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बहन ने ले ली भाई की जान: गेम खेलने के लिए मांगा मोबाइल, नहीं दिया तो दबा दिया गला; जुवेनाइल कोर्ट में पेशी
अमर उजाला नेटवर्क, बल्लभगढ़
Published by: अनुज कुमार
Updated Wed, 31 May 2023 09:20 PM IST
शहर में एक बहन ने अपने छोटे भाई की मोबाइल के लिए हत्या कर दी। इस मामले में डॉक्टरों का कहना हैं कि अभिभावक बच्चों के व्यवहार में आ रहे बदलाव पर ध्यान दें। बेहतर होगा अपने सामने बच्चों को मोबाइल दें। मोबाइल को लेकर हीन भावना नहीं आनी चाहिए। बल्लभगढ़ में मंगलवर की शाम भाई ने बहन को गेम खेलने के लिए मोबाइल नहीं दिया। इससे नाराज बहन ने गला दबाकर हत्या कर दी।
मनोरोग विशेषज्ञ की सलाह
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सविता सिंह ने बताया कि आज के समय में माता पिता नौकरी करते है। जिसके कारण बच्चों को समय नहीं दे पा रहे है। इसलिए बच्चे फोन के जरिए अपने अकेलेपन को दूर करते है। दूसरा कोराना काल में बच्चे पढ़ाई को लेकर भी खूब मोबाइल का प्रयोग किया। ऐसे में उनमें एक प्रकार से मोबाइल की तल लग गई है। डॉ. सविता सिंह ने बताया कि अगर बच्चे मोबाइल न मिलने पर गुस्सा आता है। बच्चे को पता भी नहीं होता है कि वह जो कर रहा है वह अपराध है। उसके बाद क्या होगा उसकी जानकारी भी नहीं होती है। परिजनों को शाम को नौकरी से आने के बाद बच्चों के साथ बिना माेबाइल के विभिन्न गतिविधि के जरिए बात व खेलना चाहिए।
दोनों बच्चे हो एक समान
डॉ. सविता का कहना है कि आज के समय में ज्यादातर परिवार में एक बेटा व बेटी है। बेटी को ऐसा लगता है कि माता पिता भाई को ज्यादा प्यार करते है लेकिन माता पिता के लिए दोनों बच्चे एक समान होने चाहिए। ताकि दोनों बच्चों में एक दूसरे के प्रति कोई भी भेदभाव उत्पन्न ना हो। अगर परिजन बेटे को मोबाइल देखने की अनुमति दे रहे है तो बेटी को भी देखने की अनुमति देनी चाहिए। मोबाइल फोन से निकलने वाली किरणों से कई बच्चों को नई बीमारी हो रही है। मोबाइल की लत इतनी बढ़ गई है कि यदि किसी बच्चे के हाथ से मोबाइल छीन लिया जाता है तो वो आक्रामक तक हो जाते हैं।
अभिभावक राजकिशोर कर्दम ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर ना हो उसके लिए फोन दिलाया था। जोकि अब उनको काफी नुकसान हो रहा है। बच्चे अब उनकी बात को सुनते नहीं है। फोन उनको अपने ही बच्चों से दूर कर रहा है।
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