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Delhi : मरीजों से वसूली के मामले में सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन समेत पांच गिरफ्तार, सीबीआई की कार्रवाई

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Fri, 31 Mar 2023 04:56 AM IST
सार

इन पर सर्जरी के नाम पर मरीजों से वसूली करने का आरोप है। शिकायत के मुताबिक, रोगियों को उनकी सर्जरी से पूर्व कथित रूप से अत्यधिक कीमतों पर एक विशेष स्टोर से सर्जिकल उपकरण खरीदने के लिए मजबूर किया जाता था।

Delhi: Five arrested, including neurosurgeon of Safdarjung Hospital in case of extortion
सफदरजंग अस्पताल

विस्तार

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बृहस्पतिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सफदरजंग अस्पताल के एक न्यूरोसर्जन मनीष रावत और उसके चार सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। इन पर सर्जरी के नाम पर मरीजों से वसूली करने का आरोप है। शिकायत के मुताबिक, रोगियों को उनकी सर्जरी से पूर्व कथित रूप से अत्यधिक कीमतों पर एक विशेष स्टोर से सर्जिकल उपकरण खरीदने के लिए मजबूर किया जाता था।



अधिकारियों ने बताया, न्यूरोसर्जन मनीष रावत को बृहस्पतिवार तड़के गिरफ्तार किया गया। एजेंसी ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी की और इस मामले में सांठगांठ का पर्दाफाश किया। सीबीआई ने न्यूरोसर्जन रावत के अलावा और उसके चार सहयोगियों को भी रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया। इनमें नई दिल्ली में कनिष्क सर्जिकल के मालिक दीपक खट्टर और बिचौलिए अवनीश पटेल, मनीष शर्मा और कुलदीप शामिल हैं। 


सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद रावत का सुबह सात बजकर 52 मिनट पर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। सीबीआई ने रावत पर अस्पताल के स्थापित मानदंडों का उल्लंघन करने, चिकित्सा परामर्श और शल्य प्रक्रियाओं के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलीभगत कर रोगियों से पैसा वसूलने का आरोप लगाया।

बरेली के व्यक्ति की कंपनियों के माध्यम से ठिकाने लगाते थे अवैध धन
एजेंसी की जांच में खुलासा हुआ है कि बरेली निवासी गणेश चंद्र के नियंत्रण वाली विभिन्न कंपनियों के माध्यम से चिकित्सक और उसके सहयोगी अवैध धन को ठिकाने लगाते थे।

मरीजों से बिचौलियों के खातों में जमा कराए जाते थे पैसे
एजेंसी के मुताबिक, सर्जरी से पूर्व न्यूरोसर्जन रावत के निर्देशानुसार रोगियों से एक बिचौलिए के बैंक खाते में 30,000 रुपये से लेकर 1.15 लाख रुपये तक बतौर रिश्वत जमा कराए जाते थे। बाद में गिरोह के सदस्य इसे बांट लेते थे।

इस तरह मरीजों से वसूलते थे पैसा
सीबीआई के अनुसार, बिचौलिया पटेल, रावत की ओर से मरीजों के रिश्तेदारों से संपर्क करता था। वह सर्जरी के लिए लिए जल्दी तारीख सुनिश्चित करने को जंगपुरा में खट्टर स्टोर से आवश्यक शल्य चिकित्सा उपकरण खरीदने को बाध्य करता था।

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  • दबाव बनाने के बाद पटेल मरीज के रिश्तेदारों को खट्टर के कर्मचारी शर्मा या कुलदीप को नकद भुगतान करने या इन कर्मचारियों के बैंक खातों से जुड़े मोबाइल नंबरों पर ऑनलाइन पैसा भिजवाता था
  • इसके बाद पटेल सर्जन के निर्देशानुसार खट्टर से पैसा लेकर चिकित्सक रावत तक पहुंचाता था
  • मामले में सीबीआई की जांच जारी है। इसे लेकर जल्द कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं
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