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नई दिल्ली। भांजी से दुष्कर्म करने वाले मामा को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पीड़िता के पिता को शराब और मां को नींद की गोलियां खाने की लत थी। इसका फायदा उठाकर दोषी ने पीड़िता से दुष्कर्म किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उत्तराखंड निवासी तारा चंद (29) को भांजी से दुष्कर्म का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़िता के पुनर्वास के लिए दिल्ली सरकार को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ताराचंद शराब पीकर लगातार बेशर्मी से अपनी ही 13-14 साल की भांजी से दुष्कर्म करता रहा। उसने न केवल पीड़िता को शारीरिक और मानसिक चोट पहुंचाई, बल्कि जिस परिवार ने मुश्किल वक्त में साथ दिया, उससे भी विश्वासघात किया।
मामले के अनुसार, ताराचंद काम की तलाश में दिल्ली आया था। उसकी माली हालत देखकर पीड़िता के पिता ने नौकरी दिलवाई और रहने के लिए अपना एक कमरा दे दिया। दोषी रोजाना पीड़िता के पिता के साथ शराब पीता था। मां तनाव ग्रस्त थी और नींद की गोलियां खाने की आदी थी। इसका फायदा उठाकर तारा चंद पीड़िता से अक्सर दुष्कर्म करता था। एक बार पीड़िता ने अपनी मां से यह बात बताई, लेकिन उसने विश्वास नहीं किया। मामले का खुलासा एक मई 2012 को हुआ, जब पीड़िता ने पेट दर्द की शिकायत की। पिता उसे डॉक्टर के पास ले गया, जहां जांच में पता चला कि वह गर्भवती थी और उसका गर्भपात हुआ है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने ताराचंद को गिरफ्तार किया था। पीड़िता के गर्भपात हुए भ्रूण का दोषी के डीएनए से मिलान हुआ था, जिससे दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
नई दिल्ली। भांजी से दुष्कर्म करने वाले मामा को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पीड़िता के पिता को शराब और मां को नींद की गोलियां खाने की लत थी। इसका फायदा उठाकर दोषी ने पीड़िता से दुष्कर्म किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उत्तराखंड निवासी तारा चंद (29) को भांजी से दुष्कर्म का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़िता के पुनर्वास के लिए दिल्ली सरकार को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ताराचंद शराब पीकर लगातार बेशर्मी से अपनी ही 13-14 साल की भांजी से दुष्कर्म करता रहा। उसने न केवल पीड़िता को शारीरिक और मानसिक चोट पहुंचाई, बल्कि जिस परिवार ने मुश्किल वक्त में साथ दिया, उससे भी विश्वासघात किया।
मामले के अनुसार, ताराचंद काम की तलाश में दिल्ली आया था। उसकी माली हालत देखकर पीड़िता के पिता ने नौकरी दिलवाई और रहने के लिए अपना एक कमरा दे दिया। दोषी रोजाना पीड़िता के पिता के साथ शराब पीता था। मां तनाव ग्रस्त थी और नींद की गोलियां खाने की आदी थी। इसका फायदा उठाकर तारा चंद पीड़िता से अक्सर दुष्कर्म करता था। एक बार पीड़िता ने अपनी मां से यह बात बताई, लेकिन उसने विश्वास नहीं किया। मामले का खुलासा एक मई 2012 को हुआ, जब पीड़िता ने पेट दर्द की शिकायत की। पिता उसे डॉक्टर के पास ले गया, जहां जांच में पता चला कि वह गर्भवती थी और उसका गर्भपात हुआ है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने ताराचंद को गिरफ्तार किया था। पीड़िता के गर्भपात हुए भ्रूण का दोषी के डीएनए से मिलान हुआ था, जिससे दुष्कर्म की पुष्टि हुई।