{"_id":"6482a0c63daff346b00d0003","slug":"fire-broke-out-at-a-hospital-for-newborns-in-vaishali-colony-new-delhi-2023-06-09","type":"story","status":"publish","title_hn":"Delhi: वैशाली कॉलोनी में नवजात शिशुओं के अस्पताल में लगी आग, 20 मासूमों को सुरक्षित निकाला","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Delhi: वैशाली कॉलोनी में नवजात शिशुओं के अस्पताल में लगी आग, 20 मासूमों को सुरक्षित निकाला
एएनआई, नई दिल्ली
Published by: विजय पुंडीर
Updated Sat, 10 Jun 2023 03:13 AM IST
नई दिल्ली की वैशाली कॉलोनी में नवजात शिशुओं के अस्पताल में आग लग गई। मौके पर दमकल की नौ गाड़ियां भेजी गईं। सभी 20 नवजात शिशुओं को दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा सुरक्षित रूप से बचाया गया और पास के अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया।
नई दिल्ली की वैशाली कॉलोनी में नेस्ट न्यू बोर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल की बेसमेंट में बीती रात अचानक आग लग गई। मौके पर दमकल की नौ गाड़ियां भेजी गईं। सभी 20 नवजात शिशुओं को दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा सुरक्षित रूप से बचाया गया और पास के अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, अस्पताल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। नाले के लिए वहां बड़ा सा गड्ढा खोदा गया है, जिस कारण रात के समय बच्चों को निकालने में काफी दिक्कत आई। यह अस्पताल बिल्डिंग की पहली मंजिल पर है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बिल्डिंग के शीशे तोड़कर बच्चों को निकाला गया क्योंकि अस्पताल की इस बिल्डिंग का एक ही द्वार है जो कि एक गली के अंदर वह भी आग की चपेट में आ गया था
अस्पताल के बेसमेंट क्षेत्र में आग लगी थी। आग की घटना के रोकथाम के लिए पर्याप्त फायर सिस्टम भी लगाया नहीं गए थे। बिजली की तारों का भी जाल बना हुआ है, अंदर जो शॉर्ट सर्किट का कारण हो सकता है।
इमरजेंसी गेट के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है। मुख्य रोड पर बिल्डिंग का कोई द्वार नहीं। मुख्य रोड पर दुकानें खोली गई है। बिल्डिंग का दूसरा गेट पीछे से जहां से अस्पताल के आने जाने वाले लोग आ जा सकते थे।
अस्पताल ने बरती लापरवाही, नहीं थी एनओसी
डाबड़ी के नेस्ट न्यू बोर्न एंड चाइल्ड अस्पताल में आग लगने के मामले में लापरवाही सामने आई है। पुलिस को जांच में पता चला है कि अस्पताल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम और फायर एनओसी नहीं थी।
पुलिस का कहना है कि बेसमेंट में आग की घटना की रोकथाम के लिए पर्याप्त फायर सिस्टम नहीं थे। बिजली की तारों का भी जाल बना हुआ है जो शॉर्ट सर्किट का कारण हो सकता है। इमरजेंसी गेट के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं थी। मुख्य रोड पर बिल्डिंग का कोई द्वार नहीं है। मुख्य रोड पर दुकानें हैं। बिल्डिंग का दूसरा गेट गली में है, जहां से अस्पताल में लोग जाते थे। जरूरी दस्तावेज भी पूरे नहीं मिले। वहीं, अस्पताल के सामने नाले के लिए बड़ा सा गड्ढ़ा खोदे जाने के कारण बच्चों को निकालने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
विज्ञापन
मेरा प्री-मिच्योर बच्चा है। हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया था। सुबह करीब 6:15 बजे घटना के बारे में पता चला तो फौरन अस्पताल पहुंची। बच्चा ठीक था। उसे देखने के बाद राहत की सांस ली।
- वंदना
पहली मंजिल के शीशों को तोड़कर धुआं निकाला
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि जनकपुरी स्थित केंद्र से तुरंत दमकल की गाड़ियां भेजी गईं। दमकल कर्मी तुरंत पहली मंजिल पर पहुंचे और वेंटिलेशन के लिए पहली मंजिल पर लगे सभी शीशों को तोड़ दिया। दूसरी टीम बेसमेंट में लगी आग को काबू करने में जुट गई। अस्पताल कर्मियों की मदद से एक-एक कर बच्चों को सीढि़यों के रास्ते सुरक्षित बाहर निकालकर आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। वहीं, दमकल कर्मियों ने 50 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
बाहर आने के इकलौते रास्ते पर भरा था धुआं
डाबरी मोड़ से घूमते हुए कुछ लोग दादा देव अस्पताल की तरफ आ रहे थे, अचानक उन्हें कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी। नेस्ट न्यू बोर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल की पहली मंजिल से कुछ लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। बाहर आने का एक ही रास्ता था, जहां धुआं भरा था। इससे नीचे आने का कोई रास्ता नहीं था। शोर सुनकर आसपास के फल-सब्जी वाले इकट्ठा हो गए। ऊपर से आवाज आई बहुत सारे नवजात हैं, इन्हें निकालो। आग बुझाने के लिए लोग कभी मिट्टी फेंकते तो कभी कुछ और। दमकल के आने के तुरंत बाद सड़क के तरफ से पहली मंजिल के कांच तोड़े गए। पहले एक-एक कर सभी नवजात को निकाला गया। इसके बाद अन्य स्टाफ भी बाहर आ गया।
रात करीब साढ़े तीन बजे डाबड़ी के अस्पताल से नवजातों को आर्या अस्पताल लाया गया। किसी में नवजात में धुएं का कोई प्रभाव नहीं है। किसी को कोई दिक्कत नहीं हैं। डॉक्टर सभी बच्चों पर निगरानी रखे हुए हैं।
- डॉ. मनीष कुमार, प्रबंध निर्देशक हॉस्पिटल, आर्या हॉस्पिटल
सांस लेने में तकलीफ होने से बृहस्पतिवार शाम को ही दो माह की बेटी को भर्ती कराया था। सुबह छह बजे अस्पताल प्रशासन ने फोन कर घटनाक्रम की जानकारी दी और बताया कि बच्ची को आर्या अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेरी बच्ची सुरक्षित है।
- प्रियंका
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।