मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपर मुख्य सचिव को सौंपी जांच
ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में उपचार के लिए आई 7 वर्षीय बच्ची के परिजनों को धक्का देकर बाहर निकालने के मामले में स्टाफ के खिलाफ जांच जारी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपर मुख्य सचिव को जांच सौंप दी है। इससे पहले बाल अधिकार आयोग और मानवाधिकार आयोग में भी जिम्स स्टाफ के खिलाफ याचिका दर्ज की जा चुकी है।
बता दें कि 28 अक्टूबर को अमर उजाला के माई सिटी अंक में जिम्स में मरीज के परिजनों से बदसलूकी और धक्का देकर बाहर निकालने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। मामले में बोड़ाकी गांव निवासी दानवीर की बेटी छाया (7) के शरीर में सूजन थी। परिजन एवं पड़ोसियों ने बताया था कि तबियत अधिक बिगड़ने पर दादरी के अस्पताल लेकर गए। वहां से हायर सेंटर रेफर कर दिया। बेहतर इलाज की आस में जिम्स अस्पताल पहुंचे। आरोप है कि जिम्स के स्टाफ ने सुविधा नहीं होने का हवाला देते हुए उपचार करने से मना कर दिया और बाद में धक्का देकर वहां से भगा दिया। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पाई स्थित सिल्वर सिटी-2 निवासी अधिवक्ता नितिन यादव लगातार मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने बाल अधिकार आयोग और मानवाधिकार आयोग के अलावा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री से घटना की शिकायत की। अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने घटना का संज्ञान लेते हुए चार दिसंबर को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को जांच के लिए निर्देशित किया है। अधिवक्ता नितिन यादव ने बताया कि इसकी जानकारी लिखित में मिली है। वहीं, दानवीर के पड़ोसी भगवत ने बताया कि नोएडा से बच्ची को दिल्ली के कलावती अस्पताल रेफर कर दिया था। 15 दिन तक उसका उपचार चला। फिलहाल वह स्वस्थ है।