बुलंदशहर/ऊंचागांव। क्षेत्र के गांव गजरौला में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग की टीम अभियान के तहत पॉजिटिव मरीजों को लेने के लिए गांव पहुंची थी। विरोध कर रहे 17 ग्रामीणों के खिलाफ विभाग ने महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। नरसेना थाना क्षेत्र के गांव गजरौला में दो से अधिक कोरोना संक्रमित मिलने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीणों की कोरोना जांच को शिविर लगाया गया। सोमवार को शिविर के दौरान एक ग्रामीण में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। जिसे कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने के लिए टीम पहुंची तो युवक के परिजन व ग्रामीणों ने अभद्रता कर विरोध करना शुरू कर दिया। बाद में पुलिसबल बुलाकर और ग्रामीणों को समझाकर युवक को एंबुलेंस द्वारा कोविड-19 अस्पताल भेज दिया गया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की सूचना पर पुलिस ने 13 नामजद समेत 17 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली हैं। सीएचसी प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि कोरोना चेन को तोडऩे के लिए गांव में शिविर लगाकर जांच की गई। जिसमें एक ग्रामीण की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई। पॉजिटिव युवक को ले जाने के दौरान ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। बताया कि थाना पुलिस ने 13 नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली हैं। पूर्व में भी टीम का हो चुका हैं विरोध शासन के निर्देश पर घर-घर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो जुलाई से अभियान चलाया जा रहा हैं। कोरोना चेन को तोडऩे के लिए और कोरोना संक्रमित की पहचान करने के दौरान अक्सर टीम को विरोध का सामना करना पड़ रहा हैं। स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि लोगों की लापरवाही से संक्रमण बढ़ रहा हैं। अगर समय से संक्रमित की पहचान हो जाए तो खतरा कम किया जा सकता हैं। वहीं, शिविर के दौरान पर्याप्त पुलिसबल न मिलने की बात कही। कोट लोगों को स्वास्थ्य विभाग का विरोध नहीं करना चाहिए। लोगों का अभद्रता करना और मरीज को न ले जाने देना गलत हैं। कोरोना मरीज मिलने पर संबंधित को अस्पताल तक ले जाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें। - डॉ. रोहताश यादव, एसीएमओ/नोडल अधिकारी
बुलंदशहर/ऊंचागांव। क्षेत्र के गांव गजरौला में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग की टीम अभियान के तहत पॉजिटिव मरीजों को लेने के लिए गांव पहुंची थी। विरोध कर रहे 17 ग्रामीणों के खिलाफ विभाग ने महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। नरसेना थाना क्षेत्र के गांव गजरौला में दो से अधिक कोरोना संक्रमित मिलने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीणों की कोरोना जांच को शिविर लगाया गया। सोमवार को शिविर के दौरान एक ग्रामीण में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। जिसे कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने के लिए टीम पहुंची तो युवक के परिजन व ग्रामीणों ने अभद्रता कर विरोध करना शुरू कर दिया। बाद में पुलिसबल बुलाकर और ग्रामीणों को समझाकर युवक को एंबुलेंस द्वारा कोविड-19 अस्पताल भेज दिया गया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की सूचना पर पुलिस ने 13 नामजद समेत 17 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली हैं। सीएचसी प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि कोरोना चेन को तोडऩे के लिए गांव में शिविर लगाकर जांच की गई। जिसमें एक ग्रामीण की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई। पॉजिटिव युवक को ले जाने के दौरान ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। बताया कि थाना पुलिस ने 13 नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली हैं। पूर्व में भी टीम का हो चुका हैं विरोध शासन के निर्देश पर घर-घर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो जुलाई से अभियान चलाया जा रहा हैं। कोरोना चेन को तोडऩे के लिए और कोरोना संक्रमित की पहचान करने के दौरान अक्सर टीम को विरोध का सामना करना पड़ रहा हैं। स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि लोगों की लापरवाही से संक्रमण बढ़ रहा हैं। अगर समय से संक्रमित की पहचान हो जाए तो खतरा कम किया जा सकता हैं। वहीं, शिविर के दौरान पर्याप्त पुलिसबल न मिलने की बात कही। कोट लोगों को स्वास्थ्य विभाग का विरोध नहीं करना चाहिए। लोगों का अभद्रता करना और मरीज को न ले जाने देना गलत हैं। कोरोना मरीज मिलने पर संबंधित को अस्पताल तक ले जाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें। - डॉ. रोहताश यादव, एसीएमओ/नोडल अधिकारी