न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Tue, 21 Sep 2021 02:48 AM IST
रोहिणी जेल से जबरन वसूली का रैकेट चलाने के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की मदद करने के मामले में जेल के नौ अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आरोप है कि इन अधिकारियों की मदद से ही जेल में बंद जालसाज सुकेश चंद्रशेखर ने फोन का इस्तेमाल कर वसूली की। जांच में इनकी लापरवाही की भूमिका पाई गई।
अधिकारियों के मुताबिक जेल अधीक्षक, तीन उपाधीक्षक, दो सहायक अधीक्षक, एक हेड वार्डर व दो वार्डर पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले छह अधिकारियों और कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। जबरन वसूली का मामला सामने आने के बाद आरोपियों की जांच कराई गई थी, जिसमें ये दोषी पाए गए। जांच में पता चला कि आरोपी चंद्रशेखर खुद को छिपाने के लिए जेल के भीतर पर्दों की तरह बेड शीट का इस्तेमाल करता था। इससे जेल में वह कभी फोन का इस्तेमाल करते समय सीसीटीवी की पकड़ में नहीं आता था।
दिनाकरण से चुनाव चिन्ह के लिए उगाही का आरोप
रोहिणी जेल में अप्रैल 2017 से बंद सुकेश पर आरोप है कि उसने अन्नाद्रमुक नेता टीटीवी दिनाकरण से चुनाव चिन्ह को लेकर उगाही की थी। उसकी जांच के बाद वह एक होटल से पकड़ा गया था। उसके बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रेनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों की पत्नियों से उगाही में सुकेश, उसकी पाटर्नर लीना मारिया पॉल को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अदिति सिंह की शिकायत पर सात अगस्त को केस दर्ज किया था।
शिकायत में अदिति ने कहा था कि जून 2020 में उनके पास एक कॉल आई थी। उसमें एक शख्स ने खुद को कानून मंत्रालय का वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए उनके पति को जमानत दिलवाने में मदद की पेशकश की थी। इस मामले में उसे अगस्त में गिरफ्तार कर किया गया था।
विस्तार
रोहिणी जेल से जबरन वसूली का रैकेट चलाने के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की मदद करने के मामले में जेल के नौ अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आरोप है कि इन अधिकारियों की मदद से ही जेल में बंद जालसाज सुकेश चंद्रशेखर ने फोन का इस्तेमाल कर वसूली की। जांच में इनकी लापरवाही की भूमिका पाई गई।
अधिकारियों के मुताबिक जेल अधीक्षक, तीन उपाधीक्षक, दो सहायक अधीक्षक, एक हेड वार्डर व दो वार्डर पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले छह अधिकारियों और कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। जबरन वसूली का मामला सामने आने के बाद आरोपियों की जांच कराई गई थी, जिसमें ये दोषी पाए गए। जांच में पता चला कि आरोपी चंद्रशेखर खुद को छिपाने के लिए जेल के भीतर पर्दों की तरह बेड शीट का इस्तेमाल करता था। इससे जेल में वह कभी फोन का इस्तेमाल करते समय सीसीटीवी की पकड़ में नहीं आता था।
दिनाकरण से चुनाव चिन्ह के लिए उगाही का आरोप
रोहिणी जेल में अप्रैल 2017 से बंद सुकेश पर आरोप है कि उसने अन्नाद्रमुक नेता टीटीवी दिनाकरण से चुनाव चिन्ह को लेकर उगाही की थी। उसकी जांच के बाद वह एक होटल से पकड़ा गया था। उसके बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रेनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों की पत्नियों से उगाही में सुकेश, उसकी पाटर्नर लीना मारिया पॉल को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अदिति सिंह की शिकायत पर सात अगस्त को केस दर्ज किया था।
शिकायत में अदिति ने कहा था कि जून 2020 में उनके पास एक कॉल आई थी। उसमें एक शख्स ने खुद को कानून मंत्रालय का वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए उनके पति को जमानत दिलवाने में मदद की पेशकश की थी। इस मामले में उसे अगस्त में गिरफ्तार कर किया गया था।