्लर्क मोहन दास गुप्ता (64) को अपने पद का दुरुपयोग व वरिष्ठ अधिकारियों से मिलीभगत कर घूस लेने का दोषी मानते हुए दो साल कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी को सजा सुनाते हुए कहा कि समाज के सफेदपोश लोगों द्वारा अपराध को हल्के में नहीं लिया जा सकता। भ्रष्टाचार का खात्मा करना इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है। अदालत ने इस मामले में आयकर निरीक्षण एच के नाहर के खिलाफ भी आरोप तय किए थे, लेकिन सुनवाई के दौरान उसकी मौत हो गई।
सीबीआई ने उदय शंकर मिश्रा की शिकायत पर जून 2005 में मामला दर्ज किया था। उदय शंकर एक लाख 83 हजार रुपए के रिफंड के लिए आय कर विभाग गया था। उसने रिफंड जल्दी दिलाने के आय कर आयुक्त को पत्र भी लिखा था। अपनी शिकायत में उदय शंकर ने कहा कि वह जून 2005 में आय कर विभाग गया था। वहां पर उसे मोहन दास गुप्ता मिला और रिफंड जल्दी दिलाने के लिए 25 हजार रुपए की मांग की। उदय शंकर जब नाहर से मिला तो उसने भी बिना पैसे लिए रिफंड दिलाने से इंकार कर दिया। तब रिफंड दिलाने की यह डील 23 हजार रुपए में फाइनल हुई थी।
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने आयकर विभाग के पूर्व कर्मी को दो साल कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी अधिकारी इनकम टैक्स रिफंड दिलाने के लिए घूस लेते समय रंगे हाथों पकड़ा गया था। सीबीआई ने अधिकारी के खिलाफ जून 2005 में मामला दर्ज किया था। स्पेशल सीबीआई जज मनु राय सेठी की अदालत ने पीतमपुरा निवासी व आयकर विभाग के क्लर्क मोहन दास गुप्ता (64) को अपने पद का दुरुपयोग व वरिष्ठ अधिकारियों से मिलीभगत कर घूस लेने का दोषी मानते हुए दो साल कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी को सजा सुनाते हुए कहा कि समाज के सफेदपोश लोगों द्वारा अपराध को हल्के में नहीं लिया जा सकता। भ्रष्टाचार का खात्मा करना इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है। अदालत ने इस मामले में आयकर निरीक्षण एच के नाहर के खिलाफ भी आरोप तय किए थे, लेकिन सुनवाई के दौरान उसकी मौत हो गई।
सीबीआई ने उदय शंकर मिश्रा की शिकायत पर जून 2005 में मामला दर्ज किया था। उदय शंकर एक लाख 83 हजार रुपए के रिफंड के लिए आय कर विभाग गया था। उसने रिफंड जल्दी दिलाने के आय कर आयुक्त को पत्र भी लिखा था। अपनी शिकायत में उदय शंकर ने कहा कि वह जून 2005 में आय कर विभाग गया था। वहां पर उसे मोहन दास गुप्ता मिला और रिफंड जल्दी दिलाने के लिए 25 हजार रुपए की मांग की। उदय शंकर जब नाहर से मिला तो उसने भी बिना पैसे लिए रिफंड दिलाने से इंकार कर दिया। तब रिफंड दिलाने की यह डील 23 हजार रुपए में फाइनल हुई थी।