नई दिल्ली। अब फर्जी बोर्ड व संस्थानों पर शिक्षा विभाग की पैनी नजर होगी। इलाके में चल रहे ऐसे संस्थानों के बारे में पता चलने पर विभाग इलाके के उपायुक्त को सूचित करेगा ताकि इन पर नकेल कसी जा सके। इनकी पहचान कर अभिभावकों को जागरुक भी किया जाएगा।
दरअसल एचआरडी मंत्रालय के स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी डिपार्टमेंट की जानकारी में आया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में फर्जी बोर्ड व संस्थान चल रहे हैं। ऐसे बोर्ड्स व संस्थानों के फर्जी होने या न होने के बारे में जानकारी के लिए लोग डिपार्टमेंट से आरटीआई का भी सहारा ले रहे हैं। साथ ही सरकारी नौकरी में ऐसे बोर्ड से जारी प्रमाण पत्र मान्य होंगे या नहीं, इसकी भी जानकारी मांग रहे हैं। लिहाजा स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी डिपार्टमेंट ने ऐसी जानकारी चाहने वाले के आवेदनों को काउंसिल ऑफ बोर्ड्स ऑफ स्कूल एजुकेशन इन इंडिया (सीओबीएसई) को स्थानांतरित कर दिया है।
साथ ही सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से ऐसे मामलों में कार्रवाई करने की अपील की है ताकि बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने से बच सके। इसके अलावा फर्जी बोर्ड व संस्थानों की एक लिस्ट भी सीओबीएसई को भेजी गई है ताकि उस लिस्ट को जारी कर सभी राज्यों के बोर्ड को सूचित किया जा सके। साथ ही लोगों को इस बारे में जागरुक करने की आवश्यक्ता पर भी बल दिया गया।
शिक्षा निदेशालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपने सभी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। निर्देश में ऐसे फर्जी बोर्ड की पहचान करने को कहा गया है। निदेशालय की एडिशनल डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन (स्कूल) डॉ. सुनीता कौशिक की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक शिक्षा विभाग के उपशिक्षा निदेशक, शिक्षा अधिकारी व उपशिक्षा अधिकारी ऐसे फर्जी बोर्ड के मामले पकड़ में आने पर इलाके के उपायुक्त को बताएंगे ताकि इन पर नकेल कसी जा सके।
नई दिल्ली। अब फर्जी बोर्ड व संस्थानों पर शिक्षा विभाग की पैनी नजर होगी। इलाके में चल रहे ऐसे संस्थानों के बारे में पता चलने पर विभाग इलाके के उपायुक्त को सूचित करेगा ताकि इन पर नकेल कसी जा सके। इनकी पहचान कर अभिभावकों को जागरुक भी किया जाएगा।
दरअसल एचआरडी मंत्रालय के स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी डिपार्टमेंट की जानकारी में आया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में फर्जी बोर्ड व संस्थान चल रहे हैं। ऐसे बोर्ड्स व संस्थानों के फर्जी होने या न होने के बारे में जानकारी के लिए लोग डिपार्टमेंट से आरटीआई का भी सहारा ले रहे हैं। साथ ही सरकारी नौकरी में ऐसे बोर्ड से जारी प्रमाण पत्र मान्य होंगे या नहीं, इसकी भी जानकारी मांग रहे हैं। लिहाजा स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी डिपार्टमेंट ने ऐसी जानकारी चाहने वाले के आवेदनों को काउंसिल ऑफ बोर्ड्स ऑफ स्कूल एजुकेशन इन इंडिया (सीओबीएसई) को स्थानांतरित कर दिया है।
साथ ही सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से ऐसे मामलों में कार्रवाई करने की अपील की है ताकि बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने से बच सके। इसके अलावा फर्जी बोर्ड व संस्थानों की एक लिस्ट भी सीओबीएसई को भेजी गई है ताकि उस लिस्ट को जारी कर सभी राज्यों के बोर्ड को सूचित किया जा सके। साथ ही लोगों को इस बारे में जागरुक करने की आवश्यक्ता पर भी बल दिया गया।
शिक्षा निदेशालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपने सभी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। निर्देश में ऐसे फर्जी बोर्ड की पहचान करने को कहा गया है। निदेशालय की एडिशनल डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन (स्कूल) डॉ. सुनीता कौशिक की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक शिक्षा विभाग के उपशिक्षा निदेशक, शिक्षा अधिकारी व उपशिक्षा अधिकारी ऐसे फर्जी बोर्ड के मामले पकड़ में आने पर इलाके के उपायुक्त को बताएंगे ताकि इन पर नकेल कसी जा सके।