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जिला योजना में सपने दिखाए, नहीं दिया पैसा
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जिला योजना में सपना दिखाए, नहीं दिया पैसा
बुलंदशहर। जिले के जनप्रतिनिधि और अफसर शासन से जिला योजना में लक्ष्यों के हिसाब से पैसा नहीं ला सके। चालू वित्त वर्ष की जिला योजना में अभी तक 442 करोड़ के सापेक्ष मात्र 150 करोड़ की धनराशि ही मिल सकी है। इसमें से भी सिर्फ 136 करोड़ ही खर्च हो पाए हैं।
सूबे के सभी जिलों में हर साल स्थानीय स्तर पर जिला योजना बनाई जाती है। बुलंदशहर में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 38 सरकारी विभागों को शामिल करते हुए 442.21 करोड़ की जिला योजना बनाई गई। प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में पास करके इसे शासन को भेज दिया था। सभी विभागों को उम्मीद थी कि जिला योजना की धनराशि जल्द मिल जाएगी। लेकिन अभी तक 23 विभागों को 150 करोड़ की धनराशि ही मिल सकी हैं। जो पैसा मिला है उसमें से 136 करोड़ ही खर्च हो सके हैं। अफसरों का मानना है कि अब वित्तीय वर्ष का समापन होने वाला है इसलिए जिला योजना के तहत शासन से राशि मिलने की बहुत कम संभावना है। एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष 2021-22 की जिला योजना शुरू हो जाएगी। यह योजना भी 442 करोड़ की है और इसे पास कर शासन को भेजा जा चुका है।
जिला योजना में शामिल 38 सरकारी विभागों में से अभी तक 15 विभागों को एक भी रुपये की राशि नहीं मिल सकी है। इनमें सहकारिता, पर्यावरण, निजी लघु सिंचाई, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, सड़क एवं पुल, पर्यटन विभाग, प्राविधिक शिक्षा, खेलकूद, होम्योपैथी चिकित्सा, आयुर्वेदिक, यूनानी, नगर विकास, खेलकूद, सामुदायिक विकास, ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम और शिल्पकार प्रशिक्षण विभाग शामिल हैं।
जिला योजना में शामिल इन 23 विभागों को ही शासन से राशि मिली है। इनमें कृषि विभाग, गन्ना विभाग, पशुपालन विभाग, दुग्ध विभाग, वन विभाग, ग्राम्य विकास के विशेष कार्यक्रम, रोजगार कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम, राजकीय लघु सिंचाई-नलकूप विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्रादेशिक विकास दल, ऐलोपैथी चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, समाज कल्याण-सामान्य जाति, पिछड़ी जाति कल्याण, सेवा योजन, दिव्यांगजन सशक्तीकरण और महिला कल्याण विभाग शामिल हैं।
मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय ने कहा कि जिला योजना के तहत 442 करोड़ की राशि की शासन से डिमांड की गई थी। लेकिन अभी तक 150 करोड़ की राशि ही प्राप्त हुई है। शासन से अब तक मिली राशि में से जो राशि बची है, उसे संबंधित विभागाें को इसी माह तक खर्च करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
जिला योजना में सपना दिखाए, नहीं दिया पैसा
बुलंदशहर। जिले के जनप्रतिनिधि और अफसर शासन से जिला योजना में लक्ष्यों के हिसाब से पैसा नहीं ला सके। चालू वित्त वर्ष की जिला योजना में अभी तक 442 करोड़ के सापेक्ष मात्र 150 करोड़ की धनराशि ही मिल सकी है। इसमें से भी सिर्फ 136 करोड़ ही खर्च हो पाए हैं।
सूबे के सभी जिलों में हर साल स्थानीय स्तर पर जिला योजना बनाई जाती है। बुलंदशहर में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 38 सरकारी विभागों को शामिल करते हुए 442.21 करोड़ की जिला योजना बनाई गई। प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में पास करके इसे शासन को भेज दिया था। सभी विभागों को उम्मीद थी कि जिला योजना की धनराशि जल्द मिल जाएगी। लेकिन अभी तक 23 विभागों को 150 करोड़ की धनराशि ही मिल सकी हैं। जो पैसा मिला है उसमें से 136 करोड़ ही खर्च हो सके हैं। अफसरों का मानना है कि अब वित्तीय वर्ष का समापन होने वाला है इसलिए जिला योजना के तहत शासन से राशि मिलने की बहुत कम संभावना है। एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष 2021-22 की जिला योजना शुरू हो जाएगी। यह योजना भी 442 करोड़ की है और इसे पास कर शासन को भेजा जा चुका है।
जिला योजना में शामिल 38 सरकारी विभागों में से अभी तक 15 विभागों को एक भी रुपये की राशि नहीं मिल सकी है। इनमें सहकारिता, पर्यावरण, निजी लघु सिंचाई, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, सड़क एवं पुल, पर्यटन विभाग, प्राविधिक शिक्षा, खेलकूद, होम्योपैथी चिकित्सा, आयुर्वेदिक, यूनानी, नगर विकास, खेलकूद, सामुदायिक विकास, ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम और शिल्पकार प्रशिक्षण विभाग शामिल हैं।
जिला योजना में शामिल इन 23 विभागों को ही शासन से राशि मिली है। इनमें कृषि विभाग, गन्ना विभाग, पशुपालन विभाग, दुग्ध विभाग, वन विभाग, ग्राम्य विकास के विशेष कार्यक्रम, रोजगार कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम, राजकीय लघु सिंचाई-नलकूप विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्रादेशिक विकास दल, ऐलोपैथी चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, समाज कल्याण-सामान्य जाति, पिछड़ी जाति कल्याण, सेवा योजन, दिव्यांगजन सशक्तीकरण और महिला कल्याण विभाग शामिल हैं।
मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय ने कहा कि जिला योजना के तहत 442 करोड़ की राशि की शासन से डिमांड की गई थी। लेकिन अभी तक 150 करोड़ की राशि ही प्राप्त हुई है। शासन से अब तक मिली राशि में से जो राशि बची है, उसे संबंधित विभागाें को इसी माह तक खर्च करने के आदेश जारी कर दिए हैं।