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Delhi Excise Policy: CBI मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, 31 मार्च को आएगा आदेश

अमर उजाला ब्यूरो, दिल्ली Published by: Digvijay Singh Updated Fri, 24 Mar 2023 06:11 PM IST
सार

राउज एवन्यू अदालत स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा कि वे अपना फैसला 31 मार्च को शाम चार बजे सुनाएंगे।

Delhi Excise Policy Decision Manish Sisodia bail plea in CBI case reserved
फाइल फोटो - फोटो : ANI

विस्तार

अदालत ने शुक्रवार को नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। सिसोदिया फिलहाल सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।


राउज एवन्यू अदालत स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा कि वे अपना फैसला 31 मार्च को शाम चार बजे सुनाएंगे। सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें जमानत देने से जांच प्रभावित होगी और सबूत नष्ट हो सकते है। दूसरी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने तर्क रखा कि उन्होंने धारा 41ए सीआरपीसी नोटिस की आवश्यकताओं का अनुपालन किया था। उन्होंने कहा हिरासत में पूछताछ की जरूरत अब खत्म हो गई है।

 


कृष्णन ने कहा कि यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि सिसोदिया गवाहों को धमका सकते है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर शनिवार को सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई होगी। सीबीआई ने आठ घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद आप नेता को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। एफआईआर में उन्हें आरोपी बनाया गया था।

 


जांच एजेंसी के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताएं हुई हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और सबूतों के सामने आने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।

 

सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि सिसोदिया और अन्य ने आबकारी नीति 2021-22 के संबंध में अनुशंसा करने और निर्णय लेने में सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंसधारी पोस्ट टेंडर को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दूसरी ओर ईडी ने आरोप लगाया है कि कुछ निजी कंपनियों को 12 प्रतिशत का थोक व्यापार लाभ देने की साजिश के तहत आबकारी नीति लागू की गई थी आगे आरोप लगाया कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के कार्यवृत्त में इस तरह की शर्त का उल्लेख नहीं किया गया था। एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि एक साजिश के तहत थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए साउथ ग्रुप के साथ विजय नायर और अन्य व्यक्तियों द्वारा समन्वित किया गया था। एजेंसी के मुताबिक, नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की ओर से काम कर रहे थे।

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