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Prisoners listening to sermons and music yoga in Tihar spiritual classes are being held
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तिहाड़ में कैदी सुन रहे उपदेश: संगीत-योग के अलावा लग रहीं अध्यात्म की कक्षाएं, 350 बंदी गतिविधियों में शामिल
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: आकाश दुबे
Updated Tue, 07 Feb 2023 05:56 AM IST
सार
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कैदी बार-बार अपराध क्यों करते है, इसपर जेल प्रशासन ने अध्ययन किया तो पता चला कि सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के साथ साथ शैक्षिक अवसरों की कमी के कारण कैदी अपराध को छोड़ नहीं पाते हैं।
युवा कैदियों को अपराध से दूर करने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने पहल की है। जेल नंबर पांच में बंद कैदियों को नैतिक शिक्षा के अलावा व्यावसायिक प्रशिक्षण, योग, संगीत, शैक्षिक और कंप्यूटर शिक्षा देकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है।
जेल नंबर पांच में 18 से 21 साल के कैदी बंद हैं और वर्तमान में उनकी संख्या करीब 990 है। तिहाड़ जेल अधिकारियों ने बताया कि 17 फीसदी कैदी ऐसे हैं, जो बार बार चोरी और झपटमारी के मामले में जेल में बंद हुए हैं। उनके खिलाफ दुष्कर्म के मामले भी दर्ज हैं।
कैदी बार-बार अपराध क्यों करते है, इसपर जेल प्रशासन ने अध्ययन किया तो पता चला कि सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के साथ साथ शैक्षिक अवसरों की कमी के कारण कैदी अपराध को छोड़ नहीं पाते हैं। कैदियों में सुधार लाने के लिए नैतिक शिक्षण, व्यावसायिक प्रशिक्षण, योग, संगीत, शैक्षिक, कंप्यूटर आदि की कक्षाएं शामिल हैं। जेल नंबर पांच में प्राथमिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के शिक्षक सोमवार से शुक्रवार तक कक्षाएं ले रहे हैं। जिसमें करीब 35 कैदी नियमित रूप से अपनी कक्षा में शामिल हो रहे हैं।
वहीं खेल शिक्षक 50 कैदियों को विभिन्न खेलों जैसे बास्केट बॉल, खो-खो, वॉलीबॉल, शतरंज आदि के लिए कोचिंग दे रहे हैं। आईटीआई के शिक्षक कंप्यूटर, इलेक्ट्रीशियन और मोटर ऑटोमोबाइल, प्लम्बर, इलेक्ट्रिक विंग फील्ड का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इन प्रशिक्षण कार्यक्रम में करीब 145 कैदी शामिल हैं।
जेल में कैदियों को संगीत, योग के साथ-साथ दिए जा रहे अध्यात्मिक उपदेश
जेल प्रशासन एनजीओ की मदद से योग, जीवन कौशल प्रशिक्षण, संगीत, नृत्य प्रशिक्षण, खेल, वस्त्र डिजाइनिंग का प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहे हैं और कैदियों को आध्यात्मिक उपदेश भी दे रहे हैं। इन गतिविधियों में करीब 350 कैदी शामिल हैं। इसके अलावा गैर सरकारी संगठन इन कैदियों के बीच नशीले पदार्थों और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में परामर्श और जागरूकता प्रदान कर रहे हैं। इसी जेल में फैक्टरी चल रही है, जिसमें कैदियों को साबुन, सैनिटाइजर, धूप-अगरबत्ती व होली के त्योहार के लिए रंग और अन्य प्रसाधन उत्पादों के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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