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पुन्हाना। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और संभावित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ जहां देशभर में उबाल मचा हुआ है वहीं मेवात में भी इसका काफी असर नजर आ रहा है। चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुए मुस्लिम नेताओं की सीएए पर चुप्पी पर अब भाजपा के ही वरिष्ठ नेताओं ने आवाज उठानी शुरू कर दी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला अध्यक्ष राम अवतार सिंगला ने मेवात भाजपा से जुड़े मुस्लिम नेताओं से अनुरोध किया है कि वे मेवात की जनता को सीएए और एनआरसी के बारे में फैल रही गलतफहमी दूर करने के लिए अपने घरों को छोड़कर कर जनता के बीच जाएं। उन्होंने कहा कि जब भाजपा ज्वाइन ही कर ली है तो फिर भाजपा की नीतियों को जनता तक पहुंचाने में शर्म किस बात की है। घरों में बैठकर मात्र कागजी शेर न बनें बल्कि बाहर निकलकर अपने आपको शेर साबित करें।
दरअसल, जब से देश में सीएए लागू हुआ है तब से मेवात और देश के मुस्लिमों में डर का माहौल पैदा हो गया है जिसे वापस लेने के लिए देश भर में लोग धरने पर बैठे हुए हैं। मेवात के बड़कली चौक पर भी पिछले 18 दिनों से धरना चल रहा है। चुनावों से पहले पूर्व विधायक जाकिर हुसैन, पूर्व विधायक नसीम अहमद सहित एक दर्जन मुस्लिम नेता अन्य पार्टियों को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। जब से देश में सीएए लागू हुआ है उसे भाजपा के नेता सही बताते हुए इससे मुस्लिमों को कोई नुकसान होने का दावा कर रहे हैं लेकिन मेवात के पूर्व विधायक जाकिर हुसैन, पूर्व विधायक नसीम अहमद, पूर्व विधायक रहीश खान, जिला प्रमुख के ससुर आलम उर्फ मुंडल, पूर्व गृह मंत्री के बेटे ऐजाज खां, अख्तर हुसैन काटपुरी के अलावा जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके अमन अहमद, इकबाल जैलदार, तैयब हुसैन घासेडिया भी सीएए के न तो समर्थन में बोल रहे हैं और न ही इसका विरोध कर रहे हैं। इस वजह से जहां भाजपा नेताओं में इन नेताओं के प्रति नाराजगी है वहीं आम जनता के बीच भी इन नेताओं की चुप्पी पर खासी नाराजगी है।
पुन्हाना। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और संभावित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ जहां देशभर में उबाल मचा हुआ है वहीं मेवात में भी इसका काफी असर नजर आ रहा है। चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुए मुस्लिम नेताओं की सीएए पर चुप्पी पर अब भाजपा के ही वरिष्ठ नेताओं ने आवाज उठानी शुरू कर दी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला अध्यक्ष राम अवतार सिंगला ने मेवात भाजपा से जुड़े मुस्लिम नेताओं से अनुरोध किया है कि वे मेवात की जनता को सीएए और एनआरसी के बारे में फैल रही गलतफहमी दूर करने के लिए अपने घरों को छोड़कर कर जनता के बीच जाएं। उन्होंने कहा कि जब भाजपा ज्वाइन ही कर ली है तो फिर भाजपा की नीतियों को जनता तक पहुंचाने में शर्म किस बात की है। घरों में बैठकर मात्र कागजी शेर न बनें बल्कि बाहर निकलकर अपने आपको शेर साबित करें।
दरअसल, जब से देश में सीएए लागू हुआ है तब से मेवात और देश के मुस्लिमों में डर का माहौल पैदा हो गया है जिसे वापस लेने के लिए देश भर में लोग धरने पर बैठे हुए हैं। मेवात के बड़कली चौक पर भी पिछले 18 दिनों से धरना चल रहा है। चुनावों से पहले पूर्व विधायक जाकिर हुसैन, पूर्व विधायक नसीम अहमद सहित एक दर्जन मुस्लिम नेता अन्य पार्टियों को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। जब से देश में सीएए लागू हुआ है उसे भाजपा के नेता सही बताते हुए इससे मुस्लिमों को कोई नुकसान होने का दावा कर रहे हैं लेकिन मेवात के पूर्व विधायक जाकिर हुसैन, पूर्व विधायक नसीम अहमद, पूर्व विधायक रहीश खान, जिला प्रमुख के ससुर आलम उर्फ मुंडल, पूर्व गृह मंत्री के बेटे ऐजाज खां, अख्तर हुसैन काटपुरी के अलावा जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके अमन अहमद, इकबाल जैलदार, तैयब हुसैन घासेडिया भी सीएए के न तो समर्थन में बोल रहे हैं और न ही इसका विरोध कर रहे हैं। इस वजह से जहां भाजपा नेताओं में इन नेताओं के प्रति नाराजगी है वहीं आम जनता के बीच भी इन नेताओं की चुप्पी पर खासी नाराजगी है।