यूपी के गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद में इंदिरापुरम की आम्रपाली विलेज सोसायटी में मंगलवार दोपहर को होम आइसोलेशन में रह रहे पांच मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई। मरीजों को मदद दिलाने के लिए एओए अध्यक्ष दीपक कुमार लगातार सोशल मीडिया पर मदद मांगते रहे।
उन्होंने इसकी सूचना एडीएम विनय कुमार को भी व्हाटसएप के जरिए दी लेकिन देर शाम तक कोई रिस्पांस नहीं मिला। आम्रपाली विलेज के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि 21 अप्रैल तक सोसायटी में 120 संक्रमित थे। अब सोसायटी में 300 लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं।
सोसायटी अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि सोसायटी में करीब 1000 फ्लैट हैं। सोसायटी में लगातार संक्रमण बढ़ रहा है। सोसायटी में संक्रमण के हालात चिंताजनक हैं।
10 अप्रैल से अब तक एक दुकानदार समेत सोसायटी के नौ निवासियों की मौत हो चुकी है। इनमें से पांच लोगों की हालत गंभीर है। मंगलवार दोपहर से मरीजों के तीमारदार परेशान हैं। उन्हें तुरंत आक्सीजन बेड की जरूरत है। ट्वीटर से लेकर तमाम वाट्सएप ग्रुपों पर दीपक कुमार ने मदद मांगी।
सोमवार को एक महिला ने मांगी कई बार मदद
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि यहां के हालात इतने खराब हैं कि एक निवासी ने मुझे सोमवार को कई बार फोन कर पति के लिए अस्पताल में बेड ढूंढने को कहा। हमारे पास आठ ऑक्सीजन सिलिंडर हैं जिन्हें हम उन लोगों को दे रहे हैं जो ज्यादा गंभीर हैं। लेकिन इन्हें दोबारा भरना चुनौतीपूर्ण कार्य है।
दीपक कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में सभी सिलिंडर खाली पड़े हैं। हमने एक शख्स को अलीगढ़ भेजा है और यही प्रार्थना कर रहे हैं कि उसे ऑक्सीजन मिल जाए।
बेटे का ऑक्सीजन लेवल अचानक पहुंचा 83 पर और फिर...
वहीं दिनेश कालरा नाम के एक शख्स का कहना है कि उनके 34 साल के बेटे का ऑक्सीजन लेवल 83 पर पहुंच गया था और उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिला। मैं और मेरा बेटा 25 अप्रैल को कोविड पॉजिटिव हुए थे। उसकी हालत सोमवार को अचानक से खराब होने लगी। एक समय पर वह बैठ भी नहीं पा रहा था। बाहर जाना मुमकिन नहीं था इसलिए हमने ऑनलाइन डॉक्टर की सलाह ली और उसे दवा दी। अब उसकी हालत में सुधार हो रहा है और हम यही उम्मीद कर रहे हैं कि उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत न पड़े।
आपको बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा सोमवार को इंदिरापुरम न्यायखंड स्थित आम्रपाली विलेज सोसायटी को सील कर दिया गया। जरूरी सेवाएं सोसायटी में जारी रहेंगी लेकिन लोगों का सोसायटी में आना-जाना बंद कर दिया गया है। दूध और राशन, ब्रेड आदि लोगों को मुहैया कराए जाएंगी।
बता दें कि इंदिरापुरम में सीलिंग की यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पूर्व शिप्रा सनसिटी को सील किया गया था, जिसके बाद से संक्रमण का ग्राफ सोसायटी में गिरने लगा है।
सोसायटी से नहीं निकल सकेंगे बाहर
सील सोसायटी में लोगों को जरूरी सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। जरूरी सामग्री जैसे दूध, ब्रेड एवं राशन आदि सोसायटी में पहुंचती रहेंगी। इसके अलावा कुरियर से भी जरूरी सामग्री मसलन दवाई एवं फूड पैकेट पर पाबंदी नहीं रहेगी। सीलिंग के दौरान लोग सोसायटी प्रांगण में नहीं निकलेंगे। सोसायटी में मेड, धोबी, सफाई कर्मचारी आदि विभिन्न स्टाफ जो बाहरी हैं, उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
विस्तार
यूपी के गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद में इंदिरापुरम की आम्रपाली विलेज सोसायटी में मंगलवार दोपहर को होम आइसोलेशन में रह रहे पांच मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई। मरीजों को मदद दिलाने के लिए एओए अध्यक्ष दीपक कुमार लगातार सोशल मीडिया पर मदद मांगते रहे।
उन्होंने इसकी सूचना एडीएम विनय कुमार को भी व्हाटसएप के जरिए दी लेकिन देर शाम तक कोई रिस्पांस नहीं मिला। आम्रपाली विलेज के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि 21 अप्रैल तक सोसायटी में 120 संक्रमित थे। अब सोसायटी में 300 लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं।
सोसायटी अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि सोसायटी में करीब 1000 फ्लैट हैं। सोसायटी में लगातार संक्रमण बढ़ रहा है। सोसायटी में संक्रमण के हालात चिंताजनक हैं।
10 अप्रैल से अब तक एक दुकानदार समेत सोसायटी के नौ निवासियों की मौत हो चुकी है। इनमें से पांच लोगों की हालत गंभीर है। मंगलवार दोपहर से मरीजों के तीमारदार परेशान हैं। उन्हें तुरंत आक्सीजन बेड की जरूरत है। ट्वीटर से लेकर तमाम वाट्सएप ग्रुपों पर दीपक कुमार ने मदद मांगी।
सोमवार को एक महिला ने मांगी कई बार मदद
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि यहां के हालात इतने खराब हैं कि एक निवासी ने मुझे सोमवार को कई बार फोन कर पति के लिए अस्पताल में बेड ढूंढने को कहा। हमारे पास आठ ऑक्सीजन सिलिंडर हैं जिन्हें हम उन लोगों को दे रहे हैं जो ज्यादा गंभीर हैं। लेकिन इन्हें दोबारा भरना चुनौतीपूर्ण कार्य है।
दीपक कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में सभी सिलिंडर खाली पड़े हैं। हमने एक शख्स को अलीगढ़ भेजा है और यही प्रार्थना कर रहे हैं कि उसे ऑक्सीजन मिल जाए।
बेटे का ऑक्सीजन लेवल अचानक पहुंचा 83 पर और फिर...
वहीं दिनेश कालरा नाम के एक शख्स का कहना है कि उनके 34 साल के बेटे का ऑक्सीजन लेवल 83 पर पहुंच गया था और उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिला। मैं और मेरा बेटा 25 अप्रैल को कोविड पॉजिटिव हुए थे। उसकी हालत सोमवार को अचानक से खराब होने लगी। एक समय पर वह बैठ भी नहीं पा रहा था। बाहर जाना मुमकिन नहीं था इसलिए हमने ऑनलाइन डॉक्टर की सलाह ली और उसे दवा दी। अब उसकी हालत में सुधार हो रहा है और हम यही उम्मीद कर रहे हैं कि उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत न पड़े।