शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन पर आखिर पुलिस ने पहली कार्रवाई कर दी। शुक्रवार दोपहर धरनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने वहां चल रहे लंगर के टेंट को उखाड़ दिया और संचालकों को थाने ले गई। इस कार्रवाई से धरनास्थल पर अफरा-तफरी फैल गई। नमाज के बाद वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर हंगामे के बाद प्रदर्शनकारियों ने तिरपाल लगाकर अस्थायी लंगर शुरू कर दिया।
धरने में बैठे और उन्हें समर्थन देने पहुंच रहे लोगों के लिए वहां लंगर चलाया जा रहा था। शुक्रवार दोपहर खाना बनते समय पुलिस पहुंची और लंगर के लिए लगा टेंट उखाड़ दिया। इसके बाद पंजाब-हरियाणा से आए इसके संचालकों को थाने ले जाया गया। यह बात तेजी से फैली और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि अहिंसक आंदोलन खत्म करने के लिए पुलिस सभी हथकंडे अपना रही है। करीब दो घंटे तक हंगामे के बाद लोगों ने अस्थायी तिरपाल लगा लंगर फिर शुरू करा दिया। इस बीच, एक गाड़ी में भरकर बिरयानी लाकर लोगों में बांटी गई।
प्रदर्शनकारी बोले, पुलिस ने किया मंच हटाने का प्रयास
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस शुक्रवार को शाहीन बाग में मंच तक पहुंच गई थी। मंच के पीछे लगे पोस्टर-बैनर को पुलिस के निर्देश पर ढक दिया गया। मंच पर लगी टेबल-कुर्सी को भी हटवा दिया गया। कार्रवाई की भनक लगते ही वहां लोगों का जमावड़ा हो गया। लोगों का आरोप है कि पुलिस ने चार घंटे के भीतर रास्ते को खाली करने की धमकी दी थी। इसके बाद लोग काफी देर तक हंगामा करते रहे। दोपहर करीब 1 बजे मंच पहले की तरह बना दिया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रशासन रात के वक्त धरनास्थल की बिजली आपूर्ति बंद करा रहा है। इसी कारण धरनास्थल पर जेनरेटर का इंतजाम किया गया है।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस शांतिपूर्ण धरने को डंडे के बल पर खत्म कराना चाहती है। इसीलिए धरने में शामिल कई लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है। उनका आरोप है कि जुमे की नमाज में पुरुष मस्जिदों में गए तो पुलिस ने मंच पर पहुंचकर धमकी दी। हालांकि उनका कहना है कि सभी पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में थे। आरोप के मुताबिक, पुलिस ने लोगों के नमाज से लौटने से पहले सब कुछ हटाने का प्रयास किया था। भीड़ पहुंचने से पहले ही कथित पुलिस लौट गई थी। उधर, डीटीसी कर्मचारी यूनियन के सदस्यों और पदाधिकारी संतोष राय ने प्रदर्शन को समर्थन दिया।
इसके बाद शाहीन बाग के नाराज प्रदर्शनकारियों ने इलाके की सभी दुकानों को जबरन बंद कराना शुरू कर दिया। लोगों का हुजूम देखकर दुकानदारों ने दुकानें बंद करने में ही भलाई समझी। दोपहर 3 बजे के बाद हालात सामान्य होने के बाद कुछ दुकानें दोबारा खुल गईं। वहीं, पुलिस की कार्रवाई के बाद मंच से ठेले हटाने की अपील की गई। मंच संचालकों ने कहा कि यह मेला नहीं है, जो यहां ठेले लगाए जा रहे हैं।
पीएम और गृृृह मंत्री के खिलाफ नारे
शाहीन बाग प्रदर्शन के मंच से शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर नारे लगे और अभद्र टिप्पणियां की गईं। प्रदर्शनकारियों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को उनके बयानों पर रोगी बाबा तक कह दिया।
शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन पर आखिर पुलिस ने पहली कार्रवाई कर दी। शुक्रवार दोपहर धरनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने वहां चल रहे लंगर के टेंट को उखाड़ दिया और संचालकों को थाने ले गई। इस कार्रवाई से धरनास्थल पर अफरा-तफरी फैल गई। नमाज के बाद वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर हंगामे के बाद प्रदर्शनकारियों ने तिरपाल लगाकर अस्थायी लंगर शुरू कर दिया।
धरने में बैठे और उन्हें समर्थन देने पहुंच रहे लोगों के लिए वहां लंगर चलाया जा रहा था। शुक्रवार दोपहर खाना बनते समय पुलिस पहुंची और लंगर के लिए लगा टेंट उखाड़ दिया। इसके बाद पंजाब-हरियाणा से आए इसके संचालकों को थाने ले जाया गया। यह बात तेजी से फैली और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि अहिंसक आंदोलन खत्म करने के लिए पुलिस सभी हथकंडे अपना रही है। करीब दो घंटे तक हंगामे के बाद लोगों ने अस्थायी तिरपाल लगा लंगर फिर शुरू करा दिया। इस बीच, एक गाड़ी में भरकर बिरयानी लाकर लोगों में बांटी गई।
प्रदर्शनकारी बोले, पुलिस ने किया मंच हटाने का प्रयास
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस शुक्रवार को शाहीन बाग में मंच तक पहुंच गई थी। मंच के पीछे लगे पोस्टर-बैनर को पुलिस के निर्देश पर ढक दिया गया। मंच पर लगी टेबल-कुर्सी को भी हटवा दिया गया। कार्रवाई की भनक लगते ही वहां लोगों का जमावड़ा हो गया। लोगों का आरोप है कि पुलिस ने चार घंटे के भीतर रास्ते को खाली करने की धमकी दी थी। इसके बाद लोग काफी देर तक हंगामा करते रहे। दोपहर करीब 1 बजे मंच पहले की तरह बना दिया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रशासन रात के वक्त धरनास्थल की बिजली आपूर्ति बंद करा रहा है। इसी कारण धरनास्थल पर जेनरेटर का इंतजाम किया गया है।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस शांतिपूर्ण धरने को डंडे के बल पर खत्म कराना चाहती है। इसीलिए धरने में शामिल कई लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है। उनका आरोप है कि जुमे की नमाज में पुरुष मस्जिदों में गए तो पुलिस ने मंच पर पहुंचकर धमकी दी। हालांकि उनका कहना है कि सभी पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में थे। आरोप के मुताबिक, पुलिस ने लोगों के नमाज से लौटने से पहले सब कुछ हटाने का प्रयास किया था। भीड़ पहुंचने से पहले ही कथित पुलिस लौट गई थी। उधर, डीटीसी कर्मचारी यूनियन के सदस्यों और पदाधिकारी संतोष राय ने प्रदर्शन को समर्थन दिया।