दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) छात्रों को डिग्री देने के लिए नई कवायद शुरु करने जा रहा है। एसओएल ने पुरानी डिग्री देने के लिए कैंपस में डिग्री मेला लगाने की योजना तैयार की है। डीयू की सेमेस्टर परीक्षाएं समाप्त होने के बाद इसे आयोजित किया जाएगा। समय-समय पर इसे लगाया जाएगा। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में छात्रों को डिग्री दी जा सके।
एसओएल के ओएसएडी प्रो. उमा शंकर पांडेय ने बताया कि लाखों की संख्या में डिग्री हमारे पास हैं। एसओएल से पास होने के बाद भी छात्र डिग्री लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। छात्रों को जब नौकरी या किसी अन्य कार्य के लिए डिग्री की जरुरत पड़ती है, तभी वह डिग्री लेने के लिए आते हैं। एसओएल के पास काफी डिग्री एकत्र हो गई हैं जिन्हें सहेजना कठिनाई वाला कार्य है। ऐसे में डाक विभाग के सहयोग से डिग्री पहुंचाने की सुविधा शुरू करने के बाद अब डिग्री मेला आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
प्रो. पांडेय ने बताया कि इस योजना को काफी पहले शुरू किया जाना था लेकिन कोरोना महामारी के कारण कैंपस दो साल तक बंद रहा जिसकी वजह से इसे शुरू नहीं किया जा सका। वहीं अभी डीयू में सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं। अब सेमेस्टर परीक्षा समाप्त होने के बाद ही इस योजना को शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। छात्रों को पंजीकरण करना होगा या अन्य किसी तरीके से डिग्री लेने के लिए बुलाया जाएगा इसके लिए प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। छात्रों को डिग्री वर्षवार ही दी जाएगी। इसकेलिए बहुत पुरानी डिग्री के लिए एक समूह बना दिया जाएगा। मालूम हो कि हाल में प्रशासन ने वर्ष 2005 से 2019 तक की डिग्री देने के लिए डाक से डिग्री देने की सुविधा शुरू की है।
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दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) छात्रों को डिग्री देने के लिए नई कवायद शुरु करने जा रहा है। एसओएल ने पुरानी डिग्री देने के लिए कैंपस में डिग्री मेला लगाने की योजना तैयार की है। डीयू की सेमेस्टर परीक्षाएं समाप्त होने के बाद इसे आयोजित किया जाएगा। समय-समय पर इसे लगाया जाएगा। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में छात्रों को डिग्री दी जा सके।
एसओएल के ओएसएडी प्रो. उमा शंकर पांडेय ने बताया कि लाखों की संख्या में डिग्री हमारे पास हैं। एसओएल से पास होने के बाद भी छात्र डिग्री लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। छात्रों को जब नौकरी या किसी अन्य कार्य के लिए डिग्री की जरुरत पड़ती है, तभी वह डिग्री लेने के लिए आते हैं। एसओएल के पास काफी डिग्री एकत्र हो गई हैं जिन्हें सहेजना कठिनाई वाला कार्य है। ऐसे में डाक विभाग के सहयोग से डिग्री पहुंचाने की सुविधा शुरू करने के बाद अब डिग्री मेला आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
प्रो. पांडेय ने बताया कि इस योजना को काफी पहले शुरू किया जाना था लेकिन कोरोना महामारी के कारण कैंपस दो साल तक बंद रहा जिसकी वजह से इसे शुरू नहीं किया जा सका। वहीं अभी डीयू में सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं। अब सेमेस्टर परीक्षा समाप्त होने के बाद ही इस योजना को शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। छात्रों को पंजीकरण करना होगा या अन्य किसी तरीके से डिग्री लेने के लिए बुलाया जाएगा इसके लिए प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। छात्रों को डिग्री वर्षवार ही दी जाएगी। इसकेलिए बहुत पुरानी डिग्री के लिए एक समूह बना दिया जाएगा। मालूम हो कि हाल में प्रशासन ने वर्ष 2005 से 2019 तक की डिग्री देने के लिए डाक से डिग्री देने की सुविधा शुरू की है।