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सियासी खींचतान के बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से चांदनी चौक स्थित हनुमान मंदिर को दो दिन के भीतर मंजूरी मिल सकती है। इस संबंध में सोमवार को आयोजित निगम की उच्च स्तरीय बैठक में प्रस्ताव को पारित करने का निर्णय लिया गया है। विपक्ष की ओर से भी इस प्रस्ताव को लेकर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाएगा।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जयप्रकाश ने कहा कि हनुमान मंदिर को लेकर निगम के अधिकारियों के संग एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई है। इसमें मंदिर को वैधानिक मंजूरी देने के लिए चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि चूंकि, मंदिर चांदनी चौक के सेंट्रल वर्ज पर है, ऐसे में यह मार्ग को प्रभावित नहीं कर रहा है। इसको देखते हुए इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, जिसे सदन की बैठक में सर्वसम्मति से पास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से भी इस प्रस्ताव पर कोई पेंच न फंसे इसके लिए पहले ही एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाएगा।
इस बैठक में विपक्ष के सभी नेता शामिल होंगे और प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कराने के लिए अपील की जाएगी। दूसरी ओर निगम के एक अधिकारी के मुताबिक, मंदिर को बनाने के लिए नक्शे का पास होना जरूरी होता है। साथ ही संबंधी दस्तावेजों में इस बात की पुष्टि करना भी जरूरी होता है कि मंदिर किसी संस्था द्वारा बनाया जा रहा है या फिर निजी तौर पर बनाया जा रहा है। नक्शे को पास कराने के लिए इमारत का पूरी तरह से निरीक्षण किया जाता है। इसमें वेंटीलेशन, ग्राउंड कवरेज, ऊंचाई व अन्य संबंधी मानक भी देखे जाते हैं। इसके बाद निगम अपनी ओर से इमारत को अंतिम मंजूरी देकर नक्शा देता है।
पीडब्ल्यूडी ने मंदिर निर्माण पर जताई है आपत्ति
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सेंट्रल वर्ज पर स्थापित किए गए मंदिर को लेकर आपत्ति जताई है। विभाग ने कोतवाली थाना में इस संबंध में लिखित में शिकायत भी दी है। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता की ओर से दी गई शिकायत में कहा गया है कि कूचा महाजनी के पास अनजान लोगों द्वारा रातों-रात तैयार किया गया मंदिर का ढांचा चांदनी चौक विकास परियोजना में बाधा उत्पन्न कर रहा है। यह ढांचा बिना किसी सूचना और मंजूरी के तैयार किया गया है। इस संबंध में पुलिस की ओर से जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। दरअसल, चांदनी चौक पुनर्निर्माण में लाल किले से लेकर फतेहपुरी तक 1.3 किलोमीटर के मार्ग के सौंदर्यकरण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। मार्ग पर बने सेंट्रल वर्ज पर ट्रांसफार्मर व पेड़ पौधों लगाने का प्रस्ताव है।
सियासी खींचतान के बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से चांदनी चौक स्थित हनुमान मंदिर को दो दिन के भीतर मंजूरी मिल सकती है। इस संबंध में सोमवार को आयोजित निगम की उच्च स्तरीय बैठक में प्रस्ताव को पारित करने का निर्णय लिया गया है। विपक्ष की ओर से भी इस प्रस्ताव को लेकर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाएगा।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जयप्रकाश ने कहा कि हनुमान मंदिर को लेकर निगम के अधिकारियों के संग एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई है। इसमें मंदिर को वैधानिक मंजूरी देने के लिए चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि चूंकि, मंदिर चांदनी चौक के सेंट्रल वर्ज पर है, ऐसे में यह मार्ग को प्रभावित नहीं कर रहा है। इसको देखते हुए इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, जिसे सदन की बैठक में सर्वसम्मति से पास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से भी इस प्रस्ताव पर कोई पेंच न फंसे इसके लिए पहले ही एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाएगा।
इस बैठक में विपक्ष के सभी नेता शामिल होंगे और प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कराने के लिए अपील की जाएगी। दूसरी ओर निगम के एक अधिकारी के मुताबिक, मंदिर को बनाने के लिए नक्शे का पास होना जरूरी होता है। साथ ही संबंधी दस्तावेजों में इस बात की पुष्टि करना भी जरूरी होता है कि मंदिर किसी संस्था द्वारा बनाया जा रहा है या फिर निजी तौर पर बनाया जा रहा है। नक्शे को पास कराने के लिए इमारत का पूरी तरह से निरीक्षण किया जाता है। इसमें वेंटीलेशन, ग्राउंड कवरेज, ऊंचाई व अन्य संबंधी मानक भी देखे जाते हैं। इसके बाद निगम अपनी ओर से इमारत को अंतिम मंजूरी देकर नक्शा देता है।
पीडब्ल्यूडी ने मंदिर निर्माण पर जताई है आपत्ति
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सेंट्रल वर्ज पर स्थापित किए गए मंदिर को लेकर आपत्ति जताई है। विभाग ने कोतवाली थाना में इस संबंध में लिखित में शिकायत भी दी है। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता की ओर से दी गई शिकायत में कहा गया है कि कूचा महाजनी के पास अनजान लोगों द्वारा रातों-रात तैयार किया गया मंदिर का ढांचा चांदनी चौक विकास परियोजना में बाधा उत्पन्न कर रहा है। यह ढांचा बिना किसी सूचना और मंजूरी के तैयार किया गया है। इस संबंध में पुलिस की ओर से जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। दरअसल, चांदनी चौक पुनर्निर्माण में लाल किले से लेकर फतेहपुरी तक 1.3 किलोमीटर के मार्ग के सौंदर्यकरण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। मार्ग पर बने सेंट्रल वर्ज पर ट्रांसफार्मर व पेड़ पौधों लगाने का प्रस्ताव है।