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फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाला गैंग बेनकाब, पांच गिरफ्तार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गाजियाबाद
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 14 Aug 2019 03:12 AM IST
सार
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- गाजियाबाद में ट्रांसफर होने के लिए शाहजहांपुर से आए शस्त्र लाइसेंस से खुला फर्जीवाड़ा
- यूनिक आईडी मैच न होने पर डीएम ने बैठाई थी जांच, गिरोह की तह तक पहुंची पुलिस
- गिरोह में शाहजहांपुर असलहा विभाग के दो संविदा कर्मचारी भी शामिल, तलाश में दबिश
फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाकर असलहों की खरीद-फरोख्त कराने वाले गिरोह का खुलासा कर गाजियाबाद पुलिस ने शाहजहांपुर के ग्राम प्रधान सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मंगलवार को डीएम अजय शंकर पांडेय व एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने कलक्ट्रेट सभागार में प्रेसवार्ता कर गिरोह के राजफाश की जानकारी दी।
डीएम ने बताया कि हाल ही में शाहजहांपुर जिले के एक शस्त्र लाइसेंस का गाजियाबाद में ट्रांसफर के लिए आवेदन आया था। जांच में यूनिक आईडी मैच नहीं हुई और पता चला कि उक्त यूनिक आईडी पर कोई शस्त्र लाइसेंस जारी नहीं है। उन्होंने डीएम शाहजहांपुर को चिट्ठी लिखते हुए गाजियाबाद कप्तान को जांच कराने की संस्तुति की। जांच में लाइसेंस फर्जी निकला और गिरोह की परतें खुलती चली गईं।
गन हाउस संचालक है सरगना
एसएसपी ने बताया कि कविनगर पुलिस ने फुरकान पुत्र अब्दुल वहीद निवासी बिहारीपुरा कमला हॉल वाली गली लाल क्वार्टर के सामने थाना विजयनगर, संजय गर्ग पुत्र राजपाल गर्ग निवासी ए-3, सेक्टर-12 प्रताप विहार थाना विजयनगर, विनोद पुऊत्र तेजराम सिंह निवासी मकान नंबर-64 सर्वोदय नगर थाना विजयनगर, हरिशंकर अवस्थी पुत्र राजकुमार निवासी मोहल्ला कोट थाना खुटार जिला शाहजहांपुर व सदानंद शर्मा पुत्र रामाधार शर्मा निवासी अनाथा थाना पुआया जिला शाहजहांपुर को गिरफ्तार किया गया है। हरिशंकर अवस्थी गन हाउस संचालक और गिरोह का सरगना है, जबकि सदानंद उसका सहयोगी व मौजूदा ग्राम प्रधान है।
शाहजहांपुर असलहा विभाग के कर्मचारी शामिल
एसएसपी ने बताया कि गिरोह में शाहजहांपुर असलहा विभाग के दो संविदा कर्मी पवनेश गौतम पुत्र जगदीश प्रसाद निवासी मोहल्ला तिहारजई निकट मलिक मांटेसरी स्कूल शाहजहांपुर थाना जलालाबाद और श्याम बिहारी पुत्र शहजदेलाल निवासी मकान नंबर- 342 आनंदपुरा कालोनी थाना कोतवाली शाहजहांपुर भी शामिल हैं। दोनों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
पीलीभीत जिले में गए थाने से जुड़ा है फर्जीवाड़ा
एसएसपी ने बताया कि पीलीभीत व शाहजहांपुर अलग-अलग जिला बनने के बाद शाहजहांपुर का सहरामऊ उत्तरी थाना पीलीभीत में चला गया था। थाने के 60 गांव पीलीभीत में शामिल हुए थे। इस दौरान इन गांवों में बने शस्त्र लाइसेंसों का ब्यौरा इधर-उधर हो गया। सरगना हरिशंकर अवस्थी ने इसी का फायदा उठाया।
थाने का असलहा रजिस्टर गायब तो सक्रिय हुआ गिरोह
एसएसपी ने बताया कि 2007 में सहरामऊ उत्तरी थाने के शस्त्र लाइसेंस का रजिस्टर असलहा विभाग से गायब हो गया। असलहा बाबू जेल भी गया था। सरगना ने उसी गांवों के पते पर फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाए। क्योंकि, उनके लाइसेंस का कोई रिकॉर्ड ही नहीं था। सरगना ने गन हाउस से लाइसेंस पर असलहा चढ़ा दिया। लाइसेंस का यूनिक आईडी असलहा विभाग के संविदाकर्मी जनरेट करते थे।
शस्त्र लाइसेंस के लिए वसूलते थे 10 लाख तक
आरोपियों के कब्जे से चार पिस्टल, एक रिपीटर गन, एक कार के अलावा 17 शस्त्र लाइसेंसों की छायाप्रति बरामद हुई है। गिरोह एक शस्त्र लाइसेंस बनाने के लिए पांच से 10 लाख रुपये तक वसूलता था। गिरोह अब तक सैकड़ों फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाकर बेच चुका है।
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