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नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में उतरे किसानों का धरना और प्रदर्शन जारी है। कुछ किसान बुराड़ी मैदान भी पहुंचे है लेकिन अधिकांश किसान सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए है। बार्डर पर एक तरफ किसान संगठनों के नेता जहां किसानों को जागरुक कर रहे है तो वहीं कुछ किसान आंदोलन में हुक्का गुड़गुड़ा कर और पत्ते खेलकर अपना टाइम गुजार रहे है।
पंजाब से आए किसान बलिंदर सिंह ने अमर उजाला से कहा कि, 'हम राशन पानी की व्यवस्था के साथ यहां आए हैं। जब तक कोई हल नहीं निकलता तब तक हम यहां डटे रहेंगे। टाइम पास करने के लिए हुक्का ले आए थे। जब भी समय मिलता है तो हम साथियों के साथ बैठकर हुक्का गुड़गुड़ा लेते हैं।'
किसान बलजीत सिंह अरोड़ ने अमर उजाला ने बताया कि, 'किसान संगठनों के आह्वान पर हम दिल्ली आए हैं। वो जो हमें बोलेंगे वह हम वहीं करेंगे। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जातीं हम यहीं हैं। इसलिए ताश खेलकर टाइम पास कर रहे है।'
स्थानीय शराब की दुकानों पर लग रही भीड़
किसानों के जमावड़े के कारण सबसे ज्यादा परेशानी स्थानीय निवासियों को हो रही है। हर तरफ के रास्ते पूरी तरह से बंद है। स्थानीय किराना दुकान और शराब की दुकानों पर किसानों की भीड़ लग रही है।
शराब दुकान के संचालक ने अमर उजाला से कहा कि,'आंदोलन के चलते मुख्य सड़क की दुकान तो पुलिस ने बंद करवा दी, लेकिन पीछे की तरफ गांव में आने वाली दुकान चल रही है। किसानों की दिनभर भीड़ लगी रहती है।'
मोबाइल चार्जिंग के लिए करना पड़ रहा इंतजार
आंदोलन में आए किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी मोबाइल चार्ज करने के लिए आ रही है। कुछ किसान अपने साथ बड़ी बैटरी लेकर आए हैं इससे वे अपने डेरे में भी रोशनी कर पा रहे है और मोबाइल भी चार्ज कर लेते है। लेकिन कुछ किसानों को मोबाइल चार्ज करने के लिए 30 रुपये तक अदा करने पड़ रहे हैं।
किसान मनजीत सिंह ने बताया, 'आसपास के दुकानदारों और घरों में जाकर मोबाइल चार्ज करना पड़ रहा है। कुछ लोग फ्री में ही कर देते है लेकिन कुछ को 20 से 30 रुपये तक देना पड़ रहा है।'
सार
किसानों के जमावड़े के कारण सबसे ज्यादा परेशानी स्थानीय निवासियों को हो रही है। हर तरफ के रास्ते पूरी तरह से बंद है। स्थानीय किराना दुकान और शराब की दुकनों पर किसानों की भीड़ लग रही है...
विस्तार
नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में उतरे किसानों का धरना और प्रदर्शन जारी है। कुछ किसान बुराड़ी मैदान भी पहुंचे है लेकिन अधिकांश किसान सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए है। बार्डर पर एक तरफ किसान संगठनों के नेता जहां किसानों को जागरुक कर रहे है तो वहीं कुछ किसान आंदोलन में हुक्का गुड़गुड़ा कर और पत्ते खेलकर अपना टाइम गुजार रहे है।
पंजाब से आए किसान बलिंदर सिंह ने अमर उजाला से कहा कि, 'हम राशन पानी की व्यवस्था के साथ यहां आए हैं। जब तक कोई हल नहीं निकलता तब तक हम यहां डटे रहेंगे। टाइम पास करने के लिए हुक्का ले आए थे। जब भी समय मिलता है तो हम साथियों के साथ बैठकर हुक्का गुड़गुड़ा लेते हैं।'
किसान बलजीत सिंह अरोड़ ने अमर उजाला ने बताया कि, 'किसान संगठनों के आह्वान पर हम दिल्ली आए हैं। वो जो हमें बोलेंगे वह हम वहीं करेंगे। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जातीं हम यहीं हैं। इसलिए ताश खेलकर टाइम पास कर रहे है।'
स्थानीय शराब की दुकानों पर लग रही भीड़
किसानों के जमावड़े के कारण सबसे ज्यादा परेशानी स्थानीय निवासियों को हो रही है। हर तरफ के रास्ते पूरी तरह से बंद है। स्थानीय किराना दुकान और शराब की दुकानों पर किसानों की भीड़ लग रही है।
शराब दुकान के संचालक ने अमर उजाला से कहा कि,'आंदोलन के चलते मुख्य सड़क की दुकान तो पुलिस ने बंद करवा दी, लेकिन पीछे की तरफ गांव में आने वाली दुकान चल रही है। किसानों की दिनभर भीड़ लगी रहती है।'
मोबाइल चार्जिंग के लिए करना पड़ रहा इंतजार
आंदोलन में आए किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी मोबाइल चार्ज करने के लिए आ रही है। कुछ किसान अपने साथ बड़ी बैटरी लेकर आए हैं इससे वे अपने डेरे में भी रोशनी कर पा रहे है और मोबाइल भी चार्ज कर लेते है। लेकिन कुछ किसानों को मोबाइल चार्ज करने के लिए 30 रुपये तक अदा करने पड़ रहे हैं।
किसान मनजीत सिंह ने बताया, 'आसपास के दुकानदारों और घरों में जाकर मोबाइल चार्ज करना पड़ रहा है। कुछ लोग फ्री में ही कर देते है लेकिन कुछ को 20 से 30 रुपये तक देना पड़ रहा है।'