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नई दिल्ली। भाजपा के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के आह्वान के बावजूद प्रदेश भाजपा भीड़ जुटाने में असमर्थ रही। केंद्रीय गृहमंत्री के आतंकवाद को मजहब से जोड़ हिंदू आतंक कहने के खिलाफ प्रदेश स्तर के ज्यादातर नेता तो जंतर-मंतर पर प्रर्दशन में दिखे, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता की नदारद रहे। इससे लग रहा था कि प्रदेश स्तर पर खींचतान अब भी जारी है।
तमाम कोशिशें के बावजूद प्रदेश भाजपा हजार समर्थकों को भी जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में नहीं जुटा सकी। प्रदर्शन में काफी कम संख्या में लोग शरीक हुए। जबकि बुधवार को ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थकों का तांता लगा रहा। हजारों लोग नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई देने के लिए पहुंचते रहे। अशोक रोड पर कई घंटे जाम की स्थिति थी। वहीं राजनाथ सिंह के घर पर भी समर्थकों का तांता लगा रहा। यह स्थिति तब थी जब भाजपा के राष्ट्रीय नेता राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार संबोधित कर रहे थे।
बृहस्पतिवार के इस प्रदर्शन को शक्ति प्रदर्शन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन कुछ लोग इस प्रदर्शन को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी से भी जोड़कर देख रहे थे। प्रदेश कार्यालय के विरोधी गुट को यह लग रहा था कि प्रदर्शन अगर सफल होता है तो इसका श्रेय प्रदेश अध्यक्ष को मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
नई दिल्ली। भाजपा के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के आह्वान के बावजूद प्रदेश भाजपा भीड़ जुटाने में असमर्थ रही। केंद्रीय गृहमंत्री के आतंकवाद को मजहब से जोड़ हिंदू आतंक कहने के खिलाफ प्रदेश स्तर के ज्यादातर नेता तो जंतर-मंतर पर प्रर्दशन में दिखे, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता की नदारद रहे। इससे लग रहा था कि प्रदेश स्तर पर खींचतान अब भी जारी है।
तमाम कोशिशें के बावजूद प्रदेश भाजपा हजार समर्थकों को भी जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में नहीं जुटा सकी। प्रदर्शन में काफी कम संख्या में लोग शरीक हुए। जबकि बुधवार को ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थकों का तांता लगा रहा। हजारों लोग नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई देने के लिए पहुंचते रहे। अशोक रोड पर कई घंटे जाम की स्थिति थी। वहीं राजनाथ सिंह के घर पर भी समर्थकों का तांता लगा रहा। यह स्थिति तब थी जब भाजपा के राष्ट्रीय नेता राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार संबोधित कर रहे थे।
बृहस्पतिवार के इस प्रदर्शन को शक्ति प्रदर्शन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन कुछ लोग इस प्रदर्शन को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी से भी जोड़कर देख रहे थे। प्रदेश कार्यालय के विरोधी गुट को यह लग रहा था कि प्रदर्शन अगर सफल होता है तो इसका श्रेय प्रदेश अध्यक्ष को मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।