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G-20 Summit: उपमुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से मांगे 927 करोड़ रुपये, कहा- विशेष विकास कार्यों के लिए जरूरत

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: आकाश दुबे Updated Sat, 04 Feb 2023 08:16 PM IST
सार

उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि जी-20 सम्मेलन के लिए विशेष विकास कार्य कराने के लिए इस धनराशि की जरूरत होगी। उन्होंने जी-20 बैठक की मेजबानी को लेकर उन्होंने हर्ष जताया है। 

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया - फोटो : एएनआई

विस्तार

दिल्ली सरकार ने जी-20 की तैयारी के लिए केंद्र से मांगे 927 करोड़


उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र

दिल्ली सरकार ने जी-20 बैठक की तैयारियों के लिए केंद्र से 927 करोड़ रुपये मांगे हैं। इसके लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है और तैयारियों को तेजी से पूरा करने के लिए फंड मांगा है। वहीं भाजपा ने केंद्र से पैसा मांगने को अनुचित बताया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि जी-20 सम्मेलन की तैयारियों के लिए दिल्ली सरकार का केंद्र से धन मांगना बेहद आश्चर्यजनक है।

सिसोदिया ने कहा है कि ये भारत के लिए बहुत खुशी की बात है कि इस बार भारत जी-20 की बैठक की मेजबानी कर रहा है। दिल्ली वालों के लिए और भी खुशी की बात है कि इसकी अधिकतर महत्वपूर्ण गतिविधियां दिल्ली में ही होने जा रही हैं। जी-20 की इस बैठक के आयोजन को सफल बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार भारत सरकार का पूरा सहयोग करेगी। दिल्ली सरकार की कोशिश रहेगी कि जी-20 की बैठक के दौरान जो अंतरराष्ट्रीय मेहमान आएं, उनकी मेजबानी में कोई कमी न रहे। 21वीं सदी के भारत की राजधानी के रूप में वह दिल्ली से अविस्मरणीय यादें लेकर लौटें।

इसी दिशा में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर अनेक गतिविधियों और कार्यक्रमों के आयोजन की एक रूपरेखा बनाई है। इसमें जी-20 के प्रमुख आयोजन स्थलों के आसपास के विशिष्ट इलाकों का सौंदर्यीकरण और दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर कुछ विशिष्ट गतिविधियों व कार्यक्रमों के आयोजन के प्रस्ताव हैं। सिसोदिया ने कहा है कि विशेष तैयारियों के लिए जो योजनाएं बनाई गई हैं, उनके लिए दिल्ली सरकार को 927 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी निरंतर इन प्रयासों की समीक्षा कर रहे हैं।

इन सभी प्रयासों व कार्यक्रमों को उपराज्यपाल ने सहमति दी है, लेकिन दिल्ली सरकार के लिए अपने नियमित सीमित संसाधनों से तैयारियों के लिए 927 करोड़ अतिरिक्त खर्च करना आसान नहीं है। भारत सरकार की ओर से दिल्ली सरकार को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में कोई पैसा नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा दिल्ली सरकार को भारत सरकार की ओर से न ही कोई अतिरिक्त ग्रांट दी जाती है। यहां तक कि देश के सभी राज्यों के निगमों को वहां की जनसंख्या के अनुसार दी जाने वाली राशि भी दिल्ली नगर निगम को नहीं दी जाती है।

केंद्र से पैसा मांगना उचित नहीं: भाजपा
cकेजरीवाल सरकार हमेशा से कहती है की दिल्ली का बजट सरप्लस है और जो भी तैयारी दिल्ली में होगी वह सम्मिट के बाद भी लंबे समय तक दिल्ली के काम आएगी। ऐसे में उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को तैयारियों के लिए केंद्र सरकार से पैसा मांगते देख दिल्ली वाले स्तब्ध हैं।
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