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नई दिल्ली। राजधानी में हफ्ते भर पहले कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगने की शुरुआत हो चुकी है। पहली खुराक ले चुके स्वास्थ्य कर्मचारियों को तय दिन के हिसाब से दूसरी डोज भी लेनी थी, लेकिन अभी तक 50 फीसदी कर्मचारियों ने भी दूसरी खुराक नहीं ली है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज लेनी जरूरी है। अगर कोई पहली खुराक लगवाता है, तो दूसरी भी जरूरी ताकि कोरोना के खिलाफ इलाज पूरा हो और इम्युनिटी बन सके। दोनों खुराक लेने के बाद ही टीकाकरण पूर्ण माना जाएगा।
दिल्ली में 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ था, जबकि 13 फरवरी से वैक्सीन की दूसरी खुराक भी लगनी शुरू हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक कुल 53,316 स्वास्थ्य कर्मचारियों को दूसरी खुराक लगाई जानी थी, लेकिन सिर्फ 24,403 ने ही दूसरी डोज लगवाई है। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना दूसरी खुराक लिए टीकाकरण पूर्ण कैसे होगा। अपोलो अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण कुमार बताते है कि 28 दिनों के अंतराल के बाद ही दूसरी खुराक ले लेनी चाहिए। अगर यह संभव नहीं है, तो पहली खुराक के छह सप्ताह या 42 दिन बाद तक दूसरी खुराक ली जा सकती है। , लेकिन 28 दिनों के समय से देर करने पर टीकों का कितना असर होगा, इसके बारे में बहुत स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि पहली डोज लेने के बाद दूसरी खुराक भी लगवानी चाहिए। दोनो खुराक लेने के बाद ही टीकाकरण को पूर्ण माना जाता है। राजीव गांधी अस्पताल के डॉक्टर अजीत जैन के मुताबिक, टीके की दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद शरीर में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बनने लगती है। अगर दूसरी डोज न ली जाए तो एंटीबाडी बनने की संभावना कम होती है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिन से टीकाकरण में तेजी आई है। इसमें फ्रंट लाइन वर्करों की सहभागिता अधिक है। अकेले स्वास्थ्य कर्मचारियों की बात करें तो जमीनी स्तर पर समस्याएं दिख रही हैं जिन्हें दूर भी किया जा रहा है लेकिन फ्रंटलाइन वर्कर और स्वास्थ्य कर्मचारियों को मिलाकर देखें तो दिल्ली में पिछले माह जनवरी की तुलना में अब करीब दोगुना तेजी से कार्यक्रम आगे बढ़ा है। उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों ने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है। उनको 25 फरवरी तक टीका लगवाने का विकल्प दिया गया है। वह किसी भी केंद्र पर जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं।
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अभी 50 फ़ीसदी भी नहीं हो सका है टीकाकरण
राजधानी में वैक्सीन लेने के लिए 2.78 लाख स्वास्थ्यकर्मियों ने पंजीकरण कराया था इनमें से 1 लाख 42 हजार स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है। वहीं, 4.5 लाख अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों ने भी टीके के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से फिलहाल 1 लाख 53 हजार को टीका लगा है। इस हिसाब से अब तक कुल 50 फीसदी कर्मचारियों का भी टीकाकरण नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मार्च के पहले सप्ताह तक सभी को टीके की पहली डोज देने का लक्ष्य रखा गया है।
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दूसरी खुराक के आंकड़े
तारीख लक्ष्य - टीकाकरण
13 फरवरी-4318-1856
15 -3598-2191
16 4936-2322
17 5355-1072
18 5942-3537
19 6967- 1790
20 7408- 4351
22 8244-5458
नोट-
आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हैं और 22 फरवरी तक के हैं
नई दिल्ली। राजधानी में हफ्ते भर पहले कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगने की शुरुआत हो चुकी है। पहली खुराक ले चुके स्वास्थ्य कर्मचारियों को तय दिन के हिसाब से दूसरी डोज भी लेनी थी, लेकिन अभी तक 50 फीसदी कर्मचारियों ने भी दूसरी खुराक नहीं ली है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज लेनी जरूरी है। अगर कोई पहली खुराक लगवाता है, तो दूसरी भी जरूरी ताकि कोरोना के खिलाफ इलाज पूरा हो और इम्युनिटी बन सके। दोनों खुराक लेने के बाद ही टीकाकरण पूर्ण माना जाएगा।
दिल्ली में 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ था, जबकि 13 फरवरी से वैक्सीन की दूसरी खुराक भी लगनी शुरू हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक कुल 53,316 स्वास्थ्य कर्मचारियों को दूसरी खुराक लगाई जानी थी, लेकिन सिर्फ 24,403 ने ही दूसरी डोज लगवाई है। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना दूसरी खुराक लिए टीकाकरण पूर्ण कैसे होगा। अपोलो अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण कुमार बताते है कि 28 दिनों के अंतराल के बाद ही दूसरी खुराक ले लेनी चाहिए। अगर यह संभव नहीं है, तो पहली खुराक के छह सप्ताह या 42 दिन बाद तक दूसरी खुराक ली जा सकती है। , लेकिन 28 दिनों के समय से देर करने पर टीकों का कितना असर होगा, इसके बारे में बहुत स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि पहली डोज लेने के बाद दूसरी खुराक भी लगवानी चाहिए। दोनो खुराक लेने के बाद ही टीकाकरण को पूर्ण माना जाता है। राजीव गांधी अस्पताल के डॉक्टर अजीत जैन के मुताबिक, टीके की दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद शरीर में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बनने लगती है। अगर दूसरी डोज न ली जाए तो एंटीबाडी बनने की संभावना कम होती है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिन से टीकाकरण में तेजी आई है। इसमें फ्रंट लाइन वर्करों की सहभागिता अधिक है। अकेले स्वास्थ्य कर्मचारियों की बात करें तो जमीनी स्तर पर समस्याएं दिख रही हैं जिन्हें दूर भी किया जा रहा है लेकिन फ्रंटलाइन वर्कर और स्वास्थ्य कर्मचारियों को मिलाकर देखें तो दिल्ली में पिछले माह जनवरी की तुलना में अब करीब दोगुना तेजी से कार्यक्रम आगे बढ़ा है। उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों ने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है। उनको 25 फरवरी तक टीका लगवाने का विकल्प दिया गया है। वह किसी भी केंद्र पर जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं।
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अभी 50 फ़ीसदी भी नहीं हो सका है टीकाकरण
राजधानी में वैक्सीन लेने के लिए 2.78 लाख स्वास्थ्यकर्मियों ने पंजीकरण कराया था इनमें से 1 लाख 42 हजार स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है। वहीं, 4.5 लाख अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों ने भी टीके के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से फिलहाल 1 लाख 53 हजार को टीका लगा है। इस हिसाब से अब तक कुल 50 फीसदी कर्मचारियों का भी टीकाकरण नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मार्च के पहले सप्ताह तक सभी को टीके की पहली डोज देने का लक्ष्य रखा गया है।
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दूसरी खुराक के आंकड़े
तारीख लक्ष्य - टीकाकरण
13 फरवरी-4318-1856
15 -3598-2191
16 4936-2322
17 5355-1072
18 5942-3537
19 6967- 1790
20 7408- 4351
22 8244-5458
नोट-
आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हैं और 22 फरवरी तक के हैं