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Delhi AIIMS: अस्पताल में पेट्रोल-डीजल वाहनों का प्रवेश होगा बंद, लोगों को आने-जाने के लिए मिलेगी ये सुविधा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Mon, 05 Jun 2023 09:09 PM IST
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एम्स में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास का कहना है कि एम्स में गंभीर मरीज आते हैं। काफी मरीजों को सांस की समस्या होती है।
एम्स में मरीजों को लाने-ले-जाने वाले पेट्रोल-डीजल के वाहनों के प्रवेश पर जल्द प्रतिबंध लग सकता है। अस्पताल में उपचार करवाने आ रहे मरीज और तीमारदार केवल एम्स के सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग कर सकेंगे। पेट्रोल और डीजल के वाहनों से परिसर में प्रदूषण होता है। जो यहां आने वाले गंभीर मरीजों को परेशान करता है।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एम्स में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास का कहना है कि एम्स में गंभीर मरीज आते हैं। काफी मरीजों को सांस की समस्या होती है। ऐसे में एम्स अन्य वाहनों को बंद करने की तैयारी कर रहा है। प्रयास है कि एम्स में जल्द ही इलेक्ट्रिक सार्वजनिक वाहनों की संख्या को बढ़ाया जाए। इनके आने के बाद सभी मेट्रो स्टेशन, बस स्टॉप व अन्य जगहों से मरीज व अन्य आसानी से आ सकेंगे और उन्हें अन्य वाहनों की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में उनका प्रवेश बंद किया जा सकेगा। जिससे प्रदूषण स्तर में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए एम्स में दस हजार पौधे लगाए गए। साथ ही परिसर क्षेत्र से अतिक्रमण को हटाया गया।
बता दें कि एम्स में पर्यावरण दिवस के अवसर पर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के सहयोग से तीन प्लास्टिक बॉटल क्रशर मशीन लगाई गइ। ये मशीन प्लास्टिक की बोतलों को कुचल देती है, जिससे उनका पुनर्चक्रण को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा कंपनी चार इलेक्ट्रिक बसें भी देगी जो मरीजों व तीमारदारों के लिए फायदेमंद होगी। ये इलेक्ट्रिक बसें कार्बन उत्सर्जन को कम करने और एम्स परिसर के भीतर और झज्जर, बल्लभगढ़ और गाजियाबाद में स्थित विभिन्न केंद्रों में पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
कम करना होगा एकल उपयोग प्लास्टिक
एम्स की मुख्य प्रवक्ता डॉ. रीमा दादा ने कहा कि एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की आवश्यकता है। केवल 10 फीसदी प्लास्टिक उत्पादों को पुनर्नवीनीकरण किया जाता है बाकी पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। वहीं इस मौके पर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के निदेशक सुजॉय चौधरी ने कहा कि हम अन्य संस्थानों और व्यक्तियों को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे।
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