गाजीपुर बॉर्डर पर सुरजीत सिंह...
- फोटो : अमर उजाला
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गाजीपुर बॉर्डर पर सुरजीत सिंह ने अकेले की कड़ी मेहनत से दो दिन के भीतर एक आकर्षक किसान घर तैयार किया है। किसान आंदोलन में आने वाले लोग यहां पर सुकून के पल गुजार रहे हैं। सुरजीत सिंह ने इस जगह का नाम नानक दी हट्टी रखी है जिसको उन्होंने स्टार लाइटों और सजीव गुलदस्तों से सजाया है।
किसान आंदोलन में कृषि कानूनों की खिलाफत के अलावा विविध प्रकार की गतिविधियां भी हो रही हैं। यहां पहुंचे किसान अपने कौशल का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि आंदोलन स्थल पर वक्त काट रहे उनके सहयोगियों के बीच नयापन बरकरार रहे जिसके कारण यहां पर रोज नए नए प्रयोग नजर आ रहे हैं।
पीलीभीत से गाजीपुर बॉर्डर पर आए सुरजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने बाजार जाकर सजावट के सारे सामान खरीदे हैं। उन्होंने सोचा कि क्यों ना अपने टेंट को कुछ अलग रूप् दिया जाय। जिसके बाद दो दिनों के भीतर उन्होंने इसे रंग बिरंगी इलेक्ट्रिक लाइटों से सजा दिया। जिसके सामने उन्होंने एक छोटा गार्डन भी विकसित किया है।
बांस की बल्लियों को जोड़कर उन्होंने इसकी बाउंड्री बनाई है। इसमें लकड़ी का गेट भी लगाया है। इसके चारों ओर हरे-भरे पौधों वाले गमले रस्सियों से बांधकर लटकाए हैं। फूलों से सजे आधा दर्जन गमले जमीन पर भी रखे हैं। इसमें सर्वाधिक गेंदे और डेहलिया की किस्में शामिल हैं। यहां पर कुर्सियां और मेज रखी है, जहां पर बैठकर लोग समय बिता रहे हैं। सुरजीत ने बताया कि गुरुनानक जी की इस हट्टी में सभी का स्वागत है।
गाजीपुर बॉर्डर पर सुरजीत सिंह ने अकेले की कड़ी मेहनत से दो दिन के भीतर एक आकर्षक किसान घर तैयार किया है। किसान आंदोलन में आने वाले लोग यहां पर सुकून के पल गुजार रहे हैं। सुरजीत सिंह ने इस जगह का नाम नानक दी हट्टी रखी है जिसको उन्होंने स्टार लाइटों और सजीव गुलदस्तों से सजाया है।
किसान आंदोलन में कृषि कानूनों की खिलाफत के अलावा विविध प्रकार की गतिविधियां भी हो रही हैं। यहां पहुंचे किसान अपने कौशल का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि आंदोलन स्थल पर वक्त काट रहे उनके सहयोगियों के बीच नयापन बरकरार रहे जिसके कारण यहां पर रोज नए नए प्रयोग नजर आ रहे हैं।
पीलीभीत से गाजीपुर बॉर्डर पर आए सुरजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने बाजार जाकर सजावट के सारे सामान खरीदे हैं। उन्होंने सोचा कि क्यों ना अपने टेंट को कुछ अलग रूप् दिया जाय। जिसके बाद दो दिनों के भीतर उन्होंने इसे रंग बिरंगी इलेक्ट्रिक लाइटों से सजा दिया। जिसके सामने उन्होंने एक छोटा गार्डन भी विकसित किया है।
बांस की बल्लियों को जोड़कर उन्होंने इसकी बाउंड्री बनाई है। इसमें लकड़ी का गेट भी लगाया है। इसके चारों ओर हरे-भरे पौधों वाले गमले रस्सियों से बांधकर लटकाए हैं। फूलों से सजे आधा दर्जन गमले जमीन पर भी रखे हैं। इसमें सर्वाधिक गेंदे और डेहलिया की किस्में शामिल हैं। यहां पर कुर्सियां और मेज रखी है, जहां पर बैठकर लोग समय बिता रहे हैं। सुरजीत ने बताया कि गुरुनानक जी की इस हट्टी में सभी का स्वागत है।