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कानूनों के खिलाफ मेहंदी रचकर महिलाओं ने संभाली आंदोलन की कमान
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कानूनों के खिलाफ मेहंदी रचाकर महिलाओं ने संभाली आंदोलन की कमान
साहिबाबाद। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को यूपी गेट पर महिला किसानों ने मंच और आंदोलन की कमान संभाली। सुबह के समय महिलाओं ने हाथों पर किसान आंदोलन और महिला किसान मजदूर एकता जिंदाबाद के नारे लिखकर आंदोलन को रफ्तार दी। महिला किसान दिवस के मौके पर महिलाएं दूर दराज से ट्रैक्टर चलाकर भी यूपी गेट पहुंचीं। वहां मंच संचालक ने उनका आभार व्यक्त किया। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 18 महिलाएं अनशन पर बैठीं।
मंच संचालक रवनीत कौर ने बताया कि आंदोलन में शामिल 60 से अधिक महिलाओं ने सबसे पहले अपने हाथों पर मेहंदी लगाकर विश्व महिला दिवस मनाया। सुबह से ही दूर-दराज से महिलाओं के आने का सिलसिला जारी रहा। बुजुर्ग और युवतियां भी ट्रैक्टर चलाकर यूपी गेट पहुंचने लगीं। इससे आंदोलन स्थल पर महिलाओं की काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिली। सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अनशन में 18 महिलाएं बैठीं। जिनमें रीना चौहान, अंजू प्रवीन खां, नीलम, बबली, कविता देवी, रितु कौशिक, कुमारी मंजू बेन पाल, कौशल्या, जसपाल कौर, विनोद देवी, सुनीता, प्रेमवती, प्रेमवती, बिमला, बिन्नू अमीनी, सुदेश तेवतिया और सुनीता गुप्ता व लता चौधरी मौजूद रहीं।
मंच पर कमान संभालते हुए महिलाओं ने तीन कृषि कानूनों का विरोध, महंगाई, नारी के महत्व के साथ महिला सशक्तीकरण पर किसानों को संबोधित किया। महिलाओं ने कहा कि घर की रसोई से लेकर बच्चों की पढ़ाई व खेत में भी महिलाएं जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वाहन करती हैं।
मंच संचालक रवनीत कौर ने कहा कि अब महिलाओं ने किसान आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधो पर ली है। हमारे साथ खेत में इस्तेमाल होने वाले यंत्र हल, ट्रैक्टर, खेत सहित अन्य सामान हैं। इतना ही नहीं, महिलाएं वालंटियर, लंगर सेवा, आईटी सेल और लीगल प्लेटफार्म पर भी जिम्मेदारी निभा रहीं हैं। एक महिला वक्ता ने कहा कि यूपी गेट पर सुरक्षा के लिहाज से अब महिला केंद्र बनाया जाएगा। इसमें रोजमर्रा के सामानों के साथ एक्सरसाइज व स्वास्थ्य परीक्षण की सेवाएं मौजूद रहेंगी। डीएमई पर इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है।
कानूनों के खिलाफ मेहंदी रचाकर महिलाओं ने संभाली आंदोलन की कमान
साहिबाबाद। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को यूपी गेट पर महिला किसानों ने मंच और आंदोलन की कमान संभाली। सुबह के समय महिलाओं ने हाथों पर किसान आंदोलन और महिला किसान मजदूर एकता जिंदाबाद के नारे लिखकर आंदोलन को रफ्तार दी। महिला किसान दिवस के मौके पर महिलाएं दूर दराज से ट्रैक्टर चलाकर भी यूपी गेट पहुंचीं। वहां मंच संचालक ने उनका आभार व्यक्त किया। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 18 महिलाएं अनशन पर बैठीं।
मंच संचालक रवनीत कौर ने बताया कि आंदोलन में शामिल 60 से अधिक महिलाओं ने सबसे पहले अपने हाथों पर मेहंदी लगाकर विश्व महिला दिवस मनाया। सुबह से ही दूर-दराज से महिलाओं के आने का सिलसिला जारी रहा। बुजुर्ग और युवतियां भी ट्रैक्टर चलाकर यूपी गेट पहुंचने लगीं। इससे आंदोलन स्थल पर महिलाओं की काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिली। सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अनशन में 18 महिलाएं बैठीं। जिनमें रीना चौहान, अंजू प्रवीन खां, नीलम, बबली, कविता देवी, रितु कौशिक, कुमारी मंजू बेन पाल, कौशल्या, जसपाल कौर, विनोद देवी, सुनीता, प्रेमवती, प्रेमवती, बिमला, बिन्नू अमीनी, सुदेश तेवतिया और सुनीता गुप्ता व लता चौधरी मौजूद रहीं।
मंच पर कमान संभालते हुए महिलाओं ने तीन कृषि कानूनों का विरोध, महंगाई, नारी के महत्व के साथ महिला सशक्तीकरण पर किसानों को संबोधित किया। महिलाओं ने कहा कि घर की रसोई से लेकर बच्चों की पढ़ाई व खेत में भी महिलाएं जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वाहन करती हैं।
मंच संचालक रवनीत कौर ने कहा कि अब महिलाओं ने किसान आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधो पर ली है। हमारे साथ खेत में इस्तेमाल होने वाले यंत्र हल, ट्रैक्टर, खेत सहित अन्य सामान हैं। इतना ही नहीं, महिलाएं वालंटियर, लंगर सेवा, आईटी सेल और लीगल प्लेटफार्म पर भी जिम्मेदारी निभा रहीं हैं। एक महिला वक्ता ने कहा कि यूपी गेट पर सुरक्षा के लिहाज से अब महिला केंद्र बनाया जाएगा। इसमें रोजमर्रा के सामानों के साथ एक्सरसाइज व स्वास्थ्य परीक्षण की सेवाएं मौजूद रहेंगी। डीएमई पर इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है।