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Delhi High Court said- Haj is not just a holiday for Muslims, it is a fundamental right
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Delhi : दिल्ली होईकोर्ट ने कहा- मुसलमानों के लिए हज सिर्फ छुट्टी नहीं मौलिक अधिकार है, सरकार को झटका
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 09 Jun 2023 06:06 AM IST
तीर्थयात्रियों के लिए टूर ऑपरेटरों के रूप में काम करने वाले हज समूह आयोजकों (एचजीओ) के पंजीकरण प्रमाणपत्र व कोटे को केंद्र सरकार ने पिछले महीने स्थगित कर दिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने हज समूह के कई आयोजकों के पंजीकरण प्रमाणपत्र और कोटा के निलंबन पर रोक लगाते हुए कहा, मुसलमानों के लिए हज केवल एक छुट्टी नहीं, बल्कि उनके धर्म और विश्वास का अभ्यास करने का एक माध्यम है जो एक मौलिक अधिकार है। तीर्थयात्रियों के लिए टूर ऑपरेटरों के रूप में काम करने वाले हज समूह आयोजकों (एचजीओ) के पंजीकरण प्रमाणपत्र व कोटे को केंद्र सरकार ने पिछले महीने स्थगित कर दिया था।
जस्टिस चंद्र धारी सिंह की अवकाशकालीन पीठ ऐसे 13 से अधिक एचजीओ की याचिकाओं पर विचार कर रही थी। पीठ ने अपने बुधवार को दिए आदेश में कहा, हज यात्रा और उसके समारोह एक धार्मिक प्रथा के दायरे में आते हैं, जो भारत के संविधान में संरक्षित है और अदालत उस अधिकार की रक्षक है। पीठ ने केंद्र की ओर से 25 मई को जारी हज-2023 के लिए हज कोटा के आवंटन की समेकित सूची में पंजीकरण प्रमाणपत्र और कोटा को लेकर की गई टिप्पणियों पर मामले में कार्यवाही पूरी होने तक रोक लगा दी। पीठ ने स्पष्ट किया कि अधिकारी याचिकाकर्ताओं को उनकी कथित चूक के लिए जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के अनुसरण में जांच को आगे बढ़ा सकते हैं।
केंद्र सुनिश्चित करे, टूर ऑपरेटरों की चूक से हज यात्रियों को पेरशानी न हो
पीठ ने कहा, यह उन हज यात्रियों से संबंधित है जो हज पर जाने का इरादा रखते हैं और उन्होंने मक्का की पांच दिवसीय धार्मिक यात्रा के लिए याचिकाकर्ताओं को अग्रिम भुगतान किया है। केंद्र यह सुनिश्चित करे कि टूर ऑपरेटरों की कथित चूक के कारण इन यात्रियों को परेशानी न हो और वे बिना किसी बाधा के यात्रा करने में सक्षम हों।
केंद्र का दावा-हमारे पास एचजीओ का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार
केंद्र ने अदालत को बताया कि उसके पास किसी भी नियम और शर्तों का पालन न करने की स्थिति में एचजीओ के पंजीकरण को निलंबित या रद्द करने का अधिकार है। वह तीर्थयात्रियों के भाग्य को इन गैर-अनुपालन वाले एचजीओ के हाथों में देने का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।
केंद्र ने यह भी कहा कि कानून के गंभीर उल्लंघन के खुलासे के बाद याचिकाकर्ताओं को तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब के राज्य में ले जाने की अनुमति देना दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौते की भावना में नहीं होगा। समझौते के तहत सिर्फ पंजीकृत व सत्यापित एचजीओ को ही मंजूरी है।
इस पर पीठ ने कहा, हालांकि पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने और याचिकाकर्ता को कोटा आवंटन जारी करने पर प्रतिबंध और शर्तें लगाई जा सकती हैं, लेकिन इसे तीर्थयात्रियों के खिलाफ नहीं रखा जाना चाहिए, जिन्होंने नेक नीयती से ऐसी संस्थाओं के साथ तीर्थ यात्रा करने के लिए पंजीकरण कराया था।
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इस साल 1.75 लाख ने कराया है पंजीकरण
2023 के लिए 1,75,025 हजयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इसमें 1,40,000 भारतीय हज समिति से हैं और 35,025 एचजीओ के तहत हैं।
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