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Delhi: मियाद पूरी करने वाले पुराने वाहनों को रेट्रोफिटमेंट से मिलेगी नई जिंदगी, परिवहन विभाग ने दी राहत

अमर उजाला ब्यूरो, दिल्ली Published by: Digvijay Singh Updated Thu, 30 Mar 2023 10:22 PM IST
सार

पुराने डीजल या पेट्रोल वाहनों की मियाद पूरी होने के बाद इन्हें स्क्रैप किया जाता है। रेट्रोफिटमेंट से ई वाहनों में तब्दील हुए वाहनों को जब्त या स्क्रैप करने से बचाया जा सकेगा। 

Retrofitment will give new life to old vehicles which have completed their life
फाइल फोटो - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की मियाद खत्म होने के बाद भी लाखों रुपये की बचत कर सकते हैं। पुराने वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए बुधवार से विशेष अभियान की शुरुआत के साथ ही परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को राहत भी दी है। मियाद पूरी कर चुके पेट्रोल-डीजल वाहनों को रेट्रोफिटमेंट से नई जिंदगी मिलेगी। ई वाहनों के तौर पर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा। ई वाहनों से प्रदूषण नहीं होने की वजह से अधिक दिनों तक इस्तेमाल करने की सुविधा होगी।


दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के चलने पर पाबंदी है। एंड ऑफ लाइफ व्हीकल (मियाद पूरी करने वाले 10 साल पुराना डीजल और 15 साल पुराना पेट्रोल वाहन) के बाद वाहनों का उपयोग करने के लिए रेट्रोफिटमेंट का विकल्प होगा। इसके लिए अधिकृत एजेंसी से ई किट को लगवाना होगा। विभाग की तरफ से अधिकृत एजेंसियों से रेट्रोफिटमेंट की सुविधा मुहैया की जाएगी। इससे वाहन मालिकों को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के बदले ई वाहनों को अधिक दिनों तक इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा। पुराने वाहनों पर कार्रवाई के लिए बुधवार से विशेष अभियान की शुरुआत हुई। पहले दिन 50 से अधिक वाहनों को जब्त कर लिया गया। इनमें 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को पंजीकृत स्कैप एजेंसियों को सौंपा जाएगा। अभियान के तहत रोजाना पुराने वाहनों को जब्त किया जा रहा है।

 


रेट्रोफिटमेंट से बढ़ेगी वाहनों की उम्र
पुराने डीजल या पेट्रोल वाहनों की मियाद पूरी होने के बाद इन्हें स्क्रैप किया जाता है। रेट्रोफिटमेंट से ई वाहनों में तब्दील हुए वाहनों को जब्त या स्क्रैप करने से बचाया जा सकेगा। रेट्रोफिटमेंट के जरिये पुराने वाहनों के ईंजन की जगह बैटरियां और कुछ जरूरी उपकरण लगाए जाते हैं। इस मद में कुछ खर्च करने के बाद लाखों रुपये की बचत की जा सकती है। फिलहाल दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की तरफ से ई किट बनाने वाली एजेंसियों को पैनल में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके पूरा होने के बाद वाहन मालिकों को रेट्रोफिटमेंट में आसानी होगी।

 

एनओसी के लिए जरूरी है
-10 साल से कम पुराने डीजल और 15 साल से कम पेट्रोल वाहनों के लिए दूसरे शहरों के लिए एनओसी जारी की जा सकती है।
-15 साल पूरा करने वाले डीजल वाहनों को नहीं जारी होगी एनओसी।
-एनओसी केवल उन शहरों के लिए ही जारी होगी, जहां एनजीटी ने मियाद पूरी करने वाले वाहनों को चलाने की इजाजत दे दी है।
-मियाद पूरी करने वाले पुराने वाहनों को खुद भी स्क्रैप करवा सकते हैं। वाहनों को स्क्रैप करने के लिए आवेदन करना होगा।
-एनजीटी के आदेश के तहत वाहनों को पंजीकृत नहीं किया जा सकता, वहां के लिए एनओसी नहीं होगी जारी।

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