नई दिल्ली। प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की आरोपी प्रीति जैन को राहत देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। प्रीति ने अपनी तीन नाबालिग पुत्रियों की देखभाल के लिए मानवता के आधार पर जमानत मांगी थी। हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि उस पर गंभीर प्रकृति का आरोप है। वह मामले में मुख्य षड्यंत्रकारी है। ऐसे में उसके प्रति सहानुभूति नहीं जताई जा सकती।
जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि महिला पर अवैध संबंध का विरोध करने पर पति की हत्या कराने का आरोप है। इतना ही नहीं, लक्ष्मी नगर के एक होटल में वह और सहआरोपी प्रेमी राहुल जैन गए और रजिस्टर में पति-पत्नी के रूप में हस्ताक्षर भी किए। इतना ही नहीं, दोनों के फोन पर एक-दूसरे से लगातार संपर्क में रहने का भी रिकॉर्ड है। ऐेसे में उसे जमानत प्रदान करने का कोई आधार नहीं है और न ही उसके प्रति सहानुभूति दिखाई जा सकती है।
प्रीति जैन के अधिवक्ता ने याचिका में अदालत से कहा था कि उसकी 6, 9 और 13 वर्ष की तीन पुत्रियां हैं। उनकी मुवक्किला की गिरफ्तारी के बाद एक पुत्री यौन प्रताड़ना की शिकार हो चुकी है। दो अन्य पुत्रियां दिमागी रूप से परेशान हैं। तीनों वर्तमान में उसकी ननद व ननदोई के पास रह रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किला प्ले स्कूल चलाती थी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद ननद-बहनोई ने संपत्ति पर कब्जा करने के साथ 20 लाख रुपये के जेवर व नकदी की हेराफेरी कर ली है। उन्होंने कहा कि ननद-ननदोई उसकी बेटियों को प्रताड़ित कर रहे हैं। ऐसे में बेटियों की देखभाल के लिए उसे मानवता के आधार पर जमानत प्रदान की जाए।
सरकारी पक्ष ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आरोपी महिला के राहुल जैन से अवैध संबंध हैं और उसने पति की हत्या के लिए षड्यंत्र रचा। इसी कड़ी में उसने 1 मई 2019 को पति के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं और स्वयं बच्चों को लेकर ननद के घर चली गई। इधर, प्रेमी राहुल ने अपने दोस्त विजय के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। हत्या के लिए विजय को डेढ़ लाख रुपये दिए गए। उन्होंने कहा कि आरोपियों के कब्जे से घर से लूटा गया सामान भी बरामद हुआ है।
नई दिल्ली। प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की आरोपी प्रीति जैन को राहत देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। प्रीति ने अपनी तीन नाबालिग पुत्रियों की देखभाल के लिए मानवता के आधार पर जमानत मांगी थी। हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि उस पर गंभीर प्रकृति का आरोप है। वह मामले में मुख्य षड्यंत्रकारी है। ऐसे में उसके प्रति सहानुभूति नहीं जताई जा सकती।
जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि महिला पर अवैध संबंध का विरोध करने पर पति की हत्या कराने का आरोप है। इतना ही नहीं, लक्ष्मी नगर के एक होटल में वह और सहआरोपी प्रेमी राहुल जैन गए और रजिस्टर में पति-पत्नी के रूप में हस्ताक्षर भी किए। इतना ही नहीं, दोनों के फोन पर एक-दूसरे से लगातार संपर्क में रहने का भी रिकॉर्ड है। ऐेसे में उसे जमानत प्रदान करने का कोई आधार नहीं है और न ही उसके प्रति सहानुभूति दिखाई जा सकती है।
प्रीति जैन के अधिवक्ता ने याचिका में अदालत से कहा था कि उसकी 6, 9 और 13 वर्ष की तीन पुत्रियां हैं। उनकी मुवक्किला की गिरफ्तारी के बाद एक पुत्री यौन प्रताड़ना की शिकार हो चुकी है। दो अन्य पुत्रियां दिमागी रूप से परेशान हैं। तीनों वर्तमान में उसकी ननद व ननदोई के पास रह रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किला प्ले स्कूल चलाती थी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद ननद-बहनोई ने संपत्ति पर कब्जा करने के साथ 20 लाख रुपये के जेवर व नकदी की हेराफेरी कर ली है। उन्होंने कहा कि ननद-ननदोई उसकी बेटियों को प्रताड़ित कर रहे हैं। ऐसे में बेटियों की देखभाल के लिए उसे मानवता के आधार पर जमानत प्रदान की जाए।
सरकारी पक्ष ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आरोपी महिला के राहुल जैन से अवैध संबंध हैं और उसने पति की हत्या के लिए षड्यंत्र रचा। इसी कड़ी में उसने 1 मई 2019 को पति के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं और स्वयं बच्चों को लेकर ननद के घर चली गई। इधर, प्रेमी राहुल ने अपने दोस्त विजय के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। हत्या के लिए विजय को डेढ़ लाख रुपये दिए गए। उन्होंने कहा कि आरोपियों के कब्जे से घर से लूटा गया सामान भी बरामद हुआ है।