न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Thu, 23 Jun 2022 04:54 PM IST
दिल्ली में एक नवंबर से लेकर 28 फरवरी 2023 तक मध्यम व भारी माल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। सर्दी में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। एक अधिकारी के मुताबिक, हर साल सर्दी में दिल्ली की हवा बिगाड़ने में एनसीआर से आने वाले माल वाहनों की भी भागीदारी होती है। इसको देखते हुए चार महीने के लिए ऐसे वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
अधिकारी का कहना है कि इन दिनों ही हवा की गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की जाती है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए बीते 15 जून को दिल्ली सरकार ने अपने पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश को पत्र को लिखा था।
पत्र में राज्य सरकारों से केवल बीएस-6 बसों को ही दिल्ली में प्रवेश देने की अनुमति देने की बात कही गई थी। गौरतलब है कि हर साल सर्दी की शुरुआत से ही खराब वायु गुणवत्ता की वजह से दिल्ली वासियों की सांसें फूलना शुरू हो जाती हैं।
खराब वायु गुणवत्ता के लिए मौसमी दशाओं के साथ-साथ पराली से होने वाला प्रदूषण, सड़कों पर उड़ने वाली धूल, एनसीआर में चल रही गतिविधियों समेत वाहनों से निकलने वाले धुएं को जिम्मेदार माना जाता है।
यही वजह है कि प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने शीतकालीन कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत खुले में कचरा जलाने व मलबा डालने पर प्रतिबंध है। साथ ही सड़कों से उड़ने वाली धूल रोकने के लिए पानी का छिड़काव, दिल्ली के हॉटस्पॉट की पहचान व प्रदूषण नियंत्रण के उपाय शामिल हैं।
विस्तार
दिल्ली में एक नवंबर से लेकर 28 फरवरी 2023 तक मध्यम व भारी माल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। सर्दी में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। एक अधिकारी के मुताबिक, हर साल सर्दी में दिल्ली की हवा बिगाड़ने में एनसीआर से आने वाले माल वाहनों की भी भागीदारी होती है। इसको देखते हुए चार महीने के लिए ऐसे वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
अधिकारी का कहना है कि इन दिनों ही हवा की गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की जाती है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए बीते 15 जून को दिल्ली सरकार ने अपने पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश को पत्र को लिखा था।